
आधुनिक और सशक्त नगर निकाय ही बनाएंगे विकसित उत्तर प्रदेश की राह: मुख्यमंत्री
लखनऊ :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश के सभी नगर निकायों को अपनी कार्ययोजना में नवाचार (Innovation) और आय सृजन (Revenue Generation) को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि नगर निकाय आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ की अवधारणा को केंद्र में रखकर नागरिक सेवाओं का आधुनिकीकरण किया जाए। मुख्यमंत्री सोमवार को ‘विकसित यूपी@2047’ संवाद कार्यक्रम में 17 नगर निगमों के महापौरों, 200 नगर पालिकाओं और 545 नगर पंचायतों के अध्यक्षों व सदस्यों से वर्चुअल संवाद कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्य बनाने में नगर निकायों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे नागरिकों को इस अभियान से जोड़ें और हर परिवार से कम से कम एक सुझाव प्राप्त करें। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 12 लाख नागरिक अपने सुझाव साझा कर चुके हैं, जो भविष्य की नीतियों की दिशा तय करेंगे।
- अयोध्या, काशी, मथुरा और प्रयाग हो या गाजियाबाद, लखनऊ, झांसी, फिरोजाबाद और गोरखपुर, हर नगर नई ऊर्जा-नए स्वरूप में नए उत्तर प्रदेश की पहचान बने हैं: मुख्यमंत्री
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रत्येक नगर निकाय अपनी कार्ययोजना में नवाचार को स्थान दे और ईज़ ऑफ लिविंग की अवधारणा के साथ नागरिक सेवाओं के आधुनिकीकरण को केंद्र में रखे। उन्होंने कहा है कि शहरी विकास केवल बुनियादी सुविधाओं तक सीमित न रहे, बल्कि हर नगर स्मार्ट सेवाओं, हरीतिमा विस्तार, बेहतर यातायात व्यवस्था और डिजिटल पहुँच का आदर्श बने। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर नगरीय निकाय को आय सृजन के नए माध्यम बनाने होंगे। अपनी कार्ययोजना बनाते समय सभी निकायों को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। यह तभी संभव है, जब जनप्रतिनिधि स्वयं पहल करें और नागरिकों को इस यात्रा का सक्रिय भागीदार बनाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सोमवार को ‘विकसित यूपी@2047’ संवाद शृंखला के अंतर्गत प्रदेश के 17 नगर निगमों के महापौरों व पार्षदों तथा 200 नगर पालिका और 545 नगर पंचायतों के अध्यक्षों व सदस्यों से वर्चुअल माध्यम से संवाद कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति में नगर निकायों की भूमिका सबसे अहम है। हर नगर निकाय को यह संकल्प लेना होगा कि वह अपने नगर को स्वच्छ, आधुनिक, सुगठित और आत्मनिर्भर बनाने में कोई कमी न छोड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश इस राष्ट्रीय यात्रा का अग्रणी राज्य है। बीते साढ़े 08 वर्षों में नगरीय विकास के क्षेत्र में राज्य ने ऐतिहासिक उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। 127 से अधिक नए नगर निकायों का सृजन और पुनर्गठन, 17 स्मार्ट सिटी का विकास, ई-गवर्नेंस सेवाओं का विस्तार, मेट्रो, आरआरटीएस और रोपवे जैसे आधुनिक परिवहन के प्रयास तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सीवरेज की नई योजनाएँ इसी दिशा में उठाए गए ठोस कदम हैं। लखनऊ और गाजियाबाद नगर निगम ने अपने म्युनिसिपल बांड जारी किए। हर नगरीय निकाय ने ढाई से तीन गुना तक आय बढ़ाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या, काशी, मथुरा और प्रयाग हो या गाजियाबाद, लखनऊ, झांसी, फिरोजाबाद और गोरखपुर, हर नगर नई ऊर्जा-नए स्वरूप में नए उत्तर प्रदेश की पहचान बने हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में प्रदेश की शहरी आबादी कई गुना बढ़ेगी, ऐसे में नगर निकायों को अपनी सोच और