
भारत ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया में अग्रणी बनकर उभरा : आरके सिंह
नई दिल्ली। भारतीय औद्योगिक परिसंघ (सीआईआई) के “आत्मनिर्भर भारत – सेल्फ रिलायंस फॉर रीन्युएबल एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग” (आत्मनिर्भर भारत – नवीकरणीय ऊर्जा निर्माण के लिये आत्मनिर्भरता) विषय पर आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि एक प्रकार की ऊर्जा से दूसरे प्रकार की ऊर्जा को अपनाने में भारत दुनिया में अग्रणी बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि दुनिया में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की सबसे तेज विकास दर वाले देशों में भारत भी आता है। आरके सिंह ने आगे कहा कि भारत ने पेरिस में कॉप-21 में संकल्प किया था कि 2030 तक वह अपनी बिजली पैदा करने की कुल क्षमता का 40 प्रतिशत हिस्सा गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त करने लगेगा। वह अपनी कुल क्षमता के 38.5 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, और अगर भावी क्षमता को इसमें जोड़ दिया जाये, तो यह 48.5 प्रतिशत हो जायेगा। मंत्री महोदय ने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में भी अग्रणी बना रहेगा। साथ ही भारत ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि 2030 तक 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर ले।