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देश के निर्यात में बढ़ोतरी के लिए पीएम मोदी ने दिया चार सूत्रीय फॉर्मूला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश में भारतीय उच्चायोग, दूतावास और राजनयिक मिशनों के प्रमुखों और देश के कारोबारी जगत के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। इस दौरान पीएम मोदी ने देश का निर्यात बढ़ाने के लिए चार सूत्रीय फॉर्मूला दिया। इस संबंध में उन्होंने कहा कि निर्यात और निवेश बढ़ाने के लिए ‘regulatory burden’ कम करने के लिए प्रयास हो रहे हैं और ‘retrospective tax’ से मुक्ति का फैसला सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है।

भारत ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्सेशन से मुक्ति का लिया फैसला

पीएम मोदी ने कहा भारत ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्सेशन से मुक्ति का जो फैसला लिया है वह हमारा कमिटमेंट दिखाता है और पॉलिसी में कंसिस्टेंसी दिखाता है। यह सभी निवेशकों को स्पष्ट संदेश देता है कि आगे बढ़ता हुआ भारत न सिर्फ नई संभावनाओं के द्वार खोल रहा है, बल्कि भारत की निर्णायक सरकार अपने फायदे पूरा करने की इच्छा शक्ति रखती है।

आज देश में एक निर्णायक सरकार

पीएम मोदी ने कहा, एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए चार फैक्टर बहुत महत्वपूर्ण हैं। पहला- देश में मैन्युफैक्चरिंग कई गुना बढ़े। दूसरा- ट्रांसपोर्ट की, लॉजिस्टिक्स की दिक्कतें दूर हों। तीसरा- एक्सपोर्टर्स के साथ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर चले और चौथा फैक्टर, भारतीय प्रॉडक्ट्स के लिए इंटरनेशनल मार्केट। उन्होंने कहा कि हमें निर्यात के नए बाजारों और गंतव्यों की तलाश के साथ ही वहां तक नए-नए उत्पादों को पहुंचाने के लिए सक्रिय प्रयास करना चाहिए। आज देश में एक निर्णायक सरकार है जिसमें अपने वायदों को पूरा करने की इच्छा शक्ति है। उन्होंने निर्यातकों को सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने का भरोसा दिलाया।

जब भारत की विश्व व्यापार में थी बड़ी हिस्सेदारी

पीएम मोदी ने कहा कि एक समय ऐसा था जब भारत की विश्व व्यापार में बड़ी हिस्सेदारी थी। हमें अतीत की उस पुरानी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए पूरी क्षमता के साथ प्रयास करना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला में भारत को प्रमुख भूमिका निभानी है। हमें इस आपूर्ति श्रृंखला में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए नए अवसरों का पूरा लाभ उठाना चाहिए।

भारतीय उत्पादों के लिए नए बाजार तलाश कर बना सकते हैं ‘लोकल को ग्लोबल’

देश के निर्यात में बढ़ोत्तरी के लिए चार सूत्रीय फार्मूला सुझाते हुए उन्होंने कहा कि देश में विनिर्माण क्षमताओं का विस्तार करने के साथ ही गुणवत्ता परक उत्पादों के निर्माण की जरूरत है। दुनिया में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ रही है जो कीमत की बजाय गुणवत्ता को ज्यादा तरजीह देते हैं। उन्होंने उद्योग व्यापार संबंधी संपर्क और परिवहन सुविधाएं बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि राज्य सरकारों को निर्यात वृद्धि के लिए अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। भारतीय उत्पादों के लिए नए-नए बाजार तलाश करके ही हम ‘लोकल को ग्लोबल’ बना सकते हैं।

मझौले और छोटे उद्योगों का किया जिक्र

प्रधानमंत्री ने इस संबंध में मझौले और छोटे उद्योगों को ऋण गारंटी सुविधा और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन उपाय जैसे प्रावधानों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति नियंत्रण में रहे तथा महामारी का असर कम से कम हो। महामारी के दौर में भी इस चिकित्सा आपदा की चुनौती का सामना करते हुए भारत ने औषधि उद्योग, कृषि आदि क्षेत्रों में आर्थिक बहाली की यात्रा जारी रखी। उन्होंने वैक्सीन और औषधि क्षेत्र में भारत की दुनियाभर में कायम साख का जिक्र किया।

हर जिले में एक-एक उत्पाद की पहचान कर उसके निर्यात के पर दें जोर

उन्होंने कहा कि निर्यातक और उद्योग व्यापार जगत देश में राजनीतिक स्थायित्व चाहते हैं। वह नीतियों में एक निरंतरता भी चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में पूर्व प्रभाव से लागू होने वाली कर प्रणाली से मुक्ति का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने निर्यात और निवेश में राज्यों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें अपने हर जिले में एक-एक उत्पाद की पहचान कर उसके निर्यात के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।

देश के राजनयिक मिशनों और राज्य सरकारों के सामने रखे कुछ अहम लक्ष्य

आजादी के 75 वर्ष पूरे होने तथा 15 अगस्त से शुरू होने वाले अमृत महोत्सव का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने देश के राजनयिक मिशनों और राज्य सरकारों के सामने कुछ लक्ष्य रखे। उन्होंने राजनयिकों से कहा कि वे जहां नियुक्त हैं, उन देशों में भारत से निर्यात के पांच नए गंतव्यों की तलाश करें। हर देश में भारत से 75 नए उत्पादों के निर्यात के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। इस काम में विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

ब्रांड इंडिया को दुनियाभर में स्थापित करने पर दें जोर

उन्होंने राजनयिक मिशनों से कहा कि वे वाणिज्य मंत्रालय के साथ तालमेल स्थापित कर निर्यातकों को हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास करें। निर्यातकों को नए बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पुल की भूमिका निभाएं। इसके अलावा उन्होंने उत्पादों की व्यवस्था के साथ ही उनकी ‘वेल्यू एडिशन’ (अधिक लाभकारी) पर भी जोर दिया। विश्व आपूर्ति श्रृंखला में मझौले और छोटे उद्यमों, स्टार्टअप, किसानों और मछुआरों जैसे तबकों की भूमिका बढ़ाने पर उन्होंने जोर दिया। प्रधानमंत्री ने ब्रांड इंडिया को दुनियाभर में स्थापित करने तथा नए लक्ष्यों के साथ नए सफर की शुरुआत करने का आह्वान किया।

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