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नेहा कश्यप बनीं ग्रामीण महिला सशक्तीकरण की मिसाल – मशरूम फार्मिंग से बदल रही हैं जिन्दपुरा की तस्वीर

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद की नेहा कश्यप मिशन शक्ति के तहत महिला सशक्तीकरण की नई पहचान बन गई हैं। एकता स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष के रूप में उन्होंने मशरूम खेती की शुरुआत कर ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया। 10 महिलाओं के समूह ने अब न सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति सुधारी बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहिम ‘मिशन शक्ति’ ने इन महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का मार्ग दिखाया है।

  • मिशन शक्ति के तहत नेहा ने एकता स्वयं सहायता समूह से शुरू की आत्मनिर्भरता की राह
  • मशरूम फार्मिंग से हर महीने 40 से 50 हजार रुपये की आमदनी
  • 10 ग्रामीण महिलाएं बनीं सफल उद्यमी -बकरी पालन और सिलाई-कढ़ाई से मिली पहचान
  • “महिलाएं संगठित हों तो समाज और अर्थव्यवस्था बदल सकती हैं” -नेहा कश्यप

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद के ग्राम जिन्दपुरा की नेहा कश्यप मिशन शक्ति के तहत नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की एक प्रेरणादायक मिसाल बनकर उभरी हैं। एकता स्वयं सहायता समूह (SHG) की अध्यक्ष के रूप में नेहा ने 10 से अधिक ग्रामीण महिलाओं को जागरूक कर मशरूम खेती जैसे अभिनव उद्यम की नींव रखी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महिला सशक्तीकरण मुहिम ने नेहा को न केवल आर्थिक स्वतंत्रता दी, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान की नई राह भी दिखाई है।

नेहा कश्यप की यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की योजना के तहत एकता समूह का गठन किया। समूह की कोषाध्यक्ष नूरजहां और सचिव माया देवी के साथ मिलकर नेहा ने 10 महिलाओं को छोटी-छोटी बचत के लिए प्रेरित किया। नेहा कश्यप कहती हैं “मैंने सोचा कि सीमित संसाधनों से भी हम अपनी जिंदगी बदल सकते हैं। मशरूम खेती का विचार मुझे आया और समूह ने इसे स्वीकार किया। स्टार्टअप फंड, रिवाल्विंग फंड, सीआईएफ और सीसीएल से मिले वित्तीय सहयोग ने उनके सपने को पंख दिए।”

नेहा ने अपने 42 फीट लंबे और 36 फीट चौड़े मशरूम फार्म की स्थापना की, जिसमें 30,000 रुपये की लागत आई। 10,000 रुपये झोपड़ी और बांस के प्लेटफॉर्म, 2,000 रुपये भूसा-कंपोस्ट, 3,000 रुपये के बीज, 2000 रुपये के रासायनिक दवाएं-खाद और 4,800 रुपये पारिश्रमिक पर खर्च हुए। परिवार के सहयोग से उन्होंने वटन और ढिंगरी प्रजाति की खेती शुरू की, जिससे मासिक 40,000 से 50,000 रुपये की आमदनी होती है। नेहा कहती हैं “मिशन शक्ति ने हमें प्रशिक्षण और सुरक्षा दी। अब हम आत्मनिर्भर हैं, मैं अपने समूह को और सशक्त करना चाहती हूं। सरकार का सहयोग हमें आगे बढ़ा रहा है।”

एकता समूह की सभी 10 सदस्य सफल उद्यमी बनीं

नेहा की अगुआई में एकता समूह की सभी 10 सदस्य सफल उद्यमी बन चुकी हैं। मशरूम खेती के अलावा बकरी पालन, जरी, और सिलाई जैसे कार्यों से उन्होंने रोजगार और आर्थिक सुधार हासिल किया। विकास खंड निगोही में ऐसे कई SHG हैं, जो मिशन शक्ति की बदौलत प्रगति कर रहे हैं। नेहा अब अपने मशरूम उद्यम को और विस्तार देने की योजना बना रही हैं।

उत्पादन को बड़े बाजारों तक पहुँचाने है लक्ष्य

नेहा का लक्ष्य है कि उत्पादन को बड़े बाजारों तक पहुँचाया जाए और समूह की अधिक से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाए। वे चाहती हैं कि जिन्दपुरा गांव की महिलाएं आने वाले समय में पूरे जिले और प्रदेश के लिए आदर्श बनें। नेहा कश्यप का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिशन शक्ति अभियान उनकी प्रेरणा का बड़ा आधार बना। इसने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि महिलाएं न केवल घर संभाल सकती हैं, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था की दिशा भी बदल सकती हैं। उनका मानना है कि यदि महिलाएँ संगठित हों और उन्हें अवसर मिले, तो वे किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती हैं।

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