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प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के मौजूदा हालात पर की उच्चस्तरीय बैठक

जासूसी के आरोप में रूस के 12 राजनयिकों को अमेरिका छोड़ने के आदेश

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन में लगातार बिगड़ रहे हालात पर मंत्रिपरिषद के सहयोगियों और अधिकारियों से मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों और विद्यार्थियों की सुरक्षित वापसी के लिए जारी आपरेशन गंगा के बारे में नवीनतम जानकारी हासिल की। प्रधानमंत्री मोदी लगातार यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।
उच्चस्तरीय बैठक में यूक्रेन में संघर्ष के दौरान एक भारतीय छात्र के मारे जाने और अन्य भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के उपायों पर विचार किया गया । प्रधानमंत्री ने मृत छात्र नवीन शेखरप्पा के पिता से टेलीफोन पर बात कर उनके प्रति संवेदना व्यक्त की।

प्रधानमंत्री के निर्देश पर यूक्रेन के पड़ोसी देशों पोलेंड, रोमानिया, स्लोवाकिया आदि में भारतीय मंत्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह पोलेंड में आश्रय लेने वाले भारतीय विद्यार्थियों से मुलाकात की है। प्रधानमंत्री ने भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस निकालने के अभियान में भारतीय वायुसेना को सहयोग देने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात कर उन्हें यूक्रेन के घटनाक्रम और वहां से भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने के बारे में किए जा रहे उपायों की जानकारी दी। केंद्र सरकार ने भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसके मद्देनजर विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थित रूसी और यूक्रेन के राजदूतों के साथ फिर विचार-विमर्श किया है।

…और, दो सेकंड में ध्वस्त हो गया खारकीव का प्रशासनिक मुख्यालय

यूक्रेन पर रूसी हमले की तीव्रता लगातार बढ़ती जा रही है। अब रूसी सेनाएं प्रमुख यूक्रेनी शहरों के प्रशासनिक तंत्र पर सीधे हमला कर रही हैं। मंगलवार को रूसी सेना ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर ताबड़तोड़ हमले किये। रूसी सेना की एक मिसाइल ने सीधे खारकीव के प्रशासनिक मुख्यालय को निशाना बनाया। मिसाइल हमले में प्रशासनिक मुख्यालय भवन दो सेकंड में ध्वस्त हो गया।

मंगलवार को स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग आठ बजे खारकीव के प्रशासनिक मुख्यालय भवन पर मिसाइल दागी गयी। इससे यह भवन तो ध्वस्त हुआ ही, आसपास मौजूद कई नागरिकों के भी हताहत होने की जानकारी सामने आई है। खारकीव के प्रमुख ओलेग सेनगुबोव ने भी प्रशासनिक इमारत गिरने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आज रूसी हमले का छठा दिन है और अब प्रशासनिक और रिहायशी इमारतों पर भी रूस की ओर से हमले किए जा रहे हैं। प्रशासनिक व आवासीय भवनों पर हमलों को युद्ध नियमों का उल्लंघन माना जाता है। सेनगुबोव ने कहा कि रूस ने ग्रेड और क्रूज मिसाइलों से खारकीव पर हमला बोल दिया है। रूस अब युद्ध अपराध कर रहा है लेकिन हमारी सेनाएं डटी हुई हैं और रूस का कड़ा मुकाबला किया जा रहा है।

खारकीव के अलावा रूसी सेना ने राजधानी कीव की भी घेरेबंदी कर ली है। कहा जा रहा है कि यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस की ओर से किसी भी वक्त बड़ा हमला किया जा सकता है। कीव में लगातार हवाई हमलों के सायरन बज रहे हैं। पूरा शहर लगभग खाली-सा हो गया है। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग निकल गए हैं, जबकि बड़ी संख्या में युवा रूसी सेना से मुकाबले के लिए रुके हुए हैं।

जासूसी के आरोप में रूस के 12 राजनयिकों को अमेरिका छोड़ने के आदेश

वाशिंगटन । अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में रूसी मिशन के 12 राजनयिकों को देश छोड़ने के आदेश दिए हैं। इन रूसी नागरिकों पर राजनयिक के ‘वेश’ में जासूसी के आरोप हैं। अमेरिका छोड़ने के लिए इन राजनयिकों को सात मार्च तक का समय दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि रूसी मिशन के इन राजनयिकों ने अमेरिका में रहते हुए अपने विशेषाधिकारों का हनन किया है। वक्तव्य में इन्हें अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है। दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वसिली नेबेंजय ने कहा है कि उनका देश भी ‘जैसे को तैसा’ की कार्रवाई करेगा। ज्ञातव्य है कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले एक सप्ताह से चल रहे युद्ध के कारण दुनिया भर की निगाहें संयुक्त राष्ट्र पर टिकी हैं। इस बीच रूस और यूक्रेन के बीच बेलारूस सीमा पर शांति वार्ता निष्फल रही है। यूक्रेन ने रूस से युद्ध विराम की अपील की थी, जिसे रूस ने ठुकरा दिया है। समझा जाता है कि अमेरिका की नई कार्रवाई रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने और राजनयिक तौर पर उसे अलग थलग किए जाने की योजना का हिस्सा है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र में रूस-बेलारूस की आलोचना

संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र में पहले दिन यूक्रेन-रूस युद्ध प्रकरण में पश्चिमी देशों ने रूस और बेलारूस की जम कर खिंचाई की। इस प्रकरण पर अनेक देशों ने विशेष सत्र में अपनी राय रखने की जानकारी दी है। इसे देखते हुए सत्र की अवधि बढ़ा दी गयी है। उम्मीद है कि सत्र बुधवार तक चलेगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र में पहले दिन सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गतरेस ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध तत्काल रोके जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि युद्ध के कारण मानवाधिकारों का हनन हो रहा है और असहाय लोग मर रहे हैं। इस युद्ध ने यूक्रेन के लाखों लोगों को घर बार छोड़ने के लिए मजबूर किया है। आज शरणार्थी समस्या फिर से मुंह बाए खड़ी है।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी आयोग के उच्चायुक्त फिल्प्पो ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र 40 लाख शरणार्थियों के लिए बंदोबस्त करने में जुटा है। अभी तक पांच लाख,20 हज़ार लोग यूक्रेन छोड़ कर सीमावर्ती देशों में पहुंच चुके हैं। पिछले तीन दशक के दौरान यह शरणार्थी समस्या सबसे भयावह रूप ले कर सामने आई है। उन्होंने सदस्य देशों से अधिकाधिक मदद की अपील भी की। महासभा में अफ्रीका और केन्या के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा की उनके लोगों को यूक्रेन छोड़ने में दिक्कतें आ रही हैं। ज्ञातव्य है कि संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने बहुमत (11-3-1) से एक प्रस्ताव पारित कर महासभा का विशेष सत्र बुलाए जाने का फैसला किया था। उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को 111 सदस्यीय महासभा की बैठक में पश्चिमी देशों से प्रेरित एक प्रस्ताव पारित कर यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की निंदा की जाएगी। प्रस्ताव में युद्ध की विभीषिका टालने पर जोर दिया जा सकता है।(हि.स.)

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