आंतकवाद से निपटने भारत ने सुरक्षा परिषद को दिया 8 सूत्री कार्य योजना का प्रस्ताव
नई दिल्ली । विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर ने कहा है कि कोविड-19 ने आतंकवाद की चुनौती को और बढ़ा दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकी गतिविधियों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा विषय पर खुली परिचर्चा में उन्होंने कहा कि महामारी के कारण आर्थिक अनिश्चितता ने कट्टर आतंकी विचारधारा को आतंकी गतिविधियों के लिए और अधिक संवेदनशील बना दिया है। विदेश मंत्री ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए आठ सूत्री कार्य योजना का प्रस्ताव किया।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद को आतंकवाद के खिलाफ दोहरा मानदंड़ नहीं अपनाना चाहिए। डॉ. जयशंकर ने कहा कि कोई आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता है। जो आतंकी विचारधारा का प्रचार करते हैं उनका एक ही एजेंडा होता है और जो इन आतंकवादियों का समर्थन करते हैं वे भी समान रूप से दंड के भागी हैं। उन्होंने सुरक्षा परिषद के सदस्यों से आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में एकजुट रहने का अनुरोध किया। विदेश मंत्री ने सभी सदस्य देशों से अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी नीतियों में निहित दायित्यों को पूरा करने का आहवान किया।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध व्यवस्था के अंतर्गत व्यक्तियों और कंपनियों को आतंकी सूची में शामिल करना या हटाना राजनीतिक अथवा धार्मिक मान्यताओं के आधार पर नहीं बल्कि सिद्धांतों के आधार पर होना चाहिए। विदेश मंत्री ने आतंकी गुटों को वित्तीय सहायता पर रोक लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र और एफएटीएफ के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इससे संबंधित कई समितियों के कार्यों की समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि उनमें बेहतर पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावकारिता होनी चाहिए।