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विकास से पर्यटन के शिखर पर पहुंचेगी धर्मनगरी अयोध्या

पर्यटन के लिहाज से दुनिया का सबसे खूबसूरत महानगर बनाना सीएम योगी की प्रतिबद्धता .2024 तक पूरा हो जाएगा भव्यतम श्रीराम मंदिर का निर्माण.

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की अयोध्या वैसे तो किसी परिचय की मोहताज नहीं है। यहां के कण-कण में अनुप्राणित धर्म, अध्यात्म और संस्कृति की ख्याति पूरी दुनिया में है। धर्म नगरी को विकास के शिखर पर ले जाकर पर्यटन के लिहाज से विश्व का सबसे खूबसूरत महानगर बनाने की दिशा में तेजी से कार्य हो रहे हैं।

पर्यटन के नक्शे पर अयोध्या शीर्ष पर रहे, यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिबद्धता है। इसे वह कई बार सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं। हाल ही अयोध्या के विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान उन्होंने अपने इस संकल्प को दोहराया। मुख्यमंत्री की इस मंशा के अनुरूप वहां 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को आधार मानकर करीब 30 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्य हो रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्यतम मंदिर का निर्माण कार्य आधा से अधिक पूरा हो चुका है। 2024 तक यह पूरा हो जाएगा।

इसी क्रम में वहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की डेड लाइन मार्च 2023 रखी गई है। रनवे का 60 फीसद काम पूरा हो चुका है। फर्स्ट फेज के टर्मिनल का करीब 45 फीसद काम भी पूरा हो चुका है। इसका निर्माण करीब 821 एकड़ जमीन में होना है। 20 एकड़ जमीन को छोड़ बाकी का अधिग्रहण हो चुका है। पहले फेज का निर्माण कार्य पूरा होने पर यहां से एटीआर 72 एवं कुछ अन्य छोटे जहाजों की उड़ान शुरू हो जाएगी। रेलवे स्टेशन के सुंदरीकरण के लिए आवंटित राशि 100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 240 करोड़ रुपये कर दी गई है। स्थानीय सांसद ने संबंधित मंत्रालय को यह राशि बढाकर 350 करोड़ रुपये करने के लिए पत्र भी लिखा है।

1200 एकड़ में विकसित होगी नव्य-वैदिक अयोध्या

करीब 1200 एकड़ में नव्य या वैदिक अयोध्या का भी निर्माण होना है। इस बाबत माझा, बरहटा, शाहबाजपुर में करीब 700 एकड़ की भूमि का अधिग्रहण प्रक्रिया में है। इसके प्रोजेक्ट को कुछ संशोधनों के साथ केंद्र सरकार की “8 सिटी चैलेंज योजना” के तहत भेजा गया है। अगर इसे इस योजना के तहत चुना गया तो 15वें वित्त आयोग के तहत 15 हजार करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। यही नहीं सरकार करीब 210 किमी लंबे रामवनगमन मार्ग को भी धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए कई काम कर रही है।

मंदिर निर्माण के साथ हो चुका होगा कायाकल्प

कुल मिलाकर आने वाले समय में जब राम मंदिर का निर्माण पूरा होगा उस समय तक अयोध्या का कायाकल्प हो चुका होगा। साथ ही नव्य अयोध्या भी आकर ग्रहण लेने लगेगी। तब मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुसार अयोध्या की पहचान होंगी साफ-सुथरी चौड़ी-चौड़ी चमचमाती सड़कें। सड़कों के किनारे पक्के फुटपाथ। दोनों किनारों पर लकदक हरियाली। सुनियोजित एवं नियंत्रित यातायात। बिना शोर मचाए सड़कों पर फर्राटा भरते इको फ़्रेंडली वाहन, सोलर लाइट का अधिकतम प्रयोग, साफ पानी से भरे जलाशय, हर सरकारी कार्यालय और निजी घरों पर वाटर हार्वेस्टिंग की अनिवार्य व्यवस्था।

अयोध्या से रिश्ते को लेकर मुखर रहे हैं योगी

मालूम हो कि अयोध्या देश और दुनिया के करोड़ों हिंदुओं के आस्था के केंद्र भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है। फिलहाल यह पिछले कई वर्षों से चर्चा के केंद्र में है। करीब छह साल पहले योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से तो यह लगातार चर्चा में है। इसकी कई वजहें हैं। मसलन मुख्यमंत्री गोरखपुर स्थित जिस गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं उसकी तीन पीढ़ियों की राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी अपने इस रिश्ते को लेकर लगातार मुखर रहे। जब भी मौका मिला अयोध्या गए। हर यात्रा के दौरान अयोध्या की बेहतरी के लिए कुछ सौगात दिए। इसके अलावा भी अयोध्या को लेकर समय-समय पर उनके द्वारा लिए गए निर्णय सुर्खियां बनीं। संयोग से उनके ही कार्यकाल में 19 नवम्बर 2019 को रामजन्म भूमि के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया, जिससे करीब 500 साल पुराने और संवेनदनशील विवाद का अंत हुआ। मंदिर के बाबत भूमि पूजन (5 अगस्त-2020) भी योगी के मुख्यमंत्री रहते हुए ही हुआ।

