श्रीमद्भागवत कथा:चंद्रभूषण महाराज ने राजा परीक्षित की कथा, शुकदेव जन्म सहित अन्य प्रसंग सुनाया
वाराणसी : क्रेजी लोहिया नगर (महिला समिति) द्वारा लोहिया नगर कॉलोनी, आशापुर के कम्युनिटी हॉल में सप्ताहव्यापी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन रविवार को कथा व्यास श्री चंद्रभूषण जी महाराज ने राजा परीक्षित जन्म की कथा, शुकदेव जन्म सहित अन्य प्रसंग सुनाया। कथा वाचक ने महाराज परीक्षित को मिले श्राप का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार महाराज परीक्षित वन में गए थे। उनको प्यास लगी तो समीक ऋषि से पानी मांगा। ऋषि समाधि में थे, इसलिए उन्होंने राजा की आवाज सुनाई नही दी। परीक्षित ने सोचा कि साधु ने अपमान किया है।
उन्होंने मरा हुआ सांप उठाया और समीक ऋषि के गले में डाल दिया। यह सूचना पास में खेल रहे बच्चों ने समीक ऋषि के पुत्र को दी। ऋषि पुत्र ने श्राप दिया कि आज से सातवें दिन तक्षक नामक सर्प आएगा और राजा को जलाकर भस्म कर देगा। समीक ऋषि को जब यह पता चला तो उन्होंने दिव्य दृष्टि से देखा कि यह तो महान धर्मात्मा राजा परीक्षित हैं और यह अपराध इन्होंने कलियुग के वशीभूत होकर किया है। समीक ऋषि ने जब यह सूचना जाकर परीक्षित महाराज को दी तो वह अपना राज्य अपने पुत्र जन्मेजय को सौंपकर गंगा नदी के तट पर पहुंचे। वहां ऋषि, मुनि देवता आ पहुंचे और अंत में व्यास नंदन शुकदेव वहां पहुंचे। शुकदेव को देखकर सभी ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। कथा सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
कथा के दौरान कथा व्यास के भक्ति गीतों पर श्रद्धालु जम कर झूमें। कथा में दूसरे दिन पद्मश्री डॉ रजनीकांत द्विवेदी व बासुदेव पांडे ने कथा श्रवण किया व कथा व्यास चंद्रभूषण जी महाराज जी का माल्यार्पण कर आशीर्वाद ग्रहण किया। बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कथा सुनने पहुंचे। कथा के पूर्व मुख्य यजमान वीणा राय ने भागवत महाराज की आरती व स्तुति की । इस अवसर पर सारनाथ क्षेत्र के संजय सिंह, रीमा सिंह, विनोद मिश्रा, राजेश सिंह, अरविंद सिंह, विजय अग्रवाल, गायत्री सिंह, बबली सिंह, रत्ना श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित थे।