
भारत ने पाकिस्तान को दिया जोर का झटका,पाकिस्तानी नागरिकों को नहीं मिलेगा वीजा
वेंस ने मोदी को अमेरिका की ओर से सभी प्रकार के सहयोग की पेशकश की
नयी दिल्ली : भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए जघन्य आतंकवादी हमले में पाकिस्तानी तत्वों की भूमिका को देखते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि पर रोक लगाने, अटारी वाघा एकीकृत सीमा जांच चौकी बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के भारत में प्रवेश पर रोक लगाने और उच्चायोगों में सैन्य सलाहकारों को हटाने का फैसला लिया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक में ये निर्णय लिये गये। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व कैबिनेट सचिव डा टी वी सोमनाथन ने भाग लिया।
बैठक करीब दो घंटे चली।बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में इन फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आज शाम सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। सीसीएस को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई थी जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। कई अन्य घायल हो गए। सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद जताई।
श्री मिस्री ने कहा कि दुनिया भर की कई सरकारों से समर्थन और एकजुटता की मजबूत अभिव्यक्ति मिली है, जिन्होंने इस आतंकवादी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा की है। सीसीएस ने ऐसी भावनाओं के लिए अपनी प्रशंसा दर्ज की, जो आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता को दर्शाती है।उन्होंने कहा कि सीसीएस को दी गई ब्रीफिंग में, आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को सामने लाया गया था। यह ध्यान दिया गया कि यह हमला केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव सफल होने और आर्थिक विकास और विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को पहचानते हुए, सीसीएस ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया:-
(1)1960 की सिंधु जल संधि पर तत्काल प्रभाव से रोक होगी, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से अपना समर्थन नहीं छोड़ देता।
(2) अटारी वाघा एकीकृत चेक पोस्ट तत्काल प्रभाव से बंद हो जाएगी। जो लोग वैध वीसा के साथ पाकिस्तान गए हैं, वे एक मई से पहले उस मार्ग से लौट सकते हैं।
(3) सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाता है। एसवीईएस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को 48 घंटे में भारत छोड़ना होगा।
(4) नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा / सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकार को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। भारत इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने स्वयं के रक्षा / नौसेना / वायु सलाहकारों को वापस ले लेगा। संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को रद्द माना जाता है। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस ले लिया जाएगा।
(5) उच्चायोगों में नियुक्तियों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर दिया जाएगा, जो एकