UP Live

पिपराइच चीनी मिल में अब चीनी के साथ एथेनॉल का भी होगा उत्पादन

  • योगी सरकार ने डिस्टिलरी स्थापना के लिए बजट में की 90 करोड़ रुपये की व्यवस्था
  • 60 किलो लीटर प्रति दिन होगी पिपराइच चीनी मिल की डिस्टिलरी की क्षमता

गोरखपुर । सल्फरलेस चीनी का उत्पादन करने वाली पिपराइच चीनी मिल आने वाले दिनों में एथेनॉल का भी उत्पादन करेगी। एथेनॉल उत्पादन के लिए पिपराइच चीनी मिल में डिस्टिलरी स्थापित की जाएगी। इसके लिए गुरुवार को योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 90 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर दी है। इस डिस्टिलरी की उत्पादन क्षमता 60 किलो लीटर प्रति दिन होगी। एथेनॉल उत्पादन होने से किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान और त्वरित हो सकेगा।

पिपराइच में 1932 में एक निजी क्षेत्र की चीनी मिल लगाई गई थी।1974 में उसका अधिग्रहण हुआ लेकिन मिल 1999 में बंद हो गई। बंद मिलों को चलाने के लिए बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ हमेशा आवाज बुलंद करते रहे। पर, तत्कालीन सरकारें इस जनसरोकारी मुद्दे पर आंख मूंदे रहीं। 2017 में सूबे की कमान संभालने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने बंद मिल के परिसर में ही नई चीनी मिल की सौगात देकर किसानों का दिल जीत लिया। 17 नवंबर 2019 को उन्होंने रिकार्ड अवधि में मिल लगवाकर पेराई सत्र का शुभारंभ भी कर दिया। यह मिल गन्ने से चीनी बनाने के साथ ही उसके बाई प्रोडक्ट से बिजली भी पैदा करती है। सीएम योगी ने 9 दिसंबर 2020 को पिपराइच चीनी मिल में सल्फरलेस चीनी प्लांट का भी लोकार्पण कर इसे मॉडल मिल बना दिया। इस मिल की क्षमता प्रतिदिन 50 हजार क्विंटल गन्ना पेराई की है जो पुरानी चीनी मिल से छह गुना अधिक है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिपराइच चीनी मिल में डिस्टिलरी लगाने की बात पहले ही कह चुके थे। गुरुवार को प्रदेश सरकार के बजट में 60 किलो लीटर प्रति दिन की क्षमता वाले डिस्टिलरी प्लांट के लिए 90 करोड़ रुपये प्रावधानित किया गया है। यहां गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनाने वाले प्लांट की स्थापना की जा सकती है।

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button