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राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल विविधता में एकता के प्रतीक: कोविंद

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूलों में देश के अनेक प्रांतों के छात्र पढ रहे हैं और इस मायने में इनका चरित्र पूरी तरह राष्ट्रीय है तथा इनमें देश की विविधता में एकता की विशेषता की पूरी झलक दिखायी देती है।श्री कोविंद ने सोमवार को बेंगलुरू में राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कभी सैन्यकर्मियों के बच्चों के लिए खोले गये इन स्कूलों की छवि पूरी तरह से राष्ट्रीय बन गयी है क्योंकि एक तो इनके दरवाजे सबके लिए खोल दिये गये हैं दूसरे इनमें सभी राज्यों के बच्चे पढ रहे हैं।

बेंगलुरू राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें 23 राज्यों के बच्चे पढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से लेकर केरल तक ये कैडेट हमारे देश की विविधता में एकता का प्रतीक हैं।राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न प्रांतों के छात्रों के एक साथ पढने से उन्हें साथी छात्रों के प्रांत की संस्कृति, भाषा और परंपराओं की जानकारी मिलती है।कर्नाटक की हर क्षेत्र में उत्कृष्टता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश इस राज्य के सपूत फील्ड मार्शल के एम करियप्पा के योगदान को हमेशा याद रखेगा।

उन्होंने कहा कि फील्ड मार्शल करियप्पा हमारी सेना के पहले भारतीय कमांडर इन चीफ थे और फील्ड मार्शल के रैंक से नवाजे जाने वाले दो जनरलों में से एक थे।राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल बेंगलुरू की सम़ृद्ध धरोहर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस स्कूल के छात्रों ने सेना वरिष्ठ अधिकारियों , न्यायाधीशों , नौकरशाह , उद्योगपति , खिलाड़ी और कलाकार के रूप में देश को गौरान्वित किया है।

उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि इस शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूलों के साथ साथ राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के दरवाजे लड़कियों के लिए भी खोल दिये गये हैं। देश की लड़कियों ने सभी बाधाओं को पार करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में नये रिकार्ड कायम कर इतिहास रचा है।(वार्ता)

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