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मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर महाकुंभनगर में भगदड़,30 मरे 60 घायल

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मिनट टू मिनट दौड़ने लगीं 50 से अधिक एंबुलेंस

महाकुंभ नगर : मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर प्रयागराज के महाकुंभनगर में बुधवार को बेरीकेडिंग टूटने की घटना के बाद मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी जबकि 60 अन्य गंभीर रुप से घायल हो गये।कुछ घायलों के परिजन अपने मरीज को लेकर चले गये है जबकि 36 का इलाज स्थानीय मेडिकल कालेज में किया जा रहा है। बुधवार देर शाम मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने मौनी अमावस्या के पर्व पर संगम नोज में हुए हादसे की विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व प्रातः एक बजे से 2 बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना। भीड़ के दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरीकेड्स टूट गए और लोग बैरीकेड्स लांघकर दूसरी तरफ आ गए और ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलना शुरू कर दिया।

▪️शासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए भीड़ को हटाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन इसमें से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई है। इनमें से 25 की पहचान हो चुकी है और शेष की शिनाख्त की जानी बाकी है।

▪️मृतकों में कुछ लोग बाहर के प्रदेशों से हैं, जिसमें कर्नाटक से 4, असम से एक, गुजरात से एक है। कुछ घायलों को परिवार के लोग लेकर चले गए हैं तथा 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन के द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। इस समय स्थिति सामान्य है।

▪️29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। आज मेला प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल इंटरटेन नहीं किया। जो भी मुख्य स्नान पर्व हैं उस पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।

पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे सीएम योगी, तड़के ही सरकारी आवास पर बुलाई उच्च स्तरीय बैठक

मौनी अमावस्या पर्व पर बुधवार को महाकुम्भ में और भी बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन योगी सरकार की प्री प्लान्ड तैयारियों और अधिकारियों की सक्रियता ने इसे सीमित कर दिया। महाकुम्भ में विभिन्न साधु संतों और श्रद्धालुओं ने योगी सरकार की व्यवस्थाओं और सुविधाओं को लेकर यह प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि महाकुम्भ में योगी सरकार ने बहुत बेहतर व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन बुधवार को जिस तरह मेले में भीड़ बढ़ी, यह बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। हालांकि, योगी सरकार और मेला प्रशासन, मेला पुलिस की सजगता और सक्रियता से इस बड़े हादसे को सीमित कर दिया गया। खुद सीएम योगी इस घटना की पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे। सुबह घटना की सूचना मिलते ही सीएम योगी ने अधिकारियों से अपडेट लिया और तड़के ही अपने सरकारी आवास पर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के साथ उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

योगी सरकार की सक्रियता ने सीमित की घटना

श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद ने कहा कि महाकुम्भ में अफवाह की वजह से यह घटना घटी है, लेकिन योगी जी की सरकार ने, उनकी पुलिस ने इस घटना पर तुरंत एक्शन लिया जिससे बहुत से लोगों की जान बच गई। जिस तरह की भीड़ थी, ये हादसा बहुत बड़ा हो सकता था। ये योगी सरकार की व्यवस्था ही थी, यूपी पुलिस का क्विक रिस्पांस ही था, जो बड़ी घटना को सीमित कर दिया गया। इसके लिए योगी सरकार को साधुवाद।

शासन और प्रशासन ने दिखाई मुस्तैदी

नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि मौनी अमावस्या पर्व पर देश और दुनिया से करोड़ो श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी है। शासन और प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुए घटना को नियंत्रित कर लिया। सरकार और व्यवस्था में लगे अधिकारियों की मेहनत से महाकुम्भ का अमृत स्नान शांतिपूर्ण व्यवस्थाओं से संपन्न किया जा रहा। अमृत स्नान पर आए श्रद्धालुओं और संतों से सावधानी रखते हुए अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करता हूं। सभी से सहयोग करने की अपेक्षा के साथ प्रशासन के प्रयासों की सराहना करता हूं।

प्रत्यक्षदर्शी बोले, योगी सरकार के इंतजाम बेहतर

एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक योगी सरकार ने मौनी अमावस्या की फूलप्रूफ प्लानिंग की थी, लेकिन जो घटना घटी उसके लिए काफी हद तक पब्लिक भी जिम्मेदार है। यदि धक्का-मुक्की नहीं होती तो यह घटना नहीं घटती। विपक्ष तो गिद्ध की भूमिका निभा रहा है। गोपालगंज बिहार से आई कुमकुम श्रीवास्तव ने बताया कि महाकुम्भ आकर बहुत अच्छा लगा। योगी सरकार ने अच्छी व्यवस्था की है, लेकिन जो घटना घटी है उसके लिए भारी भीड़ और कुछ लोगों लापरवाही की बड़ी भूमिका है। सरकार तो बार-बार कह रही थी कि जिस स्थान पर आएं वहीं स्नान करें तो फिर संगम नोज पर जाने की क्या आवश्यकता थी।

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मिनट टू मिनट दौड़ने लगीं 50 से अधिक एंबुलेंस

योगी सरकार की आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं और तत्परता की वजह से बड़े हादसे को सीमित कर दिया। घटना में प्रभावित लोगों को बचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दो से तीन मिनट के भीतर 50 से अधिक एंबुलेंस संगम नोज पर पहुंच गईं। लोगों की जान बचाने के लिए एम्बुलेंस से 100 से अधिक राउंड लगाए गए। इसके साथ ही दो से तीन मिनट के भीतर एक्सपर्ट डॉक्टरों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। इस मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस टीम भी चिकित्सकों के साथ घायलों की मदद में जुटी रही।

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस पूरी रफ्तार से घटनास्थल तक पहुंचाई गईं

महाकुम्भ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि महाकुम्भनगर में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों का उपचार किया। इसमें योगी सरकार की आपातकालीन एंबुलेंस सेवा की बड़ी भूमिका रही। हादसे के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस पूरी रफ्तार से घटनास्थल तक पहुंचाई गईं। सिर्फ दो से तीन मिनट के भीतर एक्सपर्ट डॉक्टर और मेडिकल टीम ने मौके पर पहुंचकर प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया।

घटनास्थल पर ही दिया गया प्राथमिक उपचार

50 से अधिक एंबुलेंस ने बिना रुके फर्राटा भरी और घायलों को तत्काल केंद्रीय अस्पताल पहुंचाया। घटनास्थल पर ही घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद गंभीर मरीजों को सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उनका इलाज किया गया। जिसके बाद मरीजों को रवाना कर दिया गया। जरूरत पड़ने पर कुछ मरीजों को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल या तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली अस्पताल) शिफ्ट किया गया।

हर लोकेशन पर पहुंची एंबुलेंस

पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने भी चिकित्सा सहायता के लिए एंबुलेंस के मूवमेंट में सहयोग दिया। ग्रीन कॉरिडोर ने एंबुलेंस को हर लोकेशन पर मिनटों में पहुंचने में मदद की, जिससे हादसे में घायल श्रद्धालुओं को बचाया जा सका। करोड़ों की भीड़ के बीच एम्बुलेंस पूरी रफ्तार से चल सके इसके लिए तत्काल ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसने लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

अस्पताल में 100% मेडिकल स्टाफ लगा इलाज में

डॉक्टरों की सारी शिफ्ट एक हो गई। घायलों के इलाज के लिए 100 प्रतिशत यानी 1000 से ज्यादा मेडिकल स्टाफ अस्पताल में मौजूद रहा। सुबह और शाम की ड्यूटी वाले सभी डॉक्टर्स अस्पताल में मौजूद रहे। इसके अलावा, वार्ड बॉय और नर्स बड़ी संख्या में डॉक्टर के साथ घायलों को बचाने में लगे रहे। पूरे मेला क्षेत्र में अलग अलग लोकेशन से डॉक्टर मात्र 3 मिनट में अस्पताल पहुंच गए।

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