कार्यशैली दोनों को बदलना होगा। शहरी विकास की योजनाएँ भविष्य की चुनौतियों और अवसरों को ध्यान में रखकर ही तैयार करनी होंगी। उन्होंने नगर निगमों में इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के बहुआयामी उपयोग के बारे में भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘अमृतकाल के पंच प्रण’ को दोहराते हुए ‘विकसित यूपी@2047’ का विज़न साझा किया। उन्होंने कहा कि हर नागरिक को इनसे जुड़ना होगा। विकसित यूपी अभियान के बारे में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि यह रोडमैप अर्थशक्ति, सृजनशक्ति और जीवनशक्ति के तीन स्तंभों पर आधारित है। इसके तहत निर्धारित 12 सेक्टर के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाना है। कार्यक्रम के दौरान अभियान से जुड़ी एक वीडियो फ़िल्म प्रदर्शित की गई। क्यूआर कोड और पोर्टल के माध्यम से आम नागरिकों से सुझाव आमंत्रित करने की प्रक्रिया का परिचय भी कराया गया। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे उनके द्वारा इस अभियान से संबंधित भेजे गए पत्र को विभिन्न बैठकों और सभाओं में अनिवार्य रूप से पढ़ें, ताकि सरकार का संदेश हर नागरिक तक पहुँचे। जनप्रतिनिधियों को इसे आम चर्चा का विषय बनाने के लिए प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि सभी नगरीय निकायों में विकसित यूपी@2047 विषय पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, नगर विकास और नियोजन विभाग इस संबंध में आवश्यक प्रबंध करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक परिवार से कम से कम एक सुझाव जरूर प्राप्त हो, इसके लिए सभी को प्रयास करना होगा। यह आने वाली पीढ़ी के लिए एक स्मरणीय दस्तावेज होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद से तीन और प्रदेश स्तर पर पाँच श्रेष्ठ सुझावों को सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पाँच वर्षों में यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है और वर्ष 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य हर प्रदेशवासी के सहयोग से ही प्राप्त हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 12 लाख नागरिक अपने सुझाव साझा कर चुके हैं। इन सुझावों का सारांश भविष्य की नीतियों और योजनाओं का आधार बनेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया केवल अभिमत संग्रहण नहीं है, बल्कि जनता की आकांक्षाओं को राज्य की नीतियों में शामिल करने का ऐतिहासिक प्रयास है।
शहरी विकास पर मुख्यमंत्री योगी का जोर : “नवाचार और आय सृजन ही बनाएंगे नगर निकाय आत्मनिर्भर”
विकसित यूपी@2047 संवाद कार्यक्रम का माहौल उत्साह और आत्मविश्वास से भरा रहा। नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने-अपने नगर में हुए बदलाव और विकास की कहानियाँ साझा कीं। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से न केवल उनके प्रयासों को सुना बल्कि उनसे यह भी पूछा कि उन्होंने अपने नगरों में कौन से नवाचार अपनाए हैं और आय सृजन के लिए क्या नए माध्यम खोजे हैं। उन्होंने कहा कि यही प्रयास भविष्य के आत्मनिर्भर और आधुनिक उत्तर प्रदेश की नींव बनेंगे।
अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने कर-करेत्तर आय में अभूतपूर्व वृद्धि का उल्लेख करते हुए बताया कि प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु और पर्यटक नगर में आते हैं और निगम उन्हें स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की योजना की चर्चा करते हुए सुझाव दिया कि अयोध्या नगर निगम महापौरों का सम्मेलन आयोजित करे, ताकि यहाँ का विकास मॉडल अन्य निकायों को भी मार्गदर्शन दे।
