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भारत सामूहिक सोच के साथ स्वच्छ ऊर्जा मिशन पर काम कर रहा है: पीयूष गोयल

उम्मीद है कि एक दिन ऐसा आएगा, जब नवीकरणीय स्रोतों के कारण पूरी दुनिया में उर्जा लगभग निःशुल्क हो जायेगी

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत एक सामूहिक सोच के साथ स्वच्छ ऊर्जा मिशन पर काम कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) द्वारा आयोजित पहले विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए, श्री गोयल ने कहा “स्वच्छ ऊर्जा के साथ भारत के जुडाव के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि हम एक सामूहिक सोच के साथ काम कर रहे हैं, विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग काम करने संबंधी प्रक्रियाओं को समाप्त किया जा रहा है और भावी पीढ़ियों के स्वच्छ भविष्य के लिए हम एक दूसरे को समर्थन दे रहे हैं।”

श्री गोयल ने कहा कि सौर ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां निश्चित रूप से हमारे भविष्य को बेहतर बनायेंगी और दुनिया को स्वच्छ तथा जीवन जीने के लिए बेहतर स्थान बनाने के लिए शक्ति प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा, “ऊर्जा के स्रोतों में शुद्धता के अलावा हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है और हमें यह सुनिश्चित करना है कि हम सभी इसे पूरा करने में भाग लें और हमारे बच्चों के लिए बेहतर भविष्य सुरक्षित करें”। मंत्री ने भारत में गैस आधारित अर्थव्यवस्था की शुरुआत करने के लिए श्री धर्मेंद्र प्रधान के अंतर्गत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा की गई पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बदलाव और परिवर्तनकारी पहल, देश को जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर जाने में मदद करेंगे।

श्री गोयल ने कल्पना करते हुए कहा कि एक दिन पूरी दुनिया में बिजली लगभग मुफ्त हो जाएगी। उन्होंने कहा, “भारत में अकेले सौर ऊर्जा के 745 गीगावॉट तक जाने की क्षमता है, मैं परिकल्पना करता हूं कि देश दुनिया के अन्य हिस्सों को अपने पीक ऑवर में बिजली प्रदान करेगा। मैं दुनिया भर में आपस में जुड़े एक ग्रिड की कल्पना करता हूँ। मैं महासागरों के अन्दर से जाने वाली पारेषण लाइनों के साथ एक विश्व ग्रिड की कल्पना करता हूं, जिसके जरिये हम दुनिया भर में ऊर्जा का वितरण कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि सूर्य हमेशा दुनिया के किसी एक हिस्से में चमकता है, पवन हमेशा दुनिया के किसी एक हिस्से में ऊर्जा के रूप में अपनी उपयोगिता का विकल्प देता है और जल, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में ऊर्जा का स्रोत है।

कार्बन उत्सर्जन के स्तर को कम करने के लिए पेरिस में सीओपी -21 शिखर सम्मेलन के निर्णय को कई वर्षों में लिया गया सबसे महत्वपूर्ण सामूहिक निर्णय बताते हुए, श्री गोयल ने कहा “यह सभी के स्वच्छ भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामूहिक निर्णय था। हमने दुनिया के स्वच्छ और बेहतर भविष्य की दिशा में काम करने का फैसला किया था, यह तय किया था कि प्रत्येक देश कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए क्या करेगा और हम सामूहिक रूप से इस बात पर सहमत हुए थे कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटना सभी हितधारकों की वैश्विक जिम्मेदारी होगी।” 100 से अधिक देशों में स्वीकृति प्राप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को बधाई देते हुए श्री गोयल ने एसयूआरएजे (सूरज [एस- स्थिर, यू – बिना शर्त, आर – नवीकरणीय, ए – किफायती, जे – न्याय] के असीम ऊर्जा का उपयोग करने के लिए सभी से हाथ मिलाने का आह्वान किया।

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