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मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी छात्र जीवन के लिए घातक

  • आत्मविश्वास, संवाद और सामाजिक सहयोग से आत्महत्या पर रोक सम्भव

गाजीपुर। मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं छात्र आत्महत्या रोकथाम रणनीतियों पर आधारित संगोष्ठी बुधवार को पी.जी. कॉलेज मलिकपुरा में आयोजित हुई। यह कार्यक्रम उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशन में सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम की संयोजक एवं मनोविज्ञान विभाग प्रभारी डॉ. पूजा साहू ने विषय प्रस्तुति में कहा कि *“मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को नज़रअंदाज़ करना छात्र जीवन के लिए घातक हो सकता है। सहायता मांगना कमजोरी नहीं बल्कि जीवन को संवारने का साहस है।”* उन्होंने आत्मविश्वास, संवाद और सामाजिक सहयोग की महत्ता पर विशेष बल दिया।

महाविद्यालय के अधिष्ठाता-छात्र कल्याण एवं राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. शिव प्रताप यादव ने कहा कि “जीवन अमूल्य है, कठिनाइयाँ क्षणिक हैं। हमें एक-दूसरे को समझकर, सहयोग देकर और सकारात्मक सोच अपनाकर आत्महत्या जैसी प्रवृत्तियों पर रोक लगानी चाहिए।” उन्होंने महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। मुख्य वक्ता डॉ. शिव कुमार, मनोविज्ञान विभाग प्रभारी, राजकीय महिला डिग्री कॉलेज गाजीपुर, ने कहा कि आज का विद्यार्थी तनाव, प्रतिस्पर्धा और असफलताओं से जूझ रहा है। ऐसे में उसे संवेदनशील वातावरण, परिवार का सहयोग और संस्थागत मार्गदर्शन आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकने हेतु *जागरूकता अभियान, काउंसलिंग और शिक्षक–छात्र के बीच सतत संवाद* अनिवार्य होना चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. दिवाकर सिंह ने की। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन नहीं बल्कि जीवन को सकारात्मक दिशा देना और आत्मविश्वास से भरना भी है। संचालन निसार अहमद, सहायक आचार्य शिक्षाशास्त्र विभाग, ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अंजली यादव, प्रभारी वाणिज्य विभाग, ने दिया।

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