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चीन दुश्मन नहीं, भारत को बदलना होगा नजरिया : सैम पित्रोदा

पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस से सफाई मांगी भाजपा ने.कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से किया किनारा.

नई दिल्ली । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने कहा कि चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है। अब समय आ गया है कि हम पड़ोसी देश को पहचानें और उसका सम्मान करें। पित्रोदा ने भारत-चीन संबंधों पर अपनी राय रखते हुए कहा कि भारत को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है और यह धारणा छोड़ने की जरूरत है कि चीन दुश्मन है। उन्होंने कहा कि भारत का दृष्टिकोण हमेशा से टकराव वाला रहा है, जो दुश्मनी पैदा करता है। उनका मानना ​​है कि सोचने का यह तरीका बदलना चाहिए, यह जरूरी नहीं कि हम हमेशा चीन को दुश्मन मानें और यह सिर्फ चीन के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए होनी चाहिए।

सैम पित्रोदा ने कहा, मुझे नहीं पता कि चीन से क्या खतरा है। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, क्योंकि अमेरिका को हमेशा दुश्मन की पहचान करनी होती है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि अब सभी देशों को एक साथ आने का समय है। हमें सीखने, संवाद बढ़ाने, सहयोग करने और मिलकर काम करने की जरूरत है, हमें ‘कमांड और कंट्रोल’ की मानसिकता से बाहर निकलना होगा। उन्होंने कहा, चीन चारों ओर है… चीन बढ़ रहा है… हमें इसे पहचानना और समझना होगा। हर देश आगे बढ़ रहा है, कुछ तेजी से, कुछ धीमे। जो बहुत गरीब हैं, उन्हें तेजी से बढ़ना होगा, और जो संपन्न हैं, उनकी वृद्धि धीमी होगी। जो विकसित हैं, उनकी आबादी बुजुर्ग होगी, जबकि विकासशील देशों की आबादी युवा होगी। हमें इन सब चीजों को एक साथ देखना होगा।

पित्रोदा की यह टिप्पणी हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक के बाद आई है, जिसमें भारत-चीन सीमा तनाव पर चर्चा हुई थी। 13 फरवरी को हुई एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव में मध्यस्थता करने की पेशकश की, जिससे यह संकेत मिला कि अमेरिका स्थिति को शांत करने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। भारत ने ट्रंप के इस प्रस्ताव को तुरंत ठुकरा दिया।(वीएनएस)

पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस से सफाई मांगी भाजपा ने

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ओवरसीज़ कांंग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के चीन को लेकर दिये गये बयान को निंदनीय एवं गलवान के शहीदों एवं भारतीय सेना के बलिदान का अपमान करार दिया है और कांग्रेस से इस बयान पर सफाई मांगते हुए देश के विरोधी ताकतों के साथ भारत में सामाजिक आर्थिक विघटन में लिप्त हाेने का आरोप लगाया है।भाजपा के सांसद एवं प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने आज यहां पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में यह आरोप लगाया। डॉ. त्रिवेदी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ज्यों-ज्यों आर्थिक, सामरिक और कूटनीतिक दृष्टि से विश्व के पटल पर एक शक्तिशाली और प्रभावशाली देश के रूप में उभरता जा रहा है और देश के अंदर सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का नया दौर चल रहा है। त्यों-त्यों अनेक प्रतिगामी शक्तियां भारत की इस अभूतपूर्व प्रगति और विकास को रोकने के लिए अनेक षड्यंत्र कर रही हैं।”

उन्होंने कहा कि जो कुछ कांग्रेस और उनके वैचारिक गुरू या थिंक टैंक कहे जाने वाले लोग समय-समय पर कहते आ रहे हैं, वो चीजे अब पूरी तरह से जनता के सामने आती जा रही हैं। ओवरसीज़ कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने चीन को लेकर आज जिस प्रकार का बयान दिया है, उससे यह बात बहुत साफ हो गई है कि कांग्रेस पार्टी के चीन के साथ हुए करार का इजहार वो दिनदहाड़े कर रहे हैं।भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “गंभीर बात ये है कि जिस प्रकार की बात सैम पित्रोदा ने कही है, वो भारत की अस्मिता, कूटनीति और भारत की संप्रभुता पर बहुत गहरा आघात है। उन्होंने कहा है कि चीन के साथ तो किसी प्रकार का विवाद ही नहीं है, यानी भारत ही आक्रामक मुद्रा लिए हुए है। सैम पित्रोदा को बयान को अलग से नहीं देखा जाना चाहिए। इसी प्रकार के कई बयान राहुल गांधी भी विदेश में दे चुके हैं। श्री गांधी ने चीन की अर्थव्यवस्था, बेरोज़गारी यहां तक कि प्रेस स्वतंत्रता की स्थिति पर चीन की झूठी तारीफ में बयान दिये हैं। कुछ समय पहले उन्होंने अपने विदेश दौरे पर कहा कि चीन ने बेरोजगारी की समस्या को बहुत अच्छे से दूर किया है। गलवान में हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए और उसके बाद आपके (कांग्रेस के) ओवरसीज के अध्यक्ष इस प्रकार की भाषा बोलते हैं, तो यह निंदनीय है।”

उन्होंने कहा कि भारत सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विश्व के हर देश के साथ अच्छे और सौहार्दपूर्ण संबंध चाहती है। परंतु राष्ट्रीय स्वाभिमान, सुरक्षा और सुदृढ़ता हमारे लिए सर्वोपरि है। श्री पित्रोदा का यह बयान गलवान के शहीदों का अपमान है और भारतीय सेना के बलिदान का अपमान है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से यह दर्शा दिया है कि वो चीन के साथ हुए अपने करार के प्यार में और राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन के दूतावास से मिले हुए कर्ज़ के दबाव में बोल रहे हैं। इसके लिए उन्हें सीधे-सीधे सफाई देनी चाहिए।डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि भारत की चुनावी व्यवस्था को किस प्रकार से समुद्रपारीय ताकतों की भारत के लोगों की दुरभिसंधि से प्रभावित करने और चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश हुई हैं और इसमें अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस के संगठन द्वारा करोड़ों रुपए दिये गये हैं। यह बात अमेरिका में कही गयी है। उन्होंने पूछा कि कौन की शक्तियां हैं जो भारत में आर्थिक अनुदान देकर चुनावी प्रक्रिया को परिवर्तित या प्रभावित करना चाहतीं हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने तीसरा मुद्दा उठाते हुए कहा कि लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई का श्री सोरोस के साथ संबंध होना और पाकिस्तानी उच्चायोग में मधुर मनोभावों से वार्तालाप करना, भारतीय सेना एवं वायुसेना को लेकर कटुतापूर्ण शब्द कहना कांग्रेस की किस मनोभाव को दर्शाता है, ये सब जानते हैं।उन्होंने कहा कि कांग्रेस भारत विरोधी शक्तियों -सोरोस और चीन के साथ है और देश में उत्तर से दक्षिण को तेलंगाना से उत्तर प्रदेश बिहार को, भाषाओं, प्रांतों, क्षेत्र और जातियों के आधार पर लड़वाना चाहती है। कांग्रेस में बाहरी शक्तियों के लिए मोहब्बत की दुकान चलाती है और भारत की हर चीज़ के लिए नफरत का सामान बेचती है।डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि श्री गांधी ने इंडियन स्टेट से लड़ने की बात बहुत सोच विचार कर कही है, यह कोई ज़ुबान फिसलने वाली बात नहीं थी। कांग्रेस के पास बचाव का कोई रास्ता नहीं है। कांग्रेस को स्पष्ट रूप से इसका जवाब देना होगा कि सैम पित्रोदा के बयान के बारे में उसका क्या मत है। इस प्रकार की शक्तियों के बयान भारत के लोगों को पीड़ा देते हैं।

चुनावी प्रक्रिया को यूएसएड के माध्यम से प्रभावित करने को लेकर एक सवाल पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ना केवल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बल्कि रूसी सरकार ने भी यह कहा था कि भारत में चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप हो रहा है। लेकिन हमारी सरकार ने इस चौतरफा हमले को नियंत्रित किया और देश को प्रगति के रास्ते पर रखा है।पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी के बयान के बारे में पूछे जाने पर डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक एवं स्वायत्त संस्था है। आयोग को अपने स्तर पर इस बारे में उपयुक्त एवं प्रभावी निर्णय लेना है। लेकिन राजनीतिक दृष्टि से इसके प्रेरक होने के नाते कांग्रेस को जवाब देना है जो उस समय शासन में थी। हालांकि श्री कुरैशी ने यह स्वीकार कर लिया है कि अमेरिकी संस्था के साथ एमओयू हुआ था। लेकिन सवाल है कि इसके लिए किसने प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तिनके से पहाड़ छिपाने में कामयाब नहीं हाेगी और उसे जवाब देना होगा।

कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से किया किनारा

कांग्रेस ने विदेश में काम करने वाले अपने संगठन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के उस बयान से किनारा कर दिया है जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा है कि चीन से भारत को कोई खतरा नहीं है इसलिए भारत को उसे दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए।कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने यहां एक बयान में कहा “श्री सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से कांग्रेस के विचार नहीं हैं।”(वार्ता)

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