इसी क्रम में फिरोजाबाद की महापौर कामिनी राठौर ने बताया कि नगर निगम की आय 18 करोड़ से बढ़कर 40 करोड़ वार्षिक हो गई है और निगम द्वारा बनाया जा रहा मॉल स्थायी आय बढ़ाने में सहायक होगा। मुख्यमंत्री ने इसे सराहनीय प्रयास बताते हुए पूरी कार्यकारिणी को बधाई दी।
झांसी के महापौर बिहारी लाल आर्य ने कहा कि बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी, डिफेंस कॉरिडोर नोड और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जैसे प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री के विशेष स्नेह का परिणाम हैं। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में झांसी की राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान की उपलब्धि, ठोस व तरल अपशिष्ट निस्तारण के प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने बताया कि निगम की आय तीन वर्षों में 25 करोड़ से बढ़कर 80 करोड़ हो गई है और इसे 100 करोड़ तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।
गाजियाबाद के मोदीनगर नगर पालिका अध्यक्ष विनोद वैशाली जाटव ने स्थानीय आय वृद्धि और खाली भूमि के सदुपयोग पर सुझाव रखते हुए मार्गदर्शन माँगा। वहीं, मीरजापुर के अध्यक्ष श्याम सुंदर ने बताया कि नगर पालिका की आय 5.89 करोड़ से बढ़कर 11 करोड़ हो गई है और यहाँ डिजिटल सेवाओं के साथ नागरिकों को मुफ्त वाई-फाई भी उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री ने यहाँ माँ विंध्यवासिनी धाम के पास मल्टीलेवल पार्किंग और यात्री विश्राम स्थल के निर्माण का सुझाव दिया।
देवरिया की अध्यक्ष अलका सिंह ने स्थानीय विकास कार्यों का ब्यौरा दिया, जिस पर मुख्यमंत्री ने खाली भूमि पर मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसी तरह सुल्तानपुर के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जिला मुख्यालय वाली नगर पालिकाओं को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने जा रही है।
मेरठ की फलौदा नगर पंचायत के अध्यक्ष अशोक सैनी ने बताया कि नगर पंचायत की आय 20 लाख से बढ़कर 44 लाख हो गई है। मुख्यमंत्री ने तकनीक और नवाचार आधारित योजनाएँ अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार नगर पालिका और नगर पंचायतों को भवन मानचित्र पास करने का अधिकार देने पर विचार कर रही है।
इस दौरान मथुरा की महावन नगर पंचायत की अध्यक्ष मंजू देवी ने कहा कि 10 हजार की आबादी वाली उनकी नगर पंचायत भी मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विकसित यूपी अभियान का हिस्सा बन गर्व महसूस कर रही है।
प्रयागराज के महापौर उमेश गणेश केसरवानी ने बताया कि स्थानीय स्तर पर आईटी सिटी के विकास का संकल्प पारित किया गया है। उन्होंने 2.19 लाख पौधे लगाकर नया वन क्षेत्र सृजित करने और ‘नए प्रयागराज’ के निर्माण के प्रयासों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में शिवालिक पार्क जैसे और हरित प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया।
संभल की बबराला नगर पंचायत के अध्यक्ष हर्षवर्धन वार्ष्णेय और सहारनपुर की रामपुर मनिहारन नगर पंचायत की अध्यक्ष रेनू ने भी अपने क्षेत्रों के बदलाव साझा किए।
शाहजहाँपुर की पुवायां नगर पंचायत के अध्यक्ष ने बताया कि नगर में नया मार्केट बनाया जा रहा है, जिससे आय सृजन का स्थायी माध्यम तैयार होगा। मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यही विकसित यूपी@2047 की भावना है कि हर नगर निकाय अपनी विशिष्टताओं और संसाधनों का सदुपयोग कर आत्मनिर्भरता और नागरिक सुविधा की दिशा में आगे बढ़े।
प्रधानमंत्री मोदी के पंच प्रण ही विकसित भारत की आधारशिला: योगी आदित्यनाथ



