जम्मू : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा स्थिति का जायजा लेते हुए जवानों से ऑपरेशन के दौरान पेशेवर आचरण अपनाने का आह्वान किया।श्री सिंह ने आज मौजूदा स्थिति के साथ-साथ क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों का प्रत्यक्ष आकलन भी किया। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी भी थे।श्री सिंह को मौजूदा सुरक्षा स्थिति, घुसपैठ रोधी ग्रिड और परिचालन तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
ऑपरेशनल चुनौतियों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर श्री सिंह ने कमांडरों के साथ चर्चा की। उन्होंने ऑपरेशन करते समय पेशेवर आचरण और उचित परिश्रम का आह्वान किया है। रक्षा मंत्री ने आतंकवादियों के हमले में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।श्री सिंह ने घायल सैनिकों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने सैनिकों को आश्वासन दिया कि सरकार सशस्त्र बलों के साथ खड़ी है और राष्ट्र हमेशा सैनिकों की अद्वितीय वीरता और बलिदान का ऋणी रहेगा। उन्होंने सशस्त्र बलों के कल्याण को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा और खुफिया ढांचे को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा, “भारतीय सेना कोई साधारण सेना नहीं है। हमारे सैनिक जांबाज हैं। न केवल राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना, बल्कि लोगों का दिल जीतना भी उनका कर्तव्य है।”श्री सिंह ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की बात दोहराते हुए सैनिकों से अतिरिक्त सतर्क रहने का आह्वान किया, ताकि उनके साथ भविष्य में कोई अप्रिय घटना न घटे।रक्षा मंत्री ने क्षेत्र में हाल की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सभी रैंकों से विशिष्ट प्रौद्योगिकी की सहायता से स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार, कड़ी खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन चलाने की बात पर जोर दिया। उन्होंने सभी कमांडरों से अच्छी तरह से स्थापित एसओपी के उल्लंघन के प्रति जीरो टॉलरेंस रखने का आग्रह किया।उन्होंने पुंछ जिले के बुफलियाज़ के टोपा पीर गांव के निवासी मृतकों के परिवारों से भी मुलाकात की।
उन्होंने घटना की त्वरित जांच का आश्वासन दिया, जिससे न्याय मिलेगा और सुरक्षा बलों, नागरिक प्रशासन, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच उच्च स्तर के तालमेल पर संतोष व्यक्त किया, ताकि सुधार की दिशा में दृढ़ संकल्प का स्पष्ट संदेश दिया जा सके। उन्होंने कहा कि सुरक्षा वातावरण केंद्र शासित प्रदेश के विकास के एक नए युग को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल है।श्री सिंह ने केन्द्र सरकार की ओर से किए गए मुख्यधारा के प्रयासों में शामिल होने के लिए स्थानीय लोगों की दृढ़ता और योगदान के लिए उनकी सराहना भी की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया गया कि राष्ट्र की भलाई के लिए विचार प्रक्रिया, संरेखण और सामूहिक संकल्प में एकता जम्मू-कश्मीर में शांति तथा विकास की साझा आकांक्षाओं की उपलब्धि के लिए सबसे महत्वपूर्ण आधार है।
रक्षा मंत्री के जम्मू-कश्मीर के दौरे से पहले सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने 25 दिसंबर को क्षेत्र का दौरा किया था और भारतीय सेना के सभी रैंकों को सभी चुनौतियों के खिलाफ दृढ़ रहते हुए सबसे पेशेवर तरीके से संचालन करने के लिए प्रोत्साहित किया था।उन्होंने मानवाधिकारों का सम्मान करने और किसी भी रूप में उसके उल्लंघन के प्रति शून्य सहिष्णुता की भारतीय सेना की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया था।(वार्ता)