
आज प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के छह वर्ष पूरे हो गए हैं। 2015 में आज ही के दिन भारत सरकार ने लघु कारोबार के उद्यमी कार्यकलापों को बढ़ावा देने तथा नए उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से प्रधान मंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत की थी। बीते दिन वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी कि पीएमएमवाई के शुभारंभ के बाद से बैंकों, एनबीएफसी और एमएफआई द्वारा कुल 14.96 लाख करोड़ की राशि वाले 28.68 करोड़ से अधिक ऋणों को मंजूरी दी गई।
More than 28.68 crore loans for an amount of Rs 14.96 lakh crore sanctioned by Banks, NBFCs & MFIs since launch of the Pradhan Mantri Mudra Yojana (PMMY)
PMMY completes 6 successful years of implementation since its launch on 8th April 2015
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— Ministry of Finance (@FinMinIndia) April 7, 2021
क्या है मुद्रा योजना ?
8 अप्रैल, 2015 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु / सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख तक का ऋण प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की शुरुआत की गई थी। इन ऋणों को इस योजना के तहत मुद्रा ऋण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये ऋण लघु वित्त बैंक, आरआरबी,एमएफआई, वाणिज्यिक बैंक और एनबीएफसी द्वारा दिए जाते हैं। उधारकर्ता उपरोक्त उल्लिखित किसी भी उधार देने वाले संस्थान से संपर्क कर सकते हैं या www.udyamimitra.in पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ये ऋण उत्पादन, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में आय उत्पन्न करने वाले क्रियाकलापों और कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए दिए जाते हैं।
ऋणों को किया गया है तीन श्रेणियों में वर्गीकृत
(पीएमएमवाई) के तत्वावधान में, मुद्रा विकास के चरण /लाभार्थी सूक्ष्म इकाई के विकास और वित्त पोषण की आवश्यकताओं / व्यवसायी के आधार पर ‘शिशु’, ‘किशोर’ और ‘तरुण’ नाम के तीन उत्पाद बनाए हैं। शिशु ऋणों में 50,000 रुपए तक के ऋण दिए जाते हैं। वहीं किशोर ऋण के अंतर्गत 50,000 रुपए से 5 लाख रुपए तक के ऋण दिए जाते हैं, जबकि 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक के ऋण तरुण ऋण के अंतर्गत आते हैं। सरकार की प्राथमिकता छोटे उद्यमी होते हैं, इसलिए उनकी यह कोशिश रहती है कि शिशु श्रेणी के ऋणों का ज्यादा से ज्यादा भुगतान हो, लेकिन साथ-साथ किशोर और तरुण श्रेणियों पर ध्यान दिया जाता है।
2020-21 में 2.64 लाख करोड़ रुपए का किया जा चुका है भुगतान
वित्तीय वर्ष 2020-21 में अभी तक मुद्रा योजना के तहत 2.79 लाख करोड़ रुपए के 4.33 करोड़ ऋणों को मंजूरी दी गई। इस राशि में से 2.64 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। वहीं 2019-20 में 3.37 लाख करोड़ रुपए के 6.22 करोड़ ऋणों को मंजूरी दी गई थी। अभी तक दिए गए ऋणों में से 88 प्रतिशत ऋण ‘शिशु’ श्रेणी के हैं एवं लगभग 24 प्रतिशत ऋण नए उद्यमियों को दिए गए हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति में ऋण लेने वालों की हिस्सेदारी 22.53 प्रतिशत है। लगभग 11 प्रतिशत ऋण अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को दिए गए हैं।
श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, पीएमएमवाई ने 2015 से 2018 तक कुल 1.12 करोड़ अतिरिक्त रोजगार सृजन में सहायता की है।