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श्रीराम मंदिर पर धर्मध्वज आरोहण:मोदी-भागवत ने किया ऐतिहासिक ध्वजारोहण,अयोध्या भक्तिरस में सराबोर

अयोध्या में मंगलवार का दिन इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में अंकित हो गया, जब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने धर्मध्वज फहराया। ध्वजारोहण के साथ जयश्रीराम के गगनभेदी उद्घोष से पूरा परिसर भक्तिरस में डूब गया। अयोध्यावासियों ने पुष्पवर्षा करते हुए प्रधानमंत्री का अभूतपूर्व स्वागत किया। संत समाज ने इस क्षण को सदियों की प्रतीक्षा का फल बताते हुए सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान की दिशा में निर्णायक कदम कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने सप्त मंदिरों में दर्शन-पूजन कर रामलला का आशीर्वाद प्राप्त किया। विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित इस दिव्य समारोह में देशभर से आए श्रद्धालुओं ने इसे त्रेतायुग जैसा अद्भुत अनुभव बताया। लता मंगेशकर चौक समेत प्रमुख स्थलों पर हजारों भक्त ध्वजारोहण का सीधा प्रसारण देखते भावविभोर हो उठे। यह आयोजन आधुनिक और त्रेतायुगीन अयोध्या के अद्भुत संगम का जीवंत प्रतीक बनकर उभरा।

  • जयश्रीराम के गगनभेदी उद्घोष से गूँजी रामनगरी, संत समाज ने इसे सनातन गौरव का शिखर बताया

अयोध्या : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ध्वज फहराया।इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के जरिए ‘संकल्प सिद्धि’ के लिए रामनगरी पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत हुआ। रोड शो और पूजा अर्चना के बाद उन्होंने संघ प्रमुख भागवत के साथ ध्वजारोहण का कार्य पूरा किया।इस दौरान जयश्रीराम, जय जय हनुमान के गगनभेदी नारों संग अयोध्यावासियों ने प्रधानमंत्री के काफिले पर पुष्पवर्षा भी की।

श्रीराम की अयोध्या ने प्रधानमंत्री का पूरे रास्ते में अभूतपूर्व स्वागत किया।अयोध्यावासियों के एक हाथ में भगवा ध्वज तो दूसरे हाथ में तिरंगा फहरा रहा था। वहीं स्वागत से अभिभूत प्रधानमंत्री ने भी हाथ हिलाकर अयोध्यावासियों का अभिवादन किया। अयोध्या पहुंचने पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।गौरतलब है कि श्री मोदी आज सुबह अयोध्या पहुंचे। साकेत महाविद्यालय पर उनका हेलीकॉप्टर उतरा। वहां से काफिले संग टेढ़ी बाजार होते हुए उन्होंने श्रीराम मंदिर परिसर में प्रवेश किया।इस दौरान अयोध्यावासियों ने जयश्रीराम, जय जय हनुमान के गगनभेदी नारों संग उनका स्वागत किया।

अयोध्यावासी एक हाथ में भगवा ध्वज तो दूसरे हाथ में तिरंगा फहराते हुए प्रधानमंत्री का स्वागत करते रहे। प्रधानमंत्री ने भी पूरे रास्ते में हाथ हिलाकर अयोध्यावासियों का अभिवादन किया।प्रधानमंत्री ने सप्त मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। मंदिर परिसर में महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह्य और माता शबरी मंदिर में पहुंचकर प्रधानमंत्री ने शीश झुकाया। प्रधानमंत्री ने शेषावतार मंदिर व माता अन्नपूर्णा मंदिर में भी दर्शन-पूजन किया।

श्री मोदी अयोध्या में साकेत विश्वविद्यालय हैलीपेड पहुंचे। यहां श्री योगी और राज्यपाल पटेल ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की तरफ प्रस्थान किया।श्री राम मंदिर परिसर में राम दरबार पहुंचकर प्रधानमंत्री , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दर्शन-पूजन और आरती की।यहां पुजारियों ने तीनों विशिष्टजनों को राम नामी गमछा ओढ़ाया व प्रसाद दिया। प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस प्रमुख भागवत ने विधिविधान से पूजन-अर्चन कर रामलला का भी आशीर्वाद प्राप्त किया।

योगी मोदी नेतृत्व में धर्म संस्कृति का पुनर्जागरण, मंदिरों में लौट रहा वैभव

अयोध्या, 25 नवंबर। सनातन परंपरा और आस्था के प्रतीक धर्मध्वज का आज राम मंदिर के शिखर पर प्रतिष्ठापन अयोध्या के संत समाज के लिए भावपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण बन गया। 500 वर्षों की प्रतिक्षा, संघर्ष और तपस्या के उपरांत प्रभु श्रीराम के दिव्य मंदिर पर धर्मध्वजा का आरोहण केवल एक धार्मिक क्षण ही नहीं बल्कि सनातन आस्था की वैश्विक प्रतिष्ठा का साक्ष्य बन रहा है। अवधपुरी के संत समाज श्रद्धा और भावनाओं से अभिभूत होकर इस पल को सनातन गौरव का क्षण बता रहे हैं। वे इसे उस संघर्षपूर्ण यात्रा का फल मानते हैं जिसमें संतों, भक्तों और समाज ने सैकड़ों वर्षों में अदम्य धैर्य और आस्था का परिचय दिया।

