पाकिस्तान में सियासी संकट: सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली से मांगा ब्यौरा
इस्लामाबाद । पाकिस्तान का सियासी संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को निवर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने और उनकी सलाह पर राष्ट्रपति की ओर से संसद भंग किए जाने के फैसले को लेकर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को शुरू हुई सुनवाई मंगलवार को भी जारी रही। सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव व नेशनल असेंबली की कार्यवाही का ब्यौरा तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई एक दिन टाल दी गयी है। अब बुधवार को सुनवाई होगी।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में रविवार को पांच मिनट के अंदर इमरान खान के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। इसके बाद तेजी से कई घटनाक्रम हुए। इमरान खान ने इसके तुरंत बाद संसद भंग कर नए चुनाव कराने की संस्तुति राष्ट्रपति को भेजी और इस पर राष्ट्रपति ने तुरंत अपनी सहमति देते हुए संसद को भंग कर दिया। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित पक्षों से जवाब तलब कर सोमवार को सुनवाई का फैसला किया था। सोमवार को मामले की सुनवाई शुरू तो हुई किन्तु कोई फैसला नहीं हो सका। कोर्ट ने मामले की सुनवाई एक दिन के लिए स्थगित कर दी।
मंगलवार दोपहर 12.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि अदालत अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के लिए नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर द्वारा उठाए गए कदमों की संवैधानिकता का पता लगाना चाहती है। शीर्ष अदालत यह देखना चाहती है कि क्या पीठ द्वारा उपाध्यक्ष के फैसले की समीक्षा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अदालत केवल स्पीकर की कार्रवाई की वैधता पर फैसला करेगी। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर आयोजित नेशनल असेंबली की कार्यवाही का पूरा ब्यौरा तलब किया है। अब सभी की निगाह कल यानि बुधवार को सुबह 11.30 पर होने वाली सुनवाई पर लगी हैं।
सियासी संकट का सामना कर रहे इमरान खान को मिला रूस का सहारा
पाकिस्तान में सियासी संकट का सामना कर रहे इमरान खान को अब रूस का सहारा मिला है। लगातार एक शक्तिशाली देश पर अपनी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा रहे इमरान की बात का समर्थन रूस ने किया है। रूस ने कहा है कि अमेरिका इमरान को फरवरी माह में मॉस्को यात्रा की सजा देकर उन्हें अस्थिर कर रहा है। पाकिस्तान में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर निवर्तमान प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय साजिश का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि अमेरिका से उनके पास सरकार गिराने की धमकी वाला पत्र भी आया था। बीते शुक्रवार को उन्होंने अमेरिका का नाम लिया बिना कहा था कि एक शक्तिशाली देश उनकी रूस यात्रा से नाराज हो गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि एक बहुत शक्तिशाली देश ने उनसे पूछा कि वे रूस क्यों गए। वे एक देश से पूछ रहे हैं कि हम रूस क्यों गए। इसी लिए वे हमसे नाराज हैं। उनके इस बयान को अमेरिका से संदर्भित किया गया था किन्तु रूस ने खुलकर अमेरिका पर आरोप लगा दिया है।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने एक बयान में कहा कि 23-24 फरवरी को इमरान खान की रूस यात्रा की घोषणा के बाद से ही अमेरिका व उसके समर्थक देशों ने इमरान पर रूस की यात्रा न करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इसके बावजूद जब इमरान आ गए तो वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत को बुलाकर यात्रा तुरंत रद करने को कहा गया। इसके बावजूद ऐसा न होने पर इमरान को पद से हटाने की कोशिशें शुरू हुईं। उन्होंने अमेरिका के कृत्य को किसी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया।