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हवन के साथ शारदीय नवरात्रि पूजन पूर्ण

जौनपुर। शारदीय नवरात्रि की महा नवमी की संध्या पर घरों और पूजा पंडालों में नवरात्रि की पूजा के अंतिम चरण का यज्ञ एवं हवन आयोजित हुआ। पुरोहितों ने माता रानी की प्रतिमाओं के समक्ष बनाए गए विशेष हवन कुंड में यजमान और अन्य लोगों से हवन करवाया। संपूर्ण वातावरण ‘स्वाहा’ के घोष से गूंज रहा था। गौरतलब है कि नवरात्र की नवमी तिथि के दिन देवी सिद्धिदात्रि देवी की पूजा अर्चना की जाती है। देवी सिद्धिदात्रि नौ दिनों की तपस्या का पूर्णफल प्रदान करती हैं। इसलिए इन्हें कमल पर विराजमान बताया गया है जिनके सामने समस्त देवता और ऋषि मुनि हाथ जोड़े खड़े रहते हैं। पुराणों के अनुसार हवन अथवा यज्ञ सनातन परंपरा में शुद्धिकरण का एक कर्मकांड है। कुंड में अग्नि के माध्यम से देवताओं के निकट हवि पहुंचाने की प्रक्रिया को यज्ञ कहते हैं। नवरात्रि की नवमी तिथि पर हवन करने का विशेष महत्व है। हवन करके नवरात्रि पूजन को पूर्णता प्रदान की जाती है। मान्यता है कि हमारे आसपास यदि आसुरी शक्तियां सक्रिय हैं तो हवन प्रक्रिया इनसे मुक्ति दिलाती है। शुभकामना, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए हवन का सनातन धर्म में बहुत महत्व है।

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