
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सीएम ने किए मां पाटेश्वरी के दर्शन
पांच दिन में तीसरे जनपद में ईश्वर के चरणों में झुकाया शीश.गो माता को खिलाया गुड़, बच्चों को दी चॉकलेट.
लखनऊ । चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुलसीपुर में देवी शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी मंदिर में दर्शन, पूजन-अर्चन किए। मुख्यमंत्री ने नवरात्रि के प्रथम दिवस पर मां शैलपुत्री से सुखी, स्वस्थ व प्रसन्नचित्त उत्तर प्रदेश की कामना की। इसके बाद मुख्यमंत्री गोशाला गए, जहां उन्होंने गायों को गुड़ खिलाया। मंदिर परिसर में मिले बच्चों से सीएम ने बात की और चॉकलेट भी दिया।
जगत जननी मां जगदम्बा की 51 शक्तिपीठों में से एक आदि शक्ति माँ पाटेश्वरी देवी पाटन मंदिर मे चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिवस से ही देश विदेश से आये लाखों दर्शनार्थियों का तांता लगा हुआ है। देवीपाटन मंदिर उत्तर प्रदेश मे बलरामपुर जिले की नेपाल सीमा से सटे तुलसीपुर तहसील क्षेत्र के पाटन गांव मे सिरिया नदी के तट पर स्थित होने के कारण अतिसंवेदनशील और महत्वपूर्ण माना जाता है।मेले में दूर दराज से आये अधिकांश देवीभक्त यहाँ स्थित सूर्य कुंड मे पवित्र स्नान कर पेट पलनिया चलकर माँ के दर्शन करते है।
मंदिर के महन्त योगी मिथलेश नाथ ने धर्मग्रंथो का हवाला देते हुये बताया कि पिता दक्ष प्रजापति के यहाँ आयोजित बड़े अनुष्ठान मे अपने पति इष्टदेव देवाधिदेव महादेव को न्योता और स्थान न दिये जाने से क्षुब्ध माँ जगदम्बा ने स्वयं को अग्नि को भेंट कर सती कर लिया था। माता के सती होने से आक्रोशित महादेव अत्यंत दुखी हुये और माता सती के शव को कंधे पर रखकर तांडव करने लगे। शिव तांडव से धरती थर्राने लगी जिससे संसार मे व्यवधान उत्पन्न होने लगा। संसार को विनाश से बचाने के लिये भगवान विष्णु ने सती के अंगो को सुदर्शन चक्र से खण्डित कर दिया। जिन जिन स्थानों पर माता के अंग गिरे वह स्थान शक्तिपीठ माने गये।
यहाँ पाटन गांव मे माँ जगदम्बा का बांया स्कंद पाटम्बर समेत गिरा, तभी से इसी शक्तिपीठ को माँ पाटेश्वरी देवी पाटन मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहाँ एक गर्भगृह भी स्थित है जहाँ माता सीता का पाताल गमन हुआ था। नव दुर्गाओ माँ शैलपुत्री ,कुष्माडा ,स्कंदमाता,कालरात्रि ,महागौरी ,चंद्रघंटा ,सिद्धदात्री,ब्रह्म्चारिणीऔर कात्यायनी की प्रतिमायें मंदिर मे स्थापित है। मंदिर मे स्थित गर्भगृह सुरंग पर माँ की प्रतिमा विद्यमान है। यहाँ कई रत्नजडित छतर है। ताम्रपत्र पर दुर्गा सप्तशती अंकित है। मंदिर मे स्थापना काल से ‘अखंड ज्योति’ प्रज्जवलित है। यहाँ प्रमुख रुप से रोट का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
