वाराणसी। बदलते वैश्विक परिदृश्य में आज कल भारतीय सेना के शौर्य की चर्चा तेज है। भारतीय वायु सेना में महिला फाइटर पायलटों की भी आजकल धूम मची है। फ़्रांस से आये विश्व के सबसे अत्याधुनिक राफेल विमान को उड़ाने का सौभाग्य अब बनारस की बेटी शिवांगी राय को मिला है। शिवांगी राफेल पर सवार होकर चीन पाक जैसे दुश्मनों की धुंआ धुंआ करने वाली है।बता दें कि बनारस में पली बढ़ीं और बीएचयू से एनसीसी करने के बाद शिवांगी ने भारतीय वायु सेना की राफेल स्क्वाड्रन की पहली महिला फाइटर पायलट बनने का सौभाग्य हासिल किया है। इसी लिए काशी ही नहीं बल्कि देश विदेश में भी शिवांगी का नाम आज चर्चा में है। बतौर फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह राफेल पर अब शीघ्र उड़ान भरके दुश्मनों के दांत भी खट्टे करेगी।
वर्ष 2017 में मिला था वायुसेना में कमीशन भारत में
महिला लड़ाकू पायलटों के दूसरे बैच के हिस्से के रूप में भर्ती शिवांगी को वर्ष 2017 में भारतीय वायु सेना में कमीशन मिला था। वाराणसी जिले की मूल निवासिनी व फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह फिलहाल प्रशिक्षण के दौर में आजकल जयपुर में हैं। जल्द ही शिवांगी अंबाला में 17 स्क्वाड्रन गोल्डन एरो में शामिल होकर देश का मॉन बढ़ाने वाली है। भारतीय वायु सेना में शामिल होने के बाद से ही शिवांगी सिंह मिग -21 बाइसन लड़ाकू जहाज उड़ा रही थी। वह अंबाला में भारत के सर्वश्रेष्ठ फाइटर पायलटों में से एक विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ भी रह चुकी हैं। शिवांगी के परिजनों ने बताया कि उसका बचपन से सपना रहा कि वह एक दिन विमान उड़ाए जो अब फाइटर विमान राफेल उड़ाने तक पहुंच गया है। शायद इसीलिए कहा गया है कि हौसलों की उड़ान हमेशा ऊंची होनी चाहिए। शिवांगी ने सपना पाला तो उसके सपने आज सच भी साबित हो गए।
साधारण परिवार की इस बेटी पर है काशी को नाज
शिवांगी काशी में पली बढ़ी व बेहद साधारण परिवार की है। जिस पर आज पूरे काशी को नाज भी है। बताया गया कि शिवांगी ने 2013 से 2016 तक बीएचयू में एनसीसी का प्रशिक्षण लिया और भगवानपुर स्थित एक कॉलेज से बीएससी भी किया। शिवांगी की मां सीमा सिंह गृहिणी व भाई मयंक बनारस में 12 वीं के छात्र है वहीं उसके पिता का ट्रांसपोर्ट का साधारण बिजनेस है। सामान्य परिवार में रहने के बाद भी बेटी के सपने उंचाईयों पर जाने से परिवार में एक बार फिर खुशी का माहौल है। इसके पूर्व जब वह पहली बार पायलट बनी थी तब परिवार संग काशी वासियों को गर्व करने का मौका मिला था।
बीएचयू की टिप्स बनी सफलता की लकीर
फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह को बीएचयू में मिली टिप्स उसके सफलता की लकीर बन गई। उच्च शिक्षा के लिए वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय पढ़ने गई । बीएचय में ही वह नेशनल कैडेट कोर में 7 यूपी एयर स्क्वाड्रन का हिस्सा बनी।वर्ष 2016 में प्रशिक्षण के लिए उसे वायु सेना अकादमी में चुना गया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी ने भारतीय वायुसेना के सबसे पुराने जेट विमान मिग -21 और सुखोई को कुशलता पूर्वक उड़ाया। अब वह आधुनिकतम राफेल को उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला भी होगी। इस बात की खबर से ही काशीवासी काफी रोमांचित हैं। शिवांगी के सगे रिश्तेदार की नदेसर में ट्रवेल एजेंसी है। आज उनके चैंबर में भी कइयों ने पहुंच कर शिवांगी व उसके परिजनों को बधाई दी। यहां आज मिष्ठान वितरण भी किया गया।