मिशन शक्ति : उत्तर प्रदेश में नारी सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता की नई उड़ान
मिशन शक्ति उत्तर प्रदेश की महिलाओं के लिए सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता का नया आधार बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षित माहौल, त्वरित न्याय और आर्थिक अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 1647 थानों में महिला हेल्प डेस्क, पिंक पेट्रोल, एंटी रोमियो स्क्वाड, 1090 वूमेन पावर लाइन और आत्मरक्षा प्रशिक्षण जैसी पहल ने महिला सुरक्षा को नई ताकत दी है। स्वयं सहायता समूह, बीसी सखी, ओडीओपी और लखपति दीदी जैसी योजनाओं ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। मिशन शक्ति ने महिलाओं में आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को मजबूत किया है।
- योगी सरकार ने महिला सशक्तिकरण का बनाया राष्ट्रीय मॉडल, मिशन शक्ति 5.0 ने बदली सामाजिक और आर्थिक तस्वीर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश, जो कभी महिला सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के लिहाज से देश की सबसे चुनौतीपूर्ण भूमियों में गिना जाता था, आज वही प्रदेश महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता के मामले में नए मानक स्थापित कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चलाया जा रहा ‘मिशन शक्ति’ अब केवल एक सरकारी कार्यक्रम भर नहीं है, बल्कि एक व्यापक सामाजिक अभियान बन चुका है, जिसने उत्तर प्रदेश की आधी आबादी को नई दिशा, शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान किया है। इस महत्त्वाकांक्षी पहल ने महिलाओं को न केवल सुरक्षा का मजबूत वातावरण दिया है, बल्कि उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता, शिक्षा, निर्णय क्षमता और नेतृत्व के अवसर प्रदान किए हैं।
योगी सरकार के आठ वर्षों में प्रदेश में जो परिवर्तन स्पष्ट रूप से दिखते हैं, वे मिशन शक्ति की सफलता का प्रमाण माने जा रहे हैं। प्रदेश में महिला सुरक्षा से जुड़ी शिकायतों में भारी गिरावट, पुलिस कार्यवाही में तेजी, महिलाओं में आत्मरक्षा के प्रति जागरूकता, ग्रामीण व शहरी महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना और महिला श्रम भागीदारी में अभूतपूर्व वृद्धि- ये सभी संकेत बताते हैं कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव आ चुका है।
मिशन शक्ति की शुरुआत और अब तक का सफर
उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा एक लंबे समय तक प्रमुख मुद्दा रहा था। राज्य में 2017 से पहले की स्थिति ऐसी थी कि महिलाएं अकेले यात्रा करने या रात में बाहर निकलने से कतराती थीं। सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षा की भावना व्यापक थी। पुलिस व्यवस्था पर भरोसा कम और अपराधियों में भय का अभाव स्पष्ट दिखाई देता था।
2017 में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध और अपराधियों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई। इसके साथ ही महिला सुरक्षा और सम्मान को शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया गया। इसी कड़ी में वर्ष 2020 में ‘मिशन शक्ति’ का शुभारंभ हुआ, जिसका उद्देश्य केवल सुरक्षा उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि महिलाओं को सम्मान और स्वावलंबन के साथ समाज में अग्रणी भूमिका में स्थापित करना था। इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए आज यह मिशन शक्ति 5.0 के रूप में विकसित हो चुका है, जो व्यापक स्तर पर प्रशासन, समाज और महिलाओं की सहभागिता से आगे बढ़ रहा है।
सुरक्षा : भयमुक्त वातावरण की स्थापना
महिला सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बहुस्तरीय व्यवस्था विकसित की है। कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ-साथ महिलाओं की तत्काल सहायता व सुरक्षा के लिए प्रभावी तंत्र तैयार किए गए हैं।
सुरक्षा से जुड़े प्रमुख कदम और उपलब्धियां
- 1647 पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित
- 1663 थानों में मिशन शक्ति केंद्र सक्रिय
- पिंक पेट्रोल 24×7 संवेदनशील स्थानों पर तत्काल प्रतिक्रिया के साथ सक्रिय
- महिला बीट प्रणाली से प्रत्येक क्षेत्र में नियमित निगरानी
