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सरकारी योजनाओं में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने से खत्म होती है तुष्टिकरण की राजनीति: मोदी

सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन होने पर तुष्टीकरण की राजनीति समाप्त हो जाती है.

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार के आठ वर्षों के कार्यकाल को गरीब कल्याण को समर्पित बताते हुए कहा कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने पर देश की आधी आबादी शौचालय, बैंक खाते, बिजली कनेक्शन और टीकाकरण जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित थी। उन्होंने कहा कि इन वर्षों में हम सभी के प्रयासों से अनेक योजनाओं को शत प्रतिशत सैचुरेशन के करीब ला पाए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को गुजरात के भरूच में आयोजित ‘उत्कर्ष समारोह’ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम जिले में राज्य सरकार की चार प्रमुख योजनाओं के 100 प्रतिशत पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि आज का ये उत्कर्ष समारोह इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार ईमानदारी से, एक संकल्प लेकर लाभार्थी तक पहुंचती है, तो कितने सार्थक परिणाम मिलते हैं।

तुष्टीकरण की राजनीति को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सरकारी योजनाएं जनता के लाभ के लिए शत प्रतिशत कवरेज प्राप्त करती हैं, तो तुष्टिकरण की राजनीति समाप्त हो जाती है। इससे लोगों के साथ समान व्यवहार होता है। उन्होंने कहा, “देश ने शत प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचने का संकल्प लिया है। जब शत प्रतिशत पहुंचते हैं तब सबसे पहला मनोवैज्ञानिक परिवर्तन आता है वो बहुत महत्वपूर्ण है। उसमें देश का नागरिक याचक की अवस्था से बाहर निकल जाता है।” उन्होंने आगे कहा, “शत-प्रतिशत लाभार्थियों की कवरेज यानि हर मत, हर पंथ हर वर्ग को एक समान रूप से सबका साथ, सबका विकास। गरीब कल्याण की हर योजना से कोई छूटे ना, कोई पीछे ना रहे।”

एक राजनीतिक विरोधी से संवाद का हवाला देते प्रधानमंत्री ने कहा कि दो बार प्रधानमंत्री बनना नहीं बल्कि योजनाओं का शत प्रतिशत सैचुरेशन उनका लक्ष्य है। प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने पहले भी कहा कि ऐसे काम कठिन होते हैं, राजनेता भी उन पर हाथ लगाने से डरते हैं। लेकिन मैं राजनीति करने के लिए नहीं, देशवासियों की सेवा करने के लिए आया हूं। देश ने संकल्प लिया है, शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचने का।” उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सामाजिक सुरक्षा, जन कल्याण और गरीब की गरिमा के लिए है। गरीब की गरिमा के लिए संकल्प और गरीब की गरिमा के संस्कार, यही तो हमें प्रेरित करते हैं।

आम लोगों में सरकारी योजनाओं की जानकारी के अभाव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्सर जानकारी के अभाव में अनेक लोग योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं। कभी-कभी योजनाओं कागज पर रह जाती हैं। लेकिन जब इरादा साफ हो, नीति साफ हो, नेकी से काम करने का इरादा हो, सबका साथ-सबका विकास की भावना हो, तो इससे नतीजे भी मिलते हैं।

सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली से देश की सेवा करते हुए मुझे 8 साल पूरे हो रहे हैं। ये 8 वर्ष सेवा सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित रहे। उन्होंने कहा, “2014 में जब आपने हमें सेवा का मौका दिया था तो देश की करीब-करीब आधी आबादी शौचालय की सुविधा से, टीकाकरण की सुविधा से, बिजली कनेक्शन की सुविधा से, बैंक अकाउंट की सुविधा से वंचित थी। इन वर्षों में हम, सभी के प्रयासों से अनेक योजनाओं को शत प्रतिशत सैचुरेशन के करीब ला पाए हैं।”

सरकारी योजना के लाभार्थी से संवाद में भावुक हुए प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों में से एक की बेटी से बात करते हुए भावुक हो गए और उनका गला भर गया। एक संक्षिप्त विराम के बाद उन्होंने कहा, “बेटी आपकी भावनाएं आपकी ताकत हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भरूच में आयोजित ‘उत्कर्ष समारोह’ में गुजरात सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया। इस दौरान एक नेत्रहीन लाभार्थी अयूब पटेल से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने उनकी बेटियों की शिक्षा के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री मोदी उनकी बड़ी बेटी आल्या के डॉक्टर बनने के सपने के बारे में सुनकर भावुक हो गए। बेटियों के सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी प्रकार की मदद का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा, “बेटियों का सपना पूरा करना और कोई भी कठिनाई होने पर मुझे बताना।”

वृद्ध सहाय योजना के लाभार्थी अयूब की बेटी आल्या ने कहा कि वह पिता के बीमारी को देखकर डॉक्टर बनना चाहती है। वह ग्लूकोमा से पीड़ित हैं। इतना कहने के बाद वह भावुक हो गई। यह नजारा देखकर स्वयं प्रधानमंत्री भी कुछ क्षणों के लिए स्तब्ध हो गये। उसके बाद प्रधानमंत्री ने उनसे कहा, “बेटी तुम्हारी संवेदना ही आपकी ताकत है।” प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा कि उन्होंने और उनके परिवार ने ईद कैसे मनाई। उन्होंने लाभार्थी को कोरोना रोधी टीका लगवाने और अपनी बेटियों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने एक महिला लाभार्थी से बातचीत की और उसके जीवन के बारे में पूछा और गरिमापूर्ण जीवन जीने के उसके दृढ़ संकल्प की प्रशंसा की। एक युवा विधवा ने अपने बच्चों को एक अच्छा जीवन देने की अपनी यात्रा के बारे में प्रधानमंत्री को बताया। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि उन्हें छोटी बचत में शामिल होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को उनकी मदद करने का निर्देश दिया।कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र की महिलाओं ने प्रधानमंत्री को एक विशाल राखी भेंट कर उनके स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना की और देश में महिलाओं की गरिमा और जीवन को आसान बनाने के लिए उनके द्वारा किए गए सभी कार्यों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

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