मिथिलेश नाथ ने बताया कि नेपाल के दाँग चौधड के राजकुंवर रतन परीक्षक ने देवी पाटन कड़ी उपासना की। तपस्या से प्रसन्न होकर माँ पटेश्वरी ने बाबा रतन परीक्षक को आशीर्वाद दिया, तभी से उन्हे बाबा रतन नाथ के नाम से जाना जाने लगा। उन्होने नाथ सम्प्रदाय की स्थापना कर अफगानिस्तान ,नेपाल और कई देशों मे इसका प्रचार प्रसार किया। देवी पाटन मंदिर परिसर मे बाबा पीर रतन नाथ का दरीचा स्थित है। नवरात्रि की पंचमी तिथि को नेपाल के दाँग चौधड से पीर बाबा की भव्य पद शोभा यात्रा यहाँ आती है। पंचमी से अगले तीन दिनो तक मंदिर मे बिना घंटा घड़ियाल बजाये बाबा की पूजा अर्चना विशेष रुप से नाथ सम्प्रदाय के अनुयायी करते है। तत्पश्चात पुन : अपने गंतव्य स्थान पर वापस ले जाकर उन्हे दाँग मे स्थापित कर दिया जाता है।
मान्यताओ के अनुसार ,महाभारत काल मे सूर्यपुत्र कर्ण ने मंदिर परिसर मे बने कुंड मे स्नान कर भगवान परशुराम से दीक्षा ली थी, तभी से इस कुंड का नाम सूर्य कुंड पड़ा। त्रेतायुग मे माता जानकी का पातालगमन भी यही हुआ उस स्थान को गर्भगृह कहा जाता है।मेले मे आ रहे देशी विदेशी श्रद्धालू मुण्डन ,कंछेदन ,नक्छेद्न ,विवाहरस्म,नामकरण संस्कार व अन्य रस्मों रिवाजों को हिंदू वैदिक रीति से करा रहे है। नवरात्रि के दिनो मे विशाल प्रसाद वितरण और भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। मेले मे महिलाएँ पुरुष और बच्चे सर्कस ,झूला और तमाम प्रकार के श्रगार सामग्रियों से सजी दुकानों से खूब जमकर खरीददारी कर रहे है।देवी पाटन मठ के मठाधीश बाबा योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होने से देवीभक्त पूर्व की अपेक्षा अति उत्साहित है। मेला सुरक्षा प्रभारी के अनुसार ,एक मास तक चलने वाले मेले मे सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये गये है।
भक्तो को तुलसीपुर स्टेशन पर आसानी से पहुँचने के लिये भारी संख्या के दृष्टिगत तीन जोड़ी मेला स्पेशल रेलगाडियो का अतिरिक्त संचालन गोंडा -गोरखपुर रेल प्रखंड पर किया जा रहा है और राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त कई बसे भी संचालित की जा रही है। देवी पाटन मंदिर नेपाल सीमा से सटा होने के कारण अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। आतंकियों की टेढ़ी नज़र के मद्देनजर मंदिर परिसर को विशेष सुरक्षाब्यूह मे रखा गया है। यहाँ एस एस बी ,नागरिक पुलिस ,पी ए सी ,होम गार्ड ,महिला पुलिस की जवान व अन्य सुरक्षा एजेंसियां तैनात है। यहाँ मेटल डिटेक्टर ,बम निरोधक दस्ता , एंटी रोमियो स्क्वाड ,अग्निशमन दल ,सीसी टीवी कैमरे ,स्वान दल ,खुफिया तंत्र और अन्य सुरक्षा जवानो को चप्पे चप्पे पर तैनात किया गया है।
पांच दिन में तीसरे जनपद में ईश्वर के चरणों में झुकाया शीश
मुख्यमंत्री ने पांच दिन के भीतर प्रदेश के कई जनपदों का दौरा कर विकास कार्यों का जायजा लिया। यहां उन्होंने ईश्वर के चरणों में शीश भी झुकाए। शनिवार को मुख्यमंत्री ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ व बाबा काल भैरव के दर्शन किये। रविवार को अयोध्या दौरे पर गए योगी ने रामलला और हनुमानगढ़ी में पूजन-अर्चन किए और बुधवार को तुलसीपुर में मां पाटेश्वरी के दरबार में हाजिरी लगाई।
मुख्यमंत्री ने दीं शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री ने यहां लोगों को नवरात्रि व हिन्दू नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि विक्रम संवत 2080 प्रदेश की जनता के जीवन में खुशहाली लेकर आये। यही कामना है।