
कोरोना के डबल म्युटेंट स्ट्रेन पर भी प्रभावी है भारत निर्मित वैक्सीन
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 21 अप्रैल को यह जानकारी दी कि वैक्सीन ले चुके प्रति 10,000 व्यक्तियों में से सिर्फ 2- 4 लोग ही संक्रमित पाए जा रहे हैं। इसके अनुसार वैक्सीन ले चुके लोगों का संक्रमण प्रतिशत 0.02 से 0.04 प्रतिशत ही है। आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव ने वैक्सीन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि संक्रमण डाटा के अनुसार जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज मिल चुकी है, उनमें से बहुत ही कम लोगों में संक्रमण पाया गया है।
ICMR study shows #COVAXIN neutralises against multiple variants of SARS-CoV-2 and effectively neutralises the double mutant strain as well. @MoHFW_INDIA @DeptHealthRes #IndiaFightsCOVID19 #LargestVaccineDrive pic.twitter.com/syv5T8eHuR
— ICMR (@ICMRDELHI) April 21, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने भी इस विषय पर ट्वीट करते हुए अपनी खुशी जाहिर की।
Well that's one encouraging piece of news!#Covaxin found efficacious against multiple variants of SARS-COV-2, neutralising even the double mutant strain.#MadeInIndia shines bright yet again!#LargestVaccineDrive #COVID19#Unite2FightCorona @BharatBiotech @PMOIndia https://t.co/NlZTj5s5I3
— Dr Harsh Vardhan (Modi Ka Pariwar) (@drharshvardhan) April 21, 2021
कोवैक्सीन की दूसरी डोज लेने वालों में से सिर्फ 0.04 प्रतिशत पाए गए हैं कोविड पॉजिटिव
अभी तक जिन लोगों ने कोवैक्सीन की दूसरी डोज ले ली है, उनमें से 0.04 प्रतिशत और जिन्होंने कोविशील्ड की दूसरी डोज ले ली है, उनमें से 0.03 प्रतिशत लोग ही कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं विशेषज्ञों और डॉक्टरों के अनुसार हमें वैक्सीन लेने के बाद भी मास्क का उपयोग करते रहना चाहिए और सैनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखना चाहिए। कुछ लोगों में वैक्सीन ने पहले डोज से ही असर दिखाना शुरू कर दिया है। हालांकि पूरी सुरक्षा के लिए वैक्सीन के दोनों डोज लेने आवश्यक हैं।
भारत निर्मित टीके कोरोना वायरस के विरुद्ध प्रतिरोधी क्षमता विकसित करने में हैं सक्षम
अभी तक 1.1 करोड़ से अधिक लोगों को कोवैक्सीन तथा 11.6 करोड़ से अधिक लोगों को कोविशील्ड के टीके दिए जा चुके हैं। इनमें से कोवैक्सीन की दोनों डोज ले चुके 695 लोग और कोविशील्ड के दोनों डोज ले चुके लोगों में से 5,014 लोग कोविड से संक्रमित हुए हैं, लेकिन संक्रमित लोगों में भी संक्रमण बहुत कम मात्रा में पाया गया है। यह डाटा दिखाता है कि भारत निर्मित टीके कोरोना वायरस के विरुद्ध प्रतिरोधी क्षमता विकसित करने में सक्षम हैं।
वैक्सीन की वजह से शरीर में बने एंटीबॉडीज वायरस को बढ़ने से रोकते हैं
बलराम भार्गव ने कहा, “ये टीके गंभीर संक्रमण और मृत्यु को कम करते हैं। वे संक्रमण की संभावना को भी कम करते हैं। थोड़े बहुत संक्रमण जो देखे जा रहे हैं उसका कारण पहले की तुलना में और भी तेजी से बढ़ रही कोरोना की दूसरी लहर है।” इस विषय पर एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि वैक्सीन बीमारी से बचाता है लेकिन जरूरी नहीं कि ये आपको संक्रमण से भी बचाए। हालांकि वैक्सीन की वजह से शरीर में बने एंटीबॉडीज वायरस को बढ़ने से रोकते हैं और ये बीमारी को गंभीर नहीं होने देते।