रक्षा विनिर्माण के केन्द्र के रूप में उभर रहा है भारत: मोदी
आने वाले दिनों में बढ़ेंगी बाहरी शक्तियों की चुनौतियां: मोदी
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है और वह दिन दूर नहीं जब भारत रक्षा विनिर्माण के केन्द्र के रूप में उभरेगा।श्री मोदी ने 78 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से देशवासियोंं को संबोधित करते हुए कहा कि पहले रक्षा क्षेत्र के बजट का बड़ा हिस्सा विदेशोंं से रक्षा खरीद में ही खर्च हो जाता था, लेकिन सरकार की नीतियों से अब स्थिति बदली है। अब भारत अपनी जरूरत पूरी करने के साथ साथ निर्यात कर रहा है तथा रक्षा विनिर्माण के केन्द्र के रूप में उभर रहा है।
उन्होंने कहा, “पहले रक्षा क्षेत्र का बजट खरीदी में चला जाता था, लेकिन अब हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होते चले जा रहे हैं और हमारी एक पहचान बनी है। कई देशोंं में हम रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं और विनिर्माण केन्द्र के रूप मेंं उभर रहे हैं।”प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्थिति के लिए हमारी सेनाएं विशेष रूप से सराहना की पात्र हैं। सेनाओं ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार की योजनाओं और पहलों का समर्थन करते हुए सहयोग किया है। रक्षा मंत्रालय ने सैकड़ोंं ऐसे उत्पादोंं की सूची तैयार की है जिनके आयात पर पाबंदी लगायी जा रही है। इन उत्पादों का देश मेंं उत्पादन बढाया जायेगा और धीरे-धीरे इनका आयात बिल्कुल बंद कर दिया जायेगा।
आने वाले दिनों में बढ़ेंगी बाहरी शक्तियों की चुनौतियां: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगलादेश की घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए गुरुवार को आशंका जताई कि आने वाले दिनों में बाहरी शक्तियों की चुनौतियां बढ़ने वाली हैं तथा भारत उन चुनौतियों को भी चुनौती देगा।श्री मोदी ने लालकिले पर 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए बंगलादेश की हिंसा पर कहा, “बंगलादेश को लेकर लोगों की चिंता समझता हूं, हालात जल्दी ही सामान्य होंगे, ऐसी मुझे उम्मीद है। लेकिन मैं इसके साथ-साथ वहां के अल्पसंख्यक, हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित चाहता हूं। भारत हमेशा चाहता है कि पड़ोसी मुल्क शांति के मार्ग पर चले, हम आने वाले दिनों में बंगलादेश की विकास यात्रा में अहम भूमिका निभाने वाले हैं, हम मानव भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।
“प्रधानमंत्री ने बंगलादेश के हालात के लिए जिम्मेदार विदेशी ताकतों को भी संदेश देते हुए कहा, “चुनौतियां भीतर भी हैं, चुनौतियां बाहर भी हैं, जैसे आगे बढ़ेंगे चुनौती बढ़ने वाली है, मैं इस बारे में जानता हूं। मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि हमने कभी दुनिया को युद्ध में नहीं झोंका, इसलिए भारत के आगे बढ़ने से विश्व चिंतित ना हों।”उन्होंने कहा,” भारत के संस्कारों को समझें, भारत के इतिहास को समझिए। लेकिन फिर भी मैं देश को कहना चाहता हूं कि चुनौती कितनी भी बड़ी हो, चुनौती को चुनौती देना भारत की फितरत में है, ना हम रुकेंगे ना झुकेंगे। हम संकल्पों की पूर्ति के लिए 140 करोड़ भारतीयों के भाग्य को निर्धारित करने के लिए मेहनत करने वाले हैं।”(वार्ता)