साधु संतों का कहना है कि आज वह क्षण साकार हो रहा है जिसकी कल्पना उनके पूर्वजों ने सदियों पूर्व की थी। धर्म ध्वजा का आरोहण भारतवर्ष की आध्यात्मिक विरासत को और भी मजबूत करता है तथा संपूर्ण विश्व में सनातन आस्था की महिमा को प्रखरता से स्थापित करता है। संत समाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका को इस उपलब्धि का महत्वपूर्ण आधार मानता है। उनका कहना है कि डबल इंजन सरकार ने सनातन परंपराओं के संरक्षण और मंदिर संस्कृति के पुनरुद्धार का जो कार्य किया है वह देश की आध्यात्मिक चेतना को सुदृढ़ कर रहा है। मठ मंदिरों का संवर्धन, धार्मिक स्थलों पर सुविधाओं के विस्तार और संतों के प्रति सम्मानजनक दृष्टिकोण को नई दिशा प्रदान की गई है।

राम वैदेही मंदिर के प्रतिष्ठित संत दिलीप दास ने कहा कि अयोध्या मिशन के अंतर्गत सनातन संस्कृति का जिस प्रकार पुनरुद्धार हुआ है वह प्रशंसनीय है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धर्म की रक्षा और स्थापना के उद्देश्य से सतत संलग्न बताते हुए कहा कि वह केवल एक मुख्यमंत्री नहीं बल्कि धर्म परंपरा की रक्षा के प्रहरी हैं। विवाह पंचमी के अवसर पर आयोजित इस प्रतिष्ठा समारोह में साधु संतों द्वारा प्रभु श्रीराम और माता जानकी के विवाह पर्व का पूजन अर्चन भी किया गया। संत समाज का विश्वास है कि यह क्षण भारत के उज्ज्वल भविष्य की आस्था को और अधिक मजबूत करेगा तथा सनातन समाज के आत्मगौरव का शंखनाद साबित होगा।

अयोध्या में उमड़ा आस्था का सागर, देशभर से पहुंचे श्रद्धालु

श्रीराम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराए जाने के ऐतिहासिक क्षण ने संपूर्ण अयोध्या को भक्ति भाव से ओतप्रोत कर दिया। धर्मपथ सहित शहर की सभी प्रमुख सड़कों पर जयघोष करते श्रद्धालु उमड़ पड़े और राम नाम की गूंज से नगर भक्तिरस से सराबोर हो गया। लता मंगेशकर चौक पर हजारों की संख्या में भक्त एकत्रित होकर ध्वजारोहण का सीधा प्रसारण देखते रहे। जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर शिखर पर धर्मध्वजा स्थापित की, उपस्थित जनसमूह भावविभोर होकर जय श्रीराम के उद्घोष में डूब गया।

श्रद्धालुओं में अपार उमंग, कहा त्रेता युग जैसा वैभव

अयोध्या के पड़ोसी जिलों सुल्तानपुर, बस्ती, अंबेडकर नगर और बाराबंकी सहित उत्तर भारत के अन्य हिस्सों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रावस्ती से आए राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि वह 17 नवंबर को ही अयोध्या पहुंच गए थे और आज स्वयं को अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी और योगी ने अयोध्या का गौरव वापस दिलाया है और शहर को स्वस्थ व सुंदर बनाया है। श्रावस्ती के ही विश्वनाथ जायसवाल ने कहा कि राम मंदिर निर्माण का कार्य ऐतिहासिक रहा है और मोदी-योगी ने वह किया है जो पूर्व में कोई नहीं कर सका।

सांस्कृतिक और भावनात्मक उत्सव में बदला समारोह

बिहार के गोपालगंज से हनुमान जी की वेशभूषा में पहुंचे एक रामभक्त ने अपने नृत्य और गायन से माहौल को भक्ति रस में रंग दिया। दिल्ली से आई श्रद्धालु महिलाएं मधु, धारणा, संतोष और पूजा ने कहा कि राम मंदिर परिसर पहुंचते ही उन्हें देवलोक जैसी अनुभूति हुई। संत रमाकांत शर्मा, जो पिछले 25 वर्षों से अयोध्या आते रहे हैं, ने कहा कि अयोध्या आधुनिक भी हुई है और अपनी त्रेतायुगीन झलक भी पा चुकी है। ढोल और मंजीरों के मधुर स्वरों के बीच संतों की टोली ने इस आयोजन को एक दिव्य सांस्कृतिक पर्व में परिवर्तित कर दिया। यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं रहा, बल्कि आस्था, इतिहास और आधुनिकता के संगम का जीवंत प्रतीक बनकर उदित हुआ, जिसमें अयोध्या ने अपनी आध्यात्मिक प्रतिष्ठा विश्व के सामने पुनः स्थापित की।

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