Varanasi

काशी तमिल संगमम् 4.0: सांस्कृतिक संगम में तमिलनाडु से पहुंचे प्रतिनिधियों का भव्य स्वागत

काशी तमिल संगमम् 4.0 में तमिलनाडु से आने वाले प्रतिनिधियों का सिलसिला जारी है। चौथे दल के आगमन पर बनारस स्टेशन पर डमरू वादन, पुष्प वर्षा और ‘हर-हर महादेव’ व ‘वणक्कम काशी’ के जयघोष के साथ पारंपरिक स्वागत किया गया। तमिल मेहमानों ने काशी की गर्मजोशी, आध्यात्मिक वातावरण और सांस्कृतिक एकता को अविस्मरणीय बताया। इस वर्ष का मुख्य विषय “तमिल सीखें–तमिल करकलाम” है, जिसके अंतर्गत पुलिसकर्मी व नमो घाट के परिवार तमिल भाषा सीख रहे हैं। दक्षिण भारत के प्रतिनिधियों ने यूपी की विकास योजनाओं, सुरक्षा और गुड गवर्नेंस की खुलकर सराहना की तथा सीएम योगी आदित्यनाथ को 10/10 अंक दिए।

  • ‘तमिल सीखें–तमिल करकलाम’ थीम के साथ काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक एकता हुई और मजबूत, प्रतिनिधियों ने यूपी की गुड गवर्नेंस को दिए 10/10 अंक

काशी तमिल संगमम् 4.0 में तमिलनाडु से आने वाले आगंतुकों का सिलसिला जारी है। संगमम् में शामिल होने के लिए चौथा दल विशेष ट्रेन से बनारस रेलवे स्टेशन पहुँचा, जिसमें बड़ी संख्या में कृषि विशेषज्ञ शामिल थे। स्टेशन पर उतरते ही मेहमानों का पारंपरिक तरीके से डमरू वादन, पुष्प वर्षा और ‘हर-हर महादेव’ तथा ‘वणक्कम काशी’ के उदघोष के साथ भव्य स्वागत किया गया। स्टेशन पर हुए इस पारंपरिक स्वागत को देखकर तमिल दल के सदस्यों में खासा उत्साह देखने को मिला। कई लोगों ने कहा कि काशी में मिल रही गर्मजोशी और आध्यात्मिक वातावरण उनके लिए अविस्मरणीय है। डमरू वादन की ध्वनि से पूरा परिसर शिवमय हो उठा और काशी व तमिलनाडु की सांस्कृतिक एकता की झलक साफ दिखाई दी।

दल के सदस्यों ने कहा कि काशी एक आध्यात्मिक नगरी है। यहाँ बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद वे अकादमिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे, जहाँ उन्हें बहुत कुछ सीखने और जानने का अवसर मिलेगा। कुछ ऐसे डेलीगेट भी दिखे जो काशी की धरती पर उतरते ही दंडवत लेट गए। उन्होंने कहा कि यह पवित्र भूमि है और यहाँ आकर उन्हें अत्यंत खुशी हुई है। दो राज्यों की संस्कृति और भाषा का यह मिलन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना का मजबूत स्तंभ है।

काशी तमिल संगमम् के अंतर्गत पुलिसकर्मी और नमो घाट पर रहने वाले परिवार सीख रहे हैं तमिल

काशी तमिल संगमम् 4.0 का इस वर्ष का मुख्य विषय “तमिल सीखें – तमिल करकलाम” है, जिसका उद्देश्य उत्तर और दक्षिण भारत के बीच भाषाई और सांस्कृतिक सेतु को और अधिक सशक्त बनाना है। इसी थीम के अंतर्गत वाराणसी में एक प्रेरणादायक और मन को छू लेने वाली पहल देखने को मिली। एक ओर, उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों ने तमिल भाषा का प्रशिक्षण लिया ताकि काशी आने वाले तमिलभाषी श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सहायता वे और भी सहज तथा प्रभावी ढंग से कर सकें। उन्हें दैनिक संवाद, अभिवादन तथा यात्रियों से सामान्य बातचीत के लिए आवश्यक तमिल वाक्य सिखाए गए।

वहीं, दूसरी ओर नमो घाट पर रहने वाले परिवार भी बड़े उत्साह और खुशी के साथ तमिल भाषा सीख रहे हैं। परिवार में मौजूद बच्चे इतने खुश थे कि तमिल में गिनती सीखते ही मुस्कुराते हुए ज़ोर से दोहराने लगे-“ओरु, रंडु, मून्नु…”—और एक-दूसरे को भी सिखाते नजर आए। यह पूरा प्रशिक्षण आईआईटी मद्रास के डॉ. शिवा द्वारा संचालित विद्या शक्ति के तहत किया गया। उन्होंने सरल, संवादात्मक और परिवारों व पुलिसकर्मियों दोनों के लिए सहज रूप से सीखने योग्य शैली में तमिल का प्रशिक्षण दिया।

पुलिसकर्मियों और परिवारों दोनों का यह उत्साह और सहभागिता यह संदेश देती है कि काशी तमिल संगमम् केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि “तमिल करकलाम” के माध्यम से दो महान संस्कृतियों को जोड़ने वाला एक जीवंत और प्रभावशाली प्रयास है।

काशी तमिल संगमम-4 में दक्षिण भारत से आए प्रतिनिधियों ने की उत्तर प्रदेश के गुड गवर्नेंस की प्रशंसा

वाराणसी में आयोजित काशी तमिल संगमम-4.0 में दक्षिण भारत  से आए प्रतिनिधियों के समूह ने उत्तर प्रदेश के विकास समेत अन्य कामों को देखा, सराहा और गुड गवर्नेंस के लिए खुल कर सराहना की। दक्षिण भारत के प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश में हुए विकास कार्यों, प्रशासनिक प्रबंधन और कानून व्यवस्था की प्रशंसा की। वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या के भ्रमण के बाद प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यो को लेकर अपनी राय रखी। प्रतिनिधियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले वर्षों में बड़े पैमाने पर सकारात्मक बदलाव हुए हैं, जो जमीन पर स्पष्ट दिखाई देते हैं। प्रतिनिधियों ने योगी सरकार के कार्यों की प्रशंसा करते हुए 10 में 10 नंबर दिए।

चेन्नई से पहली बार वाराणसी आई मोनीसा ने कहा की उत्तर प्रदेश में गुड गवर्नेंस है। योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश के विकास के लिए बहुत कार्य किया है, “योगी जैसा मुख्यमंत्री हमारे राज्य में होता, तो हमारा शहर भी और अधिक विकसित हो सकता था। उन्होंने यात्रा के दौरान महिला सुरक्षा के इंतज़ाम को देखकर उत्तर प्रदेश के कानून व्यवस्था की तारीफ़ की। संतोष कुमार ने योगी सरकार के कार्यो को देखते हुए कहा कि उन्हें 10 में से 10 नंबर दिया जा सकता है। पुडुचेरी से आए आर्किटेक्ट  पृथ्वीराज  ने कहा कि सरकार ने काशी के हेरिटेज को रिवाइव करके बहुत अच्छे से संजो के रखा है। शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर और सौंदर्यीकरण काफी बेहतरीन है। तिलकवदी ने कहा कि काशी की सड़के पहले सकरी थी, यातायात बहुत ख़राब था,गंदगी थी अब सभी कार्यो में काफी सुधार आया है।

तमिलनाडु के विरुधुनगर के दीपक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि सुरक्षा, परिवहन, आवास और आयोजन स्थल पर किए गए इंतजाम अत्यंत प्रभावी और व्यवस्थित थे। उनका कहना था कि पूरे आयोजन में अनुशासन और सौहार्द का जो वातावरण देखने को मिला,वह उत्तर प्रदेश प्रशासन की गुड गवर्नेंस को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आयोजित यह संगम उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विरासत के संगम का श्रेष्ठ उदाहरण बन चुका है। प्रतिभागियों का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना इस आयोजन में जीवंत होती दिख रही है। 2 दिसंबर से शुरू हुआ दो-सप्ताह का ये कार्यक्रम तमिलनाडु और काशी के बीच सेतू बनकर सांस्कृतिक और बौद्धिक संबंधों को मजबूत कर रहा है । इस आयोजन में तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि,सात विभिन्न श्रेणियों में जिसमे छात्र, शिक्षक, लेखक , मीडिया प्रतिनिधि, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, पेशेवर एवं शिल्पकार, महिलाएँ तथा आध्यात्मिक विद्वान शामिल हो रहे है।

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