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जवानों के बीच पहुंचे मोदी बोले, दीपावली आतंक के अंत का उत्सव

भारत को कोई बुरी नजर से देखने की हिमाकत करेगा तो हमारे सशस्त्र बल करारा जवाब देंगे: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली । कारगिल में जवानों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमने कभी भी युद्ध को पहले विकल्प के रूप में नहीं देखा, चाहे लंका में युद्ध हो या कुरुक्षेत्र में। हमने इसे स्थगित करने की आखिरी कोशिश की। हम युद्ध के खिलाफ हैं लेकिन ताकत के बिना शांति नहीं हो सकती। अगर कोई हमें बुरी नजर से देखने की हिमाकत करेगा तो हमारे सशस्त्र बल करारा जवाब देंगे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना की शौर्य गाथा तथा बलिदान और विजय की भूमि करगिल में वीर जवानों को संबोधित करते हुए सोमवार को कहा कि दीपावली आतंक के अंत का उत्सव है और सेना ने करगिल में आतंक का फन कुचलते हुए विजय पताका फहराया था।प्रधानमंत्री बनने के बाद से जवानों के बीच दीपावली मनाने की अपनी परंपरा के तहत सोमवार को यहां पहुंचे श्री मोदी ने दुश्मन को बेहद सख्त संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, “ भारत पर बुरी नजर डालने वालों को उनके दुस्साहस का उसी भाषा में करारा जवाब दिया जायेगा। ”

पाकिस्तान की सीमा पर चौथी बार दिवाली मनाने के लिए सोमवार की सुबह कारगिल पहुंचे प्रधान मंत्री ने जवानों के संग वंदेमातरम गीत गाकर उनमें जोश भरा। प्रधान मंत्री ने जवानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दिवाली का अर्थ है ‘आतंक के अंत का त्योहार’ और कारगिल ने इसे संभव बनाया। पाकिस्तान के साथ हर युद्ध में कारगिल ने जीत का झंडा फहराया है। यूक्रेन युद्ध के दौरान हमारा राष्ट्रीय ध्वज वहां फंसे हमारे नागरिकों के लिए एक ढाल बन गया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ा है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि भारत अपने आंतरिक और बाह्य दुश्मनों के खिलाफ सफलतापूर्वक खड़ा है।

प्रधान मंत्री ने जवानों से कहा कि जैसे आप सभी सरहदों पर हमारी रक्षा कर रहे हैं, वैसे ही हम देश के भीतर आतंकवाद, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों से लड़ने के लिए काम कर रहे हैं। ‘नक्सलवाद’ ने देश के एक बड़े हिस्से को अपनी गिरफ्त में ले लिया था लेकिन आज वह तेजी से कम हो रहा है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सशस्त्र बल हमारी सीमा की रक्षा कर रहे हैं, जिससे भारत का प्रत्येक नागरिक चैन की नींद सोता है। मैं भारत के सशस्त्र बलों की भावना को नमन करता हूं, क्योंकि आपके बलिदान ने हमारे देश को हमेशा गौरवान्वित किया है।

प्रधान मंत्री ने कारगिल में सशस्त्र बलों के जवानों के साथ बातचीत में कहा कि मेरे लिए आप सभी वर्षों से मेरा परिवार रहे हैं और आप सभी के बीच दिवाली मनाना मेरा सौभाग्य है। कारगिल में हमारी सेना ने आतंक के फन को कुचलने का काम किया है, जिससे आज देश दिवाली जैसा त्योहार चैन से मना पा रहा है। कारगिल की इस विजयी भूमि से मैं देशवासियों और दुनिया को दिवाली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

प्रधान मंत्री ने कहा कि मैं उन तीनों सशस्त्र बलों की सराहना करता हूं, जिन्होंने तय किया है कि 400 से अधिक प्रकार के रक्षा उपकरण आयात नहीं किए जाएंगे, बल्कि भारत में बनाए जाएंगे। जब हमारे जवान भारत में बने हथियारों से लड़ेंगे, तो उन्हें दुश्मन को हराने में गर्व महसूस होगा। हम सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्बाध कनेक्टिविटी के साथ हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहे हैं। महिला अधिकारियों को शामिल करने से हमारी शक्ति का विकास होगा।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अबकी 9वीं बार जवानों के साथ दिवाली मना रहे हैं। पिछले साल उन्होंने पाकिस्तान की सीमा पर नौशेरा सेक्टर के अग्रिम क्षेत्र में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।

जवानों के संग मनाते रहे हैं दिवाली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्र की सत्ता संभालने के बाद 2014 से हर साल दीपावली का त्योहार सैनिकों के साथ मनाने के लिए देश के किसी न किसी बॉर्डर पर जाते हैं। पीएम मोदी इस दौरान जवानों से मुलाकात करते हैं, उनके साथ वक्त बिताते हैं और उन्हें मिठाई खिलाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में इस परंपरा की शुरुआत दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन से की थी। उन्होंने 23 अक्टूबर 2014 को बतौर पीएम सियाचिन में पहली दिवाली मनाई थी। अगले साल 2015 में 11 नवंबर को पंजाब के अमृतसर में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी। यहां वे 1965 युद्ध के वॉर मेमोरियल का दौरा भी करने पहुंचे थे।

बतौर प्रधानमंत्री मोदी तीसरी दीपावली 2016 में मनाने के लिए 30 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के चांगो गांव में पहुंचे थे। यहां उन्होंने भारत-चीन बॉर्डर के पास जवानों के साथ दिवाली मनाई थी। प्रधानमंत्री ने 18 अक्टूबर, 2017 को जम्मू-कश्मीर के गुरेज वैली में एलओसी पर जवानों के बीच जाकर दिवाली मनाई थी। प्रधानमंत्री ने 07 नवंबर, 2018 को उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत के आखिरी गांव माणा के करीब चीन की सरहद पर तैनात भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।

केन्द्र की सत्ता में दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने इस परंपरा को जारी रखा।उन्होंने 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का जश्न मनाने के लिए के लिए 27 अक्टूबर, 2019 को राजौरी पहुंचे और एलओसी पर तैनात सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। राजौरी से लौटते वक्त पीएम मोदी ने पठानकोट एयरबेस पर एयर वॉरियर व अन्य कर्मियों संग दिवाली मनाने के बाद एयरबेस में लड़ाकू विमानों का भी जायजा लिया था।

इसी तरह उन्होंने 2020 की दिवाली 14 नवंबर को पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर राजस्थान के जैसलमेर में लोंगेवाला पोस्ट पर जवानों के साथ मनाई थी। उन्होंने उस दौरान जिस अर्जुन टैंक पर सवारी की थी, उसके उन्नत संस्करण स्वदेशी मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमके वन-ए टैंकों की आपूर्ति के लिए एचएएल को ऑर्डर दिया जा चुका है। पिछले साल यानी 2021 में उन्होंने दिवाली का त्योहार पाकिस्तान की सीमा पर नौशेरा सेक्टर में मनाया था। यह वही जगह है जहां 1947 में पाकिस्तान की शह पर कबायलियों ने दीपावली के दिन ही राजौरी जिले पर हमला करके सैकड़ों लोगों को शहीद कर दिया था। 12 अप्रैल, 1948 तक चली कार्रवाई में सेना ने कबायलियों को खदेड़ दिया था। इसीलिए दीपावली के दिन राजौरी में हर साल कबायली हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

पिछली शाम अयोध्या के दीपोत्सव में शामिल हुए

इस साल पीएम मोदी दिवाली उत्सव पर लगातार अलग-अलग जगहों पर जा रहे हैं। वह 21 अक्टूबर को बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन करने पहुंचे थे। इसके बाद 23 अक्टूबर को रामलला विराजमान के दर्शन करने के साथ ही अयोध्या के दीपोत्सव में शामिल हुए और भव्य लेजर शो देखने के बाद देर रात अयोध्या से दिल्ली लौटे। आज नौवीं बार सीमा पर सेना के जवानों के साथ दीपावली मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर के करगिल द्रास पहुंच गए हैं। यह चौथा मौका है, जब प्रधानमंत्री पाकिस्तान की सीमा पर जवानों के साथ दीपावली मनाएंगे। वह दोपहर एक बजे तक जवानों के साथ रहेंगे। पीएम के आने की सूचना से जवान भी बेहद उत्साहित हैं। सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। प्रधानमंत्री के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल सिंह, सेना प्रमुख मनोज पांडे भी शामिल हो सकते हैं।

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