2022 में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से विकास करेगी भारतीय अर्थव्यवस्था: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को अनुमान लगाते हुए कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था 2022 में दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से विकास करेगी। 2022 में भारत की विकास दर 10.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था “अत्यधिक नाजुक” दौर से गुजर रही है क्योंकि देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है।
जनवरी की रिपोर्ट के मुकाबले दोगुनी हुई अनुमानित विकास दर
संयुक्त राष्ट्र ने विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) के अपने मध्य-वर्ष के अद्यतन में, जिसे पहली बार जनवरी 2021 में जारी किया गया था, ने अनुमान लगाया कि भारतीय अर्थव्यवस्था कैलेंडर वर्ष 2022 में 10.1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह दर लगभग जनवरी की रिपोर्ट में देश के लिए वृद्धि दर के अनुमान की दोगुनी है। उस समय 5.9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
2022 में चीन को भी पीछे छोड़ देगा भारत
2022 में 10.1% की विकास दर के साथ भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होगी। भारत की विकास दर 2022 में चीन से भी आगे निकल जाएगी। चीन की विकास दर का 2022 में 5.8% की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो 2021 में 8.2% रहेगी।
मध्य-वर्ष के रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की विकास दर 2020 में 6.8% के संकुचन के बावजूद कैलेंडर वर्ष 2021 में अनुमानित 7.5% की विकास दर दर्ज करेगा।
जनवरी की रिपोर्ट के आंकड़े
मध्य-वर्ष की रिपोर्ट में जनवरी में जारी संयुक्त राष्ट्र के भारत के लिए विकास अनुमानों में एक सकारात्मक संशोधन हुआ है।
जनवरी की विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2020 में 9.6 प्रतिशत की दर से संकुचित होगी, और 2021 में 7.3% विकास दर रहेगी। आगे रिपोर्ट में बताया गया था कि 2022 में भारतीय जीडीपी 5.9% की अनुमानित दर से वृद्धि करेगी।
वैश्विक अर्थव्यवस्था की हालत अभी नाजुक रहेगी
वैश्विक परिदृश्य पर नजर डालते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका, दक्षिण एशिया के साथ-साथ लैटिन अमेरिका और कैरिबियन देशों की विकास दर कोरोना महामारी के चलते कमजोर ही रहेगी।
भारत, जहां अप्रैल के तीसरे सप्ताह से प्रतिदिन 3 लाख से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, अब महामारी का नया पड़ाव बनता नजर आ रहा है। ब्राजील,अर्जेंटीना, पेरू और कोलम्बिया की अर्थव्यवस्था की हालत अभी भी बेहद खराब है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ज्यादातर विकासशील देशों के लिए 2021 में आर्थिक उन्नति 2019 के स्तर से नीचे ही रहेगी।
कोरोना की दूसरी लहर से भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाई
भारत विशेष रूप से दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे देश के बड़े हिस्से में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली ध्वस्त हो गई है। हालांकि भारत ने वैक्सीन पात्रता का विस्तार किया है और हर संभव तरीके से आपूर्ति में तेजी ला रहा है। भारी मांग को पूरा करने के लिए टीकों की पहुंच फिलहाल अपर्याप्त है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि हाल की स्थिति को देखते हुए 2021 में भारत का विकास दृष्टिकोण बेहद कमजोर है।
मध्य-वर्ष के रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि दक्षिण एशिया – पहले से ही दुनिया में सबसे अधिक प्रभवित क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र 2021 में भी COVID -19 संकट से घिरा रहेगा।
एशियन डेवलपमेंट बैंक ने भारत की अनुमानित विकास दर 11% बताई थी
आपको बता दें, एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने भी अप्रैल महीने में कहा था कि बेहतर और व्यापक टीकाकरण के चलते, चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का 11% के दर से बढ़ने का अनुमान है। हालांकि रिपोर्ट में चेताते हुए कहा गया था कि कोविड के मामलों में हालिया उछाल देश की आर्थिक सुधार के लिए जोखिम साबित हो सकता है।
आगे रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि वित्त वर्ष 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था (GDP) 7% की दर से बढ़ेगी।