- एंटी रोमियो स्क्वाड द्वारा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर लगातार गश्त
- 1090 वीमेन पावर लाइन और साइबर मॉनिटरिंग सेल द्वारा डिजिटल सुरक्षा
- 112 आपातकालीन सेवा द्वारा त्वरित पुलिस सहायता
- हर जिले में मिशन शक्ति कमांडो तैनात
अपराध में गिरावट और सुरक्षा का परिणाम
- महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों में 60% की कमी
- 3972 असामाजिक तत्व गिरफ्तार
- 3 लाख से अधिक लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर चेतावनी
- 32077 चालान जारी, अनुशासन और सुरक्षा में सुधार
- पांच लाख से अधिक महिलाओं को आत्मरक्षा का विशेष प्रशिक्षण
इस विस्तृत व्यवस्था का प्रत्यक्ष परिणाम यह हुआ है कि आज उत्तर प्रदेश की महिलाएं पहले की तुलना में अधिक निर्भीक, सुरक्षित और आत्मविश्वासी महसूस कर रही हैं। घर, कार्यस्थल, विद्यालय, कॉलेज और सार्वजनिक परिवहन- हर जगह सुरक्षा का वातावरण निर्मित हुआ है।
आर्थिक सशक्तिकरण : आत्मनिर्भरता की मजबूत नींव
महिला सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक रूप से सशक्त बनाना मिशन शक्ति का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य रहा है। सरकार की विभिन्न योजनाओं ने महिलाओं को आय, रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर प्रदान किए हैं।
आर्थिक रूप से सशक्त होने की दिशा में बड़ी उपलब्धियां
- महिला श्रम भागीदारी 2017 के 14% से बढ़कर 2023-24 में 36%
- स्वयं सहायता समूहों (SHG) की आय में कई गुना वृद्धि
- बीसी सखी योजना के तहत हजारों महिलाओं को सम्मानजनक रोजगार
- ‘लखपति दीदी’ योजना ने महिलाओं को मजबूत उद्यमी बनाया
- ODOP (One District One Product) योजना से हस्तशिल्प, हैंडलूम, फूड प्रोसेसिंग और पारंपरिक कलाओं को बाजार मिला
गांव-गांव घर-घर बैंकिंग और डिजिटल सुविधा पहुंचाने वाली बीसी सखियों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी योगदान दिया है।
अब महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं, बल्कि अपने समुदाय के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन चुकी हैं।
सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर बदलाव
मिशन शक्ति अभियान ने सामाजिक सोच और मानसिकता में भी बड़ा परिवर्तन लाया है। जब महिलाएं सुरक्षित और आर्थिक रूप से सक्षम होती हैं, तो समाज में समानता, न्याय और विकास की गति स्वतः बढ़ जाती है।
महिलाओं के विकास में मदद करने वाली अन्य प्रमुख योजनाएं
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
- सामूहिक विवाह योजना
- निराश्रित महिला पेंशन
- उज्ज्वला योजना
- स्वामित्व योजना
- पोषण अभियान
- रानी लक्ष्मीबाई महिला और बाल सुरक्षा कोष
इन योजनाओं ने बेटियों को शिक्षा, सम्मान और अवसर प्रदान किए हैं, साथ ही उन्हें भविष्य के लिए तैयार किया है।
मिशन शक्ति से मिली पहचान : जनआंदोलन में बदलता अभियान
सड़क से सोशल मीडिया तक, कॉलेज कैंपस से गांव के चौपाल तक, मिशन शक्ति ने महिलाओं को अपने अधिकार, सुरक्षा और महत्व के प्रति जागरूक किया है। अब महिलाएं केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि नीति और समाज दोनों की दिशा तय करने वाली निर्णायक शक्ति बन चुकी हैं।
आज उत्तर प्रदेश की महिलाएं खुले तौर पर कह रही हैं-
“अब डर नहीं, अब सुरक्षा हमारा अधिकार है।”
“अब हम आश्रित नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता हैं।”
बदला हुआ उत्तर प्रदेश, सशक्त महिलाओं का प्रदेश
मिशन शक्ति ने उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल दी है। राज्य ने यह सिद्ध किया है कि जब सरकार राजनीतिक इच्छा शक्ति, प्रशासनिक प्रतिबद्धता और सामाजिक सहभागिता के साथ मिलकर काम करती है, तो परिवर्तन असंभव नहीं बल्कि अनिवार्य बन जाता है।
आज उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है-
- जहां महिलाएं सुरक्षित हैं
- जहां महिलाएं सम्मान के साथ आगे बढ़ रही हैं
- जहां महिलाएं अपनी पहचान स्वयं तय कर रही हैं
- जहां महिलाएं विकास का आधार बन चुकी हैं
उत्तर प्रदेश अब भय की पहचान नहीं, बल्कि सशक्त नारी के आत्मविश्वास और नेतृत्व की पहचान बन चुका है।
और यही पहचान आगे बढ़ते भारत की प्रेरणा भी है।
देश को विभाजित करने वाले जयचंद व मीरजाफर जैसे पापी : मुख्यमंत्री