2031 तक तीन गुना बढ़ जाएगी पर्यटकों की संख्या

दरअसल देश और दुनिया में राम की जो स्वीकार्यता है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस संजीदगी से इसे पर्यटन के लिहाज से दुनिया का सबसे खूबसूरत स्थल बनाने में लगे हैं, उसके मद्देनजर आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि होगी। एक अनुमान के अनुसार 2031 तक यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या करीब 7 करोड़ हो जाएगी। यह मौजूदा संख्या से करीब तीन गुना होगी। ऐसा होने पर यहां रहने वालों और आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं के लिए बेहतर वातावरण शासन-प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
होगी। आने वाले पर्यटकों के लिहाज से नियोजित विकास नहीं हुआ तो यहां की बुनियादी सुविधाओं पर जोर पढ़ेगा। ऐसा न हो, इसके लिए योगी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। अयोध्या के कायाकल्प को लेकर शुरू योजनाएं इसी की कड़ी हैं।

विकास के लिए केंद्र-प्रदेश सरकार ने खोल रखा है खजाना

अयोध्या की विकास परियोजनाओं के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार ने खजाना खोल रखा है। मसलन, अयोध्या आने वाली रेलवे लाइन का दोहरीकरण के साथ भविष्य की जरूरतों के अनुसार रेलवे स्टेशन का सुंदरीकरण और विस्तारीकरण होना है। अयोध्या से सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 330 से एयरपोर्ट तक चार लेन की सड़क का नवनिर्माण होना है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अयोध्या धाम से बाईपास के लिए सोहावल से विक्रमजोत तक का प्रस्ताव बना रहा है। करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत से रायबरेली से अयोध्या तक चार लेन की सड़क के चौड़ीकरण का कार्य भी होना है। सरयू की अविरलता और निर्मलता बरकरार रखने के लिए वहां आधुनिकतम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। आने वाले समय में घाट से लेकर सड़क और रेलवे स्टेशन तक का स्वरूप बदल जाएगा।

एयरपोर्ट के साथ इसे जोड़ने वाली फोर लेन की सड़कें अलग से होंगी। अयोध्या में भजन संध्या स्थल, क्वीन हो मेमोरियल पार्क, रामकथा पार्क का विस्तारीकरण,रामकथा गैलरी,आधुनिक बस स्टैंड,मल्टी लेवल पार्किंग, राम की पैड़ी का सुंदरीकरण, सड़क और फुटपाथों का नवीनीकरण, हनुमानगढ़ी-कनक भवन मार्ग का नवीनीकरण, लक्ष्मण किला घाट का विकास, गुफ्तार घाट का सुंदरीकरण, राम की पैड़ी पर पंप हाउस,पार्ट बी का निर्माण, अंतरराष्ट्रीय रामलीला केंद्र, सांस्कृतिक आडीटोरियम, दशरथ महल, सत्संग भवन, यात्री सहायता केंद्र और रैनबसेरा, ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर छाजन, दिगंबर अखाड़ा में मल्टीपरपज हाल का निर्माण होना है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सीवरेज और पेयजल के लिए होने वाले काम अलग से हैं।

वैश्विक पुनर्प्रतिष्ठा के दिपोत्सव की महत्वपूर्ण भूमिका

अयोध्या को वैश्विक पर्यटन के नक्शे पर और मजबूती से माैजूदगी दर्ज कराने के लिए उनके द्वारा शुरू दीपोत्सव की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही। सीएम की मंशा अयोध्या के साथ इसके 84 कोसी परिक्रमा के दायरे में आने वाले सभी धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार भी शामिल है। इसके तहत 84, 14 और पंचकोसी परिक्रमा में आने वाले सभी ऐसे स्थलों का सुंदरीकरण, परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह छाजन के साथ अन्य बुनयादी सुविधाओं की व्यवस्था, पैदल परिक्रमा करने वालों के लिए कच्चा मार्ग आदि होंगे। यही नहीं मखौड़ा जैसे प्रमुख स्थलों के विकास के लिए तो अलग से भी कार्ययोजना तैयार की गयी है।

मालूम हो कि बस्ती के हर्रैया तहसील स्थित मखौडा़ धाम में राजा दशरथ ने अपने गुरु वशिष्ठ और श्रृंगी ऋषि के मार्गदर्शन में पुत्रकामेष्टि यज्ञ का आयोजन किया था। अलग-अलग परिक्रमा मार्गो पर ऐसे और भी कई पौराणिक स्थान हैं जिनका भगवान श्रीराम से संबंध है। ऐसे सभी स्थानों का विकास योगी सरकार के एजेंडे में है। इससे पर्यटन भी बढ़ेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके भी। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में समवेत प्रयास से भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक सम्पन्नता को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित हो रही है। फिजी, थाईलैंड, जापान, नेपाल को अयोध्या से जोड़कर अयोध्या को वैश्विक पटल पर लाने की कोशिश हो रही।

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