रूस -यूक्रेन :अमेरिका ने अपने नागरिकों से की तुरंत यूक्रेन छोड़ने की अपील
यूक्रेन में रह रहे अमेरिकी नागरिकों की पहचान कर रूसी सेना द्वारा उन्हें हिरासत में लिए जाने की रिपोर्ट सामने आने के बाद बुधवार को अमेरिका ने अपने नागरिकों से तुरंत यूक्रेन छोड़ने की अपील की है।यूक्रेन स्थित अमेरिकी दूतावास के मुताबिक, यूक्रेन में रह रहे अमेरिकी नागरिकों को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए तुरंत यहां से चले जाना चाहिए। इसके लिए वे वाणिज्यिक या यातायात के अन्य किसी निजी साधन का उपयोग कर सकते हैं।इसके अलावा, यूक्रेन में जारी युद्ध, अपराध और नागरिक अशांति के मद्देनजर अमेरिकी नागरिकों से अधिक सावधानी बरतने की भी अपील की गई है।
इन्हें कहा गया है, ‘यूक्रेन में जारी युद्ध की स्थिति और यहां रूसी सरकार के सुरक्षा अधिकारियों द्वारा अमेरिकियों की पहचान किए जाने के कारण अमेरिकी नागरिकों को यूक्रेन की यात्रा करने से बचना चाहिए। यूक्रेन में अमेरिकी नागरिकों की पहचान कर उन्हें रूसी सेना द्वारा हिरासत में लिए जाने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं, जब ये जमीन के रास्ते रूस के कब्जे वाले क्षेत्र या रूस या बेलारूस के माध्यम से देश छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।’डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की जेल में बंद मशहूर बास्केटबॉल खिलाड़ी ब्रिटर्नी ग्रिनर की रिहाई और उन्हें वापस लाये जाने के आह्वान के बीच अमेरिका की यह अपील सामने आयी है। उन पर अपने सामानों के साथ हैश ऑयल वाले वेप कार्ट्रिज रखने के आरोप थे।ग्रिनर पर लगे आरोपों की जांच करते समय रूसी अधिकारियों ने उनकी हिरासत अवधि 19 मई तक बढ़ा दी है।
कीव और चेर्निहाइव से रूसी सैनिकों की वापसी फर्जी: यूक्रेन
यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने बुधवार को कहा कि कीव और चेर्निहाइव से रूसी सैनिकों की वापसी केवल ‘व्यक्तिगत इकाइयों का रोटेशन’ है और इसका उद्देश्य यूक्रेन के ‘सैन्य नेतृत्व को गुमराह करना’ है।उन्होंने कहा , “कुछ ऐसे संकेत मिले है कि रूसी दुश्मन पूर्व में अपने मुख्य प्रयासों की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिए इकाइयों को फिर से संगठित कर रहा है।”उन्होंने कहा कि इस समय तथाकथित ‘सैनिकों की वापसी’ शायद व्यक्तिगत इकाइयों का रोटेशन है और इसका उद्देश्य यूक्रेन के सशस्त्र बलों के सैन्य नेतृत्व को गुमराह कर कब्जा करने वालों के बारे में गलत धारणा पैदा करना है जो कीव शहर को घेरने की योजना से इनकार करते हैं।
बीबीसी ने बताया कि मंगलवार को रूसी उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने कहा कि रूस यूक्रेन की राजधानी कीव के आसपास अपनी सैन्य कार्रवाई में भारी कटौती करेगा क्योंकि दोनों पक्ष तुर्की में शांति वार्ता के लिए मिले है।मॉस्को के मुख्य वार्ताकार व्लादिमीर मेडिंस्की सहित रूसी प्रतिनिधिमंडल के इस्तांबुल में यूक्रेन के साथ नवीनतम शांति वार्ता के दौर के बाद श्री फोमिन ने संवाददाताओं से कहा, “कीव और चेर्निहाइव में सैन्य गतिविधि को मौलिक रूप से कम करने का फैसला लिया गया है।”उन्होंने कहा कि यह फैसला ‘भविष्य की वार्ता के लिए आपसी विश्वास बढ़ाने’ के प्रयास के तहत लिया गया है जिससे कि यूक्रेन शांति समझौते पर हस्क्षतार करने के लिए सहमत हो सके।
चार देशों ने रूस के 40 से अधिक राजनयिकों को किया निष्कासित
यूक्रेन पर रूस के हमले से नाराज अमेरिकी व यूरोपीय देशों ने प्रतिबंध लगाने के बाद अब रूसी राजनयिकों को अपने देश से निकालना शुरू कर दिया है। ताजा घटनाक्रम में बेल्जियम समेत चार देशों ने 40 रूसी राजनयिकों को अपने अपने देशों से जाने के लिए कह दिया है।मंगलवार को बेल्जियम ने 21 रूसी राजनयिकों को जासूसी या गैरकानूनी गतिविधियों के लिए निष्कासित करने का फैसला किया है। बेल्जियम के विदेश मंत्री सोफी विल्म्स ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया कि जासूसी के संदेह में 21 रूसी राजनयिकों को देश से निष्कासित किया जा रहा है। उन्हें जाने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है।
