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सोलर बूम : योगी सरकार ने रचा इतिहास, तीन लाख इंस्टॉलेशन का रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने 3,00,654 सोलर इंस्टॉलेशन पूरे कर 1038.27 मेगावॉट क्षमता प्राप्त की है। इससे लाखों उपभोक्ताओं को स्वच्छ, किफायती और निरंतर ऊर्जा मिल रही है। सरकार द्वारा जारी 2074.53 करोड़ रुपये की सब्सिडी ने उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ कम किया है और बिजली बिलों में 40-60% की बचत हो रही है। सोलर रूफटॉप स्थापना से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक सुधार हुआ है तथा रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। यह उपलब्धि यूपी को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रणी बना रही है।

  • 1038.27 मेगावॉट क्षमता से बढ़ी ऊर्जा आत्मनिर्भरता, 2074.53 करोड़ की सब्सिडी से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत

लखनऊ । उत्तर प्रदेश ने योगी आदित्यनाथ सरकार के नेतृत्व में सौर ऊर्जा क्षेत्र में वह उपलब्धि दर्ज की है जिसे ऊर्जा विशेषज्ञ ऐतिहासिक मान रहे हैं। नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में राज्य ने तीन लाख से अधिक सोलर इंस्टॉलेशन (3,00,654) का रिकॉर्ड हासिल किया है, जिससे प्रदेश की कुल सौर ऊर्जा क्षमता 1038.27 मेगावॉट तक पहुँच गई है। यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश को देश के अग्रणी सौर राज्यों में शामिल करती है और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की नई दिशा तय करती है। इस मामले में केवल गुजरात और महाराष्ट्र ही उत्तर प्रदेश से आगे हैं।

राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, डिजिटल मॉनिटरिंग, सब्सिडी सहायता, तेज इंस्टॉलेशन प्रक्रिया और पीएम सूर्य घर योजना ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में ऊर्जा सुरक्षा का एक नया मॉडल प्रस्तुत किया है। कुल 983915 आवेदनों में से 300654 इंस्टॉलेशन पूरे कर लिए गए हैं, जो इस बात का प्रमाण हैं कि सौर ऊर्जा के प्रति जनता का विश्वास तेजी से बढ़ा है।

सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि सरकार ने अब तक 2074.53 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की है, जिससे उपभोक्ताओं को भारी आर्थिक राहत मिली है और बिजली बिलों में 40-60 प्रतिशत तक की बचत दर्ज की जा रही है। यही नहीं, सोलर ऊर्जा ने ग्रामीण उपभोक्ताओं की आर्थिक तस्वीर बदली है, कई घरों में ग्रिड को ऊर्जा बेचकर अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है और जीवन स्तर बेहतर हुआ है।

योगी सरकार की दूरदर्शी नीति से ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक तेज़ी

पिछले आठ वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवीकरणीय ऊर्जा को विकास की प्राथमिकता बनाया। डिजिटल मॉनिटरिंग, यूपीनेडा द्वारा प्रशिक्षण, समयबद्ध इंस्टॉलेशन, बैंक लोन सुविधा और सोलर सखी अभियान ने ग्रामीण जागरूकता बढ़ाई।

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने ऊर्जा पहुंच को लोकतांत्रिक बनाया – हर परिवार तक ऊर्जा, चाहे वह महानगर का निवासी हो या ग्रामीण किसान।

विशेषज्ञों के अनुसार, 1038.27 मेगावॉट की मौजूदा क्षमता न सिर्फ बिजली मांग को संतुलित कर रही है, बल्कि भविष्य में अतिरिक्त ऊर्जा उत्पन्न कर उद्योग और कृषि क्षेत्र के लिए नई संभावनाएं खोल रही है।

अयोध्या बना सौर ऊर्जा का नया केंद्र

बाराबंकी टॉप पर, अयोध्या दूसरे स्थान पर – तेजी से बढ़ रहा आवेदन और इंस्टॉलेशन

सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साझा दृष्टि के अनुरूप तेजी से सोलर सिटी में बदल रही है। पीएम सूर्य घर योजना का अत्यधिक प्रभाव अयोध्या मंडल में दिखाई दे रहा है, जहाँ इस वर्ष अब तक 33269 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया और 16000 से अधिक कनेक्शन स्थापित हो चुके हैं।

