National

जन्म और मृत्यु पंजीकरण से विकास योजना बनाने में मिलती है मदद: शाह

नई दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जन्म और मृत्यु के पंजीकरण को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि इससे विकास की योजनाओं को बनाने में मदद मिलती है।श्री शाह ने सोमवार को यहां जनगणना भवन का उद्घाटन करने के साथ-साथ जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए वेबपोर्टल, जियोफेंसिंग के साथ उन्नत मोबाइल एप्लीकेशन और जनगणना प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री के वेबपोर्टल का भी शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि सरकार जनगणना सहित मृत्यु और जन्म पंजीकरण प्रक्रिया को ऑनलाइन कर आसान बना रही है। उन्होंने कहा कि 1981 से अभी तक की सभी जनगणनाओं के इतिहास को एक पुस्तक में संकलित करके प्रकाशित किया गया है। उन्होंने कहा ,“ जनगणना देश के विकास को रेखांकित करने वाली प्रक्रिया है और इसके लिए यह ज़रूरी है कि जियोफेंसिंग के साथ एसआरएस अपग्रेडेड मोबाइल एप्लीकेशन एक ऐसा अलर्ट सिस्टम बनाए जिससे जनगणना करने वाले आवंटित क्षेत्र से बाहर ना जा सकें।“

उन्होंने कहा कि देश में कई संस्थाएं बन रही हैं जो राज्यों, ज़िलों और तहसीलों को विकास में विश्लेषण के साथ पेशेवर सलाह देने की कुव्वत रखती हैं और इन की क्षमता का उपयोग देश के विकास में होना चाहिए। इसके लिए उन्हें विश्लेषण के लिए जनगणना का सारा साहित्य उपलब्ध होना चाहिए और आज से जनगणना के सारे प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री शुरू हो गई है, जिससे योजना और शोध करने वालों को सबसे बड़ा फायदा होगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि काफी सालों तक हमारे देश का विकास मांग-आधारित और टुकड़ों में होता रहा। उन्होंने कहा कि इतने बड़े भौगोलिक विविधता वाले देश में अगर सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशक विकास करना है तो यह बहुत ज़रूरी है कि विकास योजना डेटा के आधार पर हो और डेटा के लिए हमारे पास जनगणना के सिवा और कोई साधन नहीं है। श्री शाह ने कहा कि नई जनगणना देश को पूरी तरह सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशी रूप से विकसित करने का आधार होगी।

श्री शाह ने कहा कि सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराएगी, जिसमें हर व्यक्ति को डेटा भरने का अधिकार होगा, उसका सत्यापन और ऑडिट होगा, और इसमें सामाजिक-आर्थिक स्थिति के 35 से अधिक मानदंडों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले की जनगणनाओं में विकास के लिए जो डेटा उपलब्ध होना चाहिए, वो नहीं था और ना ही उसके विश्लेषण की व्यवस्था थी।

उन्होंने कहा कि आज़ादी के लगभग 70 सालों बाद योजना बनी कि हर गांव में बिजली पहुंचनी चाहिए, हर व्यक्ति को घर, नल से स्वच्छ पीने का पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और हर घर में शौचालय बन जाए। श्री शाह ने कहा कि आजादी के लगभग 70 सालों बाद तक पानी, बिजली, घर, स्वास्थ्य आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं क्योंकि इनके लिए आवश्यक बजट उपलब्धता किसी को नहीं पता थी, मोदी सरकार डेटा का उचित विश्लेषण कर गरीबों तक सुविधाएं पहुंचाएगी।

उन्होंने कहा कि योजनाएं बनती रहीं, लक्ष्य तय होते रहे लेकिन सबको घर देने का लक्ष्य तय करने का साहस नहीं था क्योंकि किसी को नहीं पता था कि इसके लिए कितना बजट चाहिए।इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, अजय कुमार मिश्रा और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।(वार्ता )

VARANASI TRAVEL
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: