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प्रदेश में फायर विभाग का पुनर्गठन, एक हजार से अधिक नए पदों के सृजन से बढ़ेगी जनसुरक्षा क्षमता

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की फायर सर्विस को केवल आग बुझाने तक सीमित न रखकर इसे हर प्रकार की आपदा और आपात स्थिति से निपटने के लिए अत्याधुनिक बनाया जाए। उन्होंने विभागीय पुनर्गठन, विशेष प्रशिक्षित यूनिटों के गठन और अत्याधुनिक उपकरणों की व्यवस्था पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने 1,000 से अधिक नए पद सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा कि हर जिले में फायर और आपात सेवाओं की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इससे जनसुरक्षा और राहत कार्यों में तेजी आएगी।

  • मुख्यमंत्री योगी ने कहा – फायर सर्विस को बनाएँ अत्याधुनिक और हर आपदा से निपटने में सक्षम

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक विस्तार और शहरीकरण की गति को देखते हुए अग्निशमन विभाग की संरचना को अधिक सशक्त, आधुनिक तथा जनसुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील बनाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि फायर सर्विस को केवल आग बुझाने तक सीमित न रखकर इसे आपदा प्रबंधन, रेस्क्यू ऑपरेशन और आपात सेवाओं के समेकित स्वरूप में विकसित किया जाए।

मुख्यमंत्री गुरुवार को अग्निशमन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने विभागीय कैडर रिव्यू की आवश्यकता जताते हुए निर्देश दिए कि प्रत्येक रीजन में स्पेशलाइज्ड यूनिट गठित की जाए, जो केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल दुर्घटनाओं तथा सुपर हाईराइज बिल्डिंग जैसी परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हों। मुख्यमंत्री ने फायर सर्विस को अत्याधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित जनशक्ति से सुसज्जित करने के निर्देश भी दिए।

बैठक में विभाग में नए पदों के सृजन पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की प्रशासनिक क्षमता और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक जनपद में अकाउंट कैडर स्थापित किया जाए। साथ ही, राज्य अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय में अतिरिक्त पद सृजित कर प्रशिक्षण एवं अनुसंधान की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जाए।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद विभाग में राजपत्रित संवर्ग के 98 तथा अराजपत्रित संवर्ग के लगभग 922 नए पद सृजित होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इससे जनपद, रीजनल और मुख्यालय स्तर पर फायर सर्विस की कार्यक्षमता और जनसेवा क्षमता को नई मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले में फायर एवं आपात सेवाओं की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। एक्सप्रेस-वे पर बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक 100 किलोमीटर की दूरी पर फायर टेंडर सहित एक छोटी फायर चौकी स्थापित की जाए, ताकि दुर्घटना की स्थिति में गोल्डन ऑवर के भीतर राहत व बचाव कार्य प्रारंभ किया जा सके।

बैठक में बताया गया कि नई ऑपरेशनल इकाइयों के रूप में कुशीनगर, आजमगढ़, श्रावस्ती, कानपुर नगर, अयोध्या, अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट और सोनभद्र एयरपोर्ट पर अग्निशमन सेवाओं की समुचित जनशक्ति पहले ही तैनात की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फायर सर्विस जनता के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से सीधे जुड़ा हुआ विभाग है। इसकी संरचना ऐसी होनी चाहिए, जो हर परिस्थिति में त्वरित, कुशल और उत्तरदायी प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि विभाग के पुनर्गठन की प्रक्रिया समयबद्ध रूप से पूरी की जाए, ताकि इसका लाभ शीघ्र जनता तक पहुँच सके।

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