जनपदवार ——–रजिस्ट्रेशन संख्या

बाराबंकी ————-10445
अंबेडकर नगर ——–5575
अयोध्या ————-7808
सुल्तानपुर ———–4360
अमेठी —————5081

कनेक्शन स्थापित —————-संख्या

बाराबंकी ————————6425
अयोध्या ————————3475
सुल्तानपुर ———————-1893
अंबेडकर नगर ——————-2363
अमेठी —————————2057

अयोध्या में 40 मेगावॉट का सोलर प्लांट स्थापित किया जा चुका है और सोलर सखी अभियान डोर-टू-डोर जागरूकता फैला रहा है।

आगरा मंडल में रिकॉर्ड 82,759 आवेदन – सौर ऊर्जा से रोजगार सृजन

आगरा । ब्रज क्षेत्र तेजी से ग्रीन एनर्जी हब बन रहा है। आगरा मंडल में 82,759 लोगों ने पीएम सूर्य घर योजना के लिए आवेदन किया है। यूपी नेडा परियोजना अधिकारी के अनुसार इस अभियान ने केवल ऊर्जा बचत ही नहीं बल्कि 3200 से अधिक युवाओं को रोजगार भी दिया है। ‘सूर्य मित्र’ मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध करा रहा है।

आगरा निवासी पंकज यादव कहते हैं :“यूपी नेडा ट्रेंनिंग ने मेरा जीवन बदल दिया। पहले बेरोज़गार था, अब सोलर सेक्टर में स्थायी नौकरी है।”उपभोक्ता रोमा बताती हैं : “पहले बिजली बिल बहुत ज्यादा आता था, अब 50-60% बचत हो रही है। सरकार का यह कदम आम जनता के लिए बड़ी राहत है।”

नए उत्तर प्रदेश का निर्माण – ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम

विशेषज्ञ कहते हैं कि यह आंकड़ा केवल संख्या नहीं, बल्कि नई ऊर्जा व्यवस्था का संकेत है।  प्रदेश में अब तक 50 हजार युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिल चुका है। सोलर इंस्टॉलेशन से छोटे उद्योगों की आय 10–15% तक बढ़ी है और ग्रामीण पलायन में कमी आई है।

सरकारी आंकड़ों में बदलाव की तस्वीर

  • 2.90 लाख घरों में सोलर रूफटॉप संयंत्र
  • 1038.27 मेगावॉट क्षमता
  • 2600+ करोड़ रुपये का अनुदान
  • 3-4 वर्ष में लागत की पूरी भरपाई
  • सेवानिवृत्त नागरिकों, किसानों और मध्यम वर्ग को सबसे अधिक लाभ

अयोध्या के कृपा शंकर श्रीवास्तव, बैंक कॉलोनी :“तीन किलोवॉट पैनल से बिजली बिल बेहद कम आता है, और दोनों सब्सिडी भी मिल चुकी है।”

युवाओं व जनता को भविष्य में क्या लाभ

  • बिजली बिलों में 40-60% तक स्थायी कमी
  • अतिरिक्त उत्पादन से परिवारों की सालाना आय में बढ़ोतरी
  • उद्योगों को सस्ती ऊर्जा से उत्पादन लागत कम
  • पर्यावरण संरक्षण में बड़ा योगदान
  • 2047 तक सभी प्रमुख शहर सोलर सिटी में विकसित

ऊर्जा क्रांति की दिशा में उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक छलांग

उत्तर प्रदेश आज ऊर्जा आत्मनिर्भरता, आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरणीय संरक्षा के तीनों मोर्चों पर अग्रणी है। योगी सरकार की सौर नीति ने यह साबित कर दिया है कि स्वच्छ ऊर्जा केवल सपना नहीं, बल्कि व्यवहारिक भविष्य है। सूर्य की रोशनी पर आधारित यह परिवर्तन नई पीढ़ी के विकास की नींव है। भारत के नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर में उत्तर प्रदेश आने वाले वर्षों में सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभरने जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में रोजगार क्रांति: योगी सरकार की नीतियों से छोटे उद्योगों और युवाओं को नई उड़ान

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