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अहंकार के कारण संसद सदस्यता खोयी राहुल गांधी ने : वैष्णव

देश पर शासन करना अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं राहुल : अश्विनी वैष्णव

नयी दिल्ली : केन्द्रीय रेल, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलैक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने अहंकार एवं सामंती सोच के कारण संसद की सदस्यता खोयी है और वह खुद को संविधान, अदालत एवं संस्थाओं से ऊपर समझते हैं।केंद्रीय मंत्री  ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि उन्हें लगता है कि इस देश पर शासन करना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है।वह सोचते हैं कि चूंकि वह गांधी परिवार में पैदा हुए, इसलिए वह संविधान, अदालत और संसद से ऊपर हैं। वह यह भी सोचते हैं कि वह भारत के संविधान से ऊपर हैं।

श्री वैष्णव ने रेलभवन में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि श्री गांधी अपने अहंकार के कारण संसद की सदस्यता के अयोग्य घोषित किये गये हैं। उन्होंने अन्य पिछड़े वर्ग का अपमान किया और अदालत ने उसे संज्ञान में लेकर एक फैसला सुनाया लेकिन वह मानते हैं कि अदालत गलत है। दरअसल पर आत्माधिकार की राजनीति करते हैं और मानते हैं कि एक परिवार विशेष में पैदा होने के कारण उन्हें राज करने का जन्मसिद्ध अधिकार है।श्री वैष्णव ने कहा कि श्री गांधी समझते हैं कि वह संविधान, अदालतों एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं से ऊपर हैं और कोई अदालत उनके विरुद्ध फैसला कैसे सुना सकती है। देश में विकट परिस्थिति है। सारे भ्रष्टाचारी एक साथ इकट्ठा हो गये हैं। देश में स्वच्छ सरकार है और जनता का नया मिजाज है। उसे कैसे खत्म करें, इसकी साजिश रची जा रही है।

उन्होंने कहा कि जो लोग आज सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें याद करना चाहिए कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार के समय किस तरह का भ्रष्टाचार था। तत्कालीन प्रधानमंत्री के विदेश दौरे के समय अध्यादेश फाड़ने से क्या संस्थाएं मजबूत हो जाती हैं।उन्होंने कहा कि जब संविधान ने देश में शासन की एक व्यवस्था बनायी है तो उस समय राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के नाम पर समानांतर प्रधानमंत्री कार्यालय बनाना कहां जायज़ था।उन्होंने कहा कि श्री गांधी ने अपने अहंकार एवं खुद को संविधान, अदालतों एवं संस्थाओं से ऊपर समझने की सामंती सोच के कारण संसद की सदस्यता गंवायी है।(वार्ता)

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