
उद्यमी मित्रों व जीआईएम-डीआईसी के वार्षिक लक्ष्य हुए निर्धारित, ‘निवेश मित्र-3.0’ का होगा अपग्रेडेशन
सीएम योगी के ‘वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी’ के सपने को धरातल पर उतारने के लिए इन्वेस्ट यूपी द्वारा मासिक समीक्षा बैठक का हुआ आयोजन.इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुआ बैठक का आयोजन, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, मुख्य सचिव समेत इन्वेस्ट यूपी के अधिकारी रहे बैठक में उपस्थित.
- ‘उद्यमी मित्र’ पुस्तक का हुआ विमोचन, आगामी वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने पर फोकस, समन्वय बढ़ाने और निवेश बढ़ाने के लिए बनी कार्ययोजना
लखनऊ । उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने उद्यमी मित्रों व जीएम-डीआईसी के वार्षिक लक्ष्य निर्धारित कर दिए हैं। सीएम योगी के विजन को मिशन मानकर प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन और सुविधा एजेंसी इन्वेस्ट यूपी ने अपनी मासिक समीक्षा बैठक का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को आयोजन किया। बैठक में पिछले सत्र के प्रदर्शन की समीक्षा तो की ही गई, साथ ही वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रणनीतिक लक्ष्य निर्धारित करने और प्रदेश में निवेश में तेजी लाने के लिए कार्य योजना तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। कार्यक्रम में उद्यमी मित्र पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
नंदी ने की बैठक की अध्यक्षता, सर्वश्रेष्ठ औद्योगिक माहौल बनाने पर दिया जोर
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को निवेश के लिहाज से पसंदीदा गंतव्य के रूप में बदलने और 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने सीएम योगी आदित्यनाथ के विजन को साकार करने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ औद्योगिक माहौल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, राज्य सरकार और निवेशकों के बीच सेतु का काम कर रहे उद्यमी मित्रों को भी उद्योग सुगमता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के सुझाव दिए। नंदी, प्रमुख सचिव आलोक कुमार और इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद ने साथ मिलकर उद्यमी मित्र पुस्तक का विमोचन भी किया।
मुख्य सचिव ने राज्य की प्रगति का पेश किया ब्योरा
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पिछले 8 वर्षों में राज्य की उल्लेखनीय औद्योगिक प्रगति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रदेश में निवेश पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करके इस गति को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने डिजिटल प्लैटफॉर्म के पढ़ते उपयोग के माध्यम से अनुमोदन में दोरी को समाप्त करने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीपी) को बढ़ाने के साथ ही निवेश प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऑनलाइन अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाने और प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी बनाने से निवेशकों के विश्वास में बढ़ोत्तरी होगी। औद्योगिक भूमि की उपलब्धता के महत्वपूर्ण मुद्दे को संबोधित करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि इन्वेस्ट यूपी के सीईओ को नई औद्योगिक परियोजनाओं के लिए बंद मिलों, कारखानों और चीनी मिलों की भूमि की पहचान करने और उसका पुनः उपयोग करने के लिए एक समर्पित टीम का गठन करना चाहिए।
सहयोग बढ़ाने का रोडमैप हुआ प्रस्तुत
बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने उत्तर प्रदेश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य बनाने के लिए स्टेकहोल्डर्स के बीच सहयोग बढ़ाने का रोडमैप प्रस्तुत किया। इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय किरण आनंद ने समीक्षा बैठक के एजेंडे की रूपरेखा प्रस्तुत की और आगामी वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारण की शुरुआत की। एक संरचित और रणनीतिक दृष्टिकोण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि निवेश को आकर्षित करने के लिए समन्वय सबसे महत्वपूर्ण है। टीमवर्क का मतलब सिर्फ एक साथ काम करना ही नहीं बल्कि इसका मतलब है कि एक साथ बढ़ना, एक-दूसरे से सीछना और खुद को विकसित करना। बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव सूर्य पाल गंगवार ने जिला स्तरीय निवेश प्रोत्साहन तंत्र को मजबूत करने को लेकर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। इससे पहले सत्र में इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रथमेश कुमा ने स्वागत भाषण देते हुए निवेश प्रक्रिया में शामिल सभी स्टेकहोल्डर्स, उद्यमी मित्रों और जिला उद्योग केंद्रो (डीआईसी) के बीच निर्बाध समन्वय के महत्व पर जोर दिया।
निवेश मित्र पर अपडेट किए प्रदर्शित
बैठक में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) टीम ने भारत के सबसे बड़े सिंगल विंडो क्लीयरेंस प्लैटफॉर्म निवेश मित्र पोर्टल पर अपडेट प्रदर्शित किए। यह पोर्टल वर्तमान में 40 विभागों की 500 से अधिक सेवाएं प्रदान करता है। निवेश मित्र 3.0 के आगामी उन्नयन को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई जो इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक रोलऑउट होने के लिए लक्षित है। इससे एक ही मंच पर इंटेंट फाइलिंग, क्लीयरेंस अनुमोदन, भूमि उपलब्धता, प्रोत्साहन वितरण और शिकाय निवारण जैसी सुविधाओं को एकीकृत करने में सहायता मिलेगी। बैठक के शाम के सत्र में इस्कॉन के उपाध्यक्ष स्वामी दीनदयाल कृष्ण दास ने व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास पर प्रेरक अंतर्दृष्टि साझा की, प्रतिभागियों को अनुग्रह और लचीलेपन के साथ प्रगति करने के लिए प्रेरित किया। बैठक के समापन पर इन्वेस्ट यूपी के सीईओ ने जोर देकर कहा कि उद्यमी मित्रों औक जीएम-डीआईसी अधिकारिय़ों को अपने मासिक और वार्षिक भूमि व निवेश प्रोत्साहन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लगन से कार्य करना होगा।