इसके अलावा नीदरलैंड सरकार ने भी 17 रूसी खुफिया अधिकारियों को निष्कासित करने की बात कही है। आयरलैंड ने भी चार रूसी राजनयिकों को देश छोड़ने के लिए कहा है। चेक रिपब्लिक ने प्राग में रूस के दूतावास में राजनयिक कर्मचारियों के एक सदस्य को निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय तब आया है जब कई अन्य पश्चिमी देशों ने भी संयुक्त राज्य अमेरिका सहित रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर चुके हैं।अमेरिका ने 28 फरवरी को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में रूसी स्थायी मिशन ने 12 स्टाफ सदस्यों और संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में काम करने वाले एक रूसी नागरिक के निष्कासन की घोषणा की थी। आयरलैंड की विदेश मंत्री साइमन केवेनी ने कहा कि राजनयिक के अंतरराष्ट्रीय मानक पर खरा नहीं उतरने वाले और डबलिन में रूस के दूतावास के चार वरिष्ठ अधिकारियों को देश छोड़ने आदेश दिया गया है।
बाइडेन ने अपनी विवादित टिप्पणी के लिए पुतिन से माफी मांगने से किया इनकार
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर की गई अपनी टिप्पणी पर माफी मांगने से इनकार कर दिया है। बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन पर हमले के बाद की गई टिप्पणी उनका स्वाभाविक आक्रोश था। इसके साथ उन्होंने कहा कि माफी मांगने अथवा बयान वापस लेने वाले नहीं हैं। बाइडेन ने कहा कि उनका आशय रूस में सत्ता परिवर्तन के आह्वान से नहीं था। अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
दरअसल, बाइडेन ने शनिवार को वारसा में कहा था कि पुतिन सत्ता में बने नहीं रह सकते। इस टिप्पणी के बाद एक नया विवाद पैदा हो गया था और प्रशासन को इस संबंध में सफाई देना भारी पड़ रहा था। व्हाइट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बाइडेन ने सोमवार को कहा कि मैं अडिग हूं। मैं पुतिन के रवैये को लेकर अपना स्वाभाविक आक्रोश व्यक्त कर रहा था। जो बहुत क्रूरता से अंजाम दे रहे हैं। मैं यूक्रेन के पीड़ित परिवारों से मिलकर लौटा हूं। यूरोप में उनकी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं ना तब और ना अब नीति परिवर्तन की बात कर रहा हूं।पिछले सप्ताह बाइडन ने कहा था कि पुतिन नरसंहार में शामिल हैं और वह (पुतिन) विश्व से अलग-थलग पड़ रहे हैं और न जाने घर में ही कितने लोग उनका समर्थन करेंगे।’ संवाददाताओं के सवाल पर बाइडेन ने कहा कि रूस में सत्ता परिवर्तन अमेरिकी नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि जेनेवा की पिछली बैठक के बाद पुतिन के व्यवहार में बदलाव आया है।
रूस के हमले का 35वां दिन: पूरे यूक्रेन पर बरसे बम, इरपिन लगभग तबाह
कीव । रूस के हमले के 35वें दिन युद्ध विराम की उम्मीदों के बीच पूरे यूक्रेन पर बम बरसे हैं। यूक्रेन के एक शहर इरपिन पर तो इस कदर बमबाजी हुई कि वह लगभग तबाह हो गया है। इसके अलावा कीव, जाइतोमिर, खारकीव देनिप्रो, पोल्टावा में कई जगह धमाकों की आवाज सुनाई दी। यूक्रेन पर रूस का हमला 35 दिन पहले हुआ था। दोनों देशों के बीच शांति की तमाम अंतरराष्ट्रीय कोशिशें विफल हो चुकी हैं। मंगलवार को तुर्की के इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच आमने सामने मुलाकात हुई थी। इसके बाद युद्ध विराम की उम्मीद भी जगी थी। वार्ता के बाद पुतिन और जेलेंस्की के बीच सीधी मुलाकात की उम्मीद भी जगी है।
इस वार्ता में यूक्रेन की राजधानी कीव और और एक अन्य प्रमुख शहर चर्नीहीव पर हमले कम करने को लेकर सहमति बनी थी। इसके बावजूद वार्ता के दूसरे ही दिन रूस ने पूरे यूक्रेन में जोरदार बमबारी जारी रखी है। रिपोर्ट के मुताबिक, कीव, जाइतोमिर, खारकीव देनिप्रो, पोल्टावा में कई जगह धमाकों की आवाज सुनाई दी। यूक्रेन के एक शहर इरपिन पर तो इस कदर बमबाजी हुई कि वह लगभग तबाह हो गया है।दरअसल इरपिन प्रशासन ने यूक्रेन के कब्जे से मुक्त होने का दावा किया था। इस दावे के बाद रूसी सेनाओं ने इरपिन पर तबाही की हद तक बमबाजी की। एक अन्य शहर माइकोलीव के गवर्नर के कार्यालय पर मिसाइल से हमला हुआ। उसमें एक दर्जन लोगों की मौत हो गयी। माना जा रहा है कि गवर्नर विटाली किम को लक्ष्य बनाकर यह हमला किया गया है, जिसमें वे बाल बाल बचे।