
देश के विकास में उद्योगों का अहम योगदान : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
नई दिल्ली । भारतीय उद्योग परिसंघ की वार्षिक बैठक में आज प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने एक ऐसा भारत की तस्वीर सामने रखी जहां नीतिगत सुधार सरकार की आस्था का हिस्सा है। जहां दुनिया का सबसे प्रतियोगी कॉरपोरेट टैक्स है, जो रिकॉर्ड निवेश को देश में लाने में मदद कर रहा है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए सरकार और उद्योग जगत नज़दीक आए हैं, जो कोरोना काल में साफ तौर पर देखा जा रहा है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय उद्योग परिसंघ यानी CII की वार्षिक बैठक को संबोधित किया। CII की इस बैठक में भारत के 75 साल: आत्मानिर्भर भारत के लिए सरकार और व्यवसायी मिलकर कर रहे हैं काम विषय पर प्रधानमंत्री ने अपनी बात रखी।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि भारत अब एक नए विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है, जो ओलंपिक के मैदान पर भी दिखता है, जो दुनिया के मंच पर भी दिख रहा है, जो ब्रांड इंडिया के लिए भी ज़रूरी है। यही भरोसा स्टार्ट-अप के लिए भी कहा जा सकता है, जहां विदेशी निवेश आ रहा है और जो ग्रोथ का असाधारण अवसर उपलब्ध करा रहा है। संसद के मॉनसून सत्र में पारित विधेयकों का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सत्र में छोटे उद्योंगो को क्रेडिट हासिल करने में मदद करने वाला विधेयक तो पास किया ही गया साथ ही छोटे जमाकर्ताओं की सुरक्षा को भी तय किया गया। वहीं, रेट्रोस्पेक्टिव करों को भी समाप्त किया गया है जिसने उद्योग जगत और सरकार के बीच विश्वास को बढ़ावा दिया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योग जगत के लिए सरकार सुधारों को लगातार आगे बढ़ाती रही है, और रिफॉर्म हमारी सरकार के लिए कंपल्शन यानी बाध्यता नहीं बल्कि कनविक्शन यानी आस्था है, प्रतिबद्धता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर आज़ादी के अमृत महोत्सव के बीच उद्योग जगत को भी नए संकल्पों और नए लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ने को प्रेरित किया, और बताया कि क्यों ये आत्मनिर्भरता भारत के लिए ज़रूरी है, कि निजी क्षेत्र आगे आए।