
महाकुम्भ एक याद बन गया, लेकिन इसकी गूंज सदियों तक रहेगी
महाकुम्भ में बिताए पल, संतों की वाणी और आध्यात्मिक अनुभूतियां सजीव बनी रहेंगी .गोवा के मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन पर दी बधाई.
- 45 दिन का अद्भुत आध्यात्मिक संगम, जो यादों में अमर रहेगा
- स्वच्छता अभियान ने रखा आध्यात्मिक विरासत को जीवित
प्रयागराज : प्रयागराज महाकुम्भ 45 दिनों तक आस्था, श्रद्धा और संस्कृति का केंद्र बना रहा। करोड़ों श्रद्धालुओं ने यहां पुण्य स्नान किया, संतों-महात्माओं के प्रवचन सुने और दिव्य वातावरण का आनंद लिया। अब जब महाकुम्भ का समापन हो गया है तो यह एक याद बनकर दिलों में बस गया है।
संगम तट सूना, लेकिन स्मृतियां जीवंत
महाकुम्भ के दौरान जो घाट भक्तों से भरे रहते थे, वे अब सूने हो चुके हैं। श्रद्धालु अपने-अपने गंतव्य की ओर लौट चुके हैं, लेकिन संगम की लहरों में अभी भी आरती की गूंज महसूस होती है। महाकुम्भ में बिताए पल, संतों की वाणी और आध्यात्मिक अनुभूतियां श्रद्धालुओं के हृदय में सजीव बनी रहेंगी।
भव्य आयोजन, सफाई कर्मियों को नमन
महाकुंभ के सफल आयोजन में प्रशासन, सुरक्षा बलों और विशेष रूप से सफाई कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन कर्मयोगियों का आभार व्यक्त किया और उनके योगदान को सराहा। कुम्भ क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखने के लिए सफाई कार्य अभी भी जारी है।
संकल्प: गंगा-यमुना की निर्मलता और संस्कृति की रक्षा
महाकुंभ के समापन ने पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर भी चर्चा को तेज कर दिया है। महाकुम्भ ने एक बार फिर गंगा और यमुना की पवित्रता बनाए रखने की प्रेरणा दी है। इस भव्य आयोजन की समाप्ति के साथ, सभी को संकल्प दिलाया है कि मां गंगा और यमुना को स्वच्छ और अविरल बनाए रखने में योगदान देंगे, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस दिव्य अनुभव का आनंद ले सकें। स्वच्छता से जुड़े एक स्थानीय अधिकारी ने कहा, “महाकुंभ भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन इसका संदेश हमेशा जिंदा रहेगा। हमारी नदियों और परिवेश की शुद्धता को बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है।”
संस्कृति और विकास का अद्भुत संगम: मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने महाकुंभ 2025 की सराहना की
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पूरी प्रशासनिक टीम को महाकुंभ 2025 के ऐतिहासिक और सफल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई दी है।
योगी आदित्यनाथ को लिखे एक व्यक्तिगत पत्र में, डॉ. सावंत ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परंपरा और विकास के अद्भुत समन्वय की सराहना की, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकास भी, विरासत भी” के विजन को साकार करता है। महाकुंभ 2025 की महत्ता केवल धार्मिक और सांस्कृतिक स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और सामूहिक आध्यात्मिक चेतना का भी प्रतीक है।
उत्तर प्रदेश सरकार की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए, डॉ. सावंत ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए सुचारू व्यवस्थाएँ की गईं। उन्होंने कुंभ क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के उपयोग, सुरक्षा, स्वच्छता और आवश्यक सुविधाओं के बेहतरीन प्रबंधन की भी सराहना की।
डॉ. सावंत ने आगे कहा कि महाकुंभ 2025 परंपरा और प्रगति के संतुलन का एक आदर्श उदाहरण बन गया है, जिसने भारत को एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शक्ति के रूप में और अधिक मजबूत किया है। उन्होंने इस भव्य आयोजन को मिले अंतरराष्ट्रीय मान्यता की भी सराहना की, जिससे दुनिया भर के श्रद्धालु और विद्वान इसमें शामिल हुए।
गोवा की जनता की ओर से, मुख्यमंत्री सावंत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम को इस ऐतिहासिक आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत की इस आध्यात्मिक धरोहर का यह भव्य उत्सव आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
मुख्यमंत्री सावंत ने अपने मंत्रिमंडल के मंत्रियों और विधायकों के साथ प्रयागराज जाकर महाकुंभ में भाग लिया। उन्होंने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर इस आध्यात्मिक आयोजन की दिव्यता का अनुभव किया। इससे पहले, गोवा सरकार ने ‘मुख्यमंत्री देव दर्शन यात्रा योजना’ के तहत विशेष 3 तीर्थयात्रा ट्रेनों की व्यवस्था की थी, जिससे गोवा के अनेक श्रद्धालु इस पावन आयोजन में सम्मिलित हो सके। यह पहल गोवा सरकार की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को संजोने और बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
महाकुंभ के सफल समापन पर, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस आयोजन को ‘एकता का महायज्ञ’ करार दिया। उन्होंने कहा, “प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में 45 दिनों तक 140 करोड़ देशवासियों की आस्था का एक साथ आना… अभिभूत करने वाला है।” उनके ये शब्द इस पावन आयोजन के गहरे प्रभाव को रेखांकित करते हैं, जिसने राष्ट्रीय और आध्यात्मिक पहचान को और सशक्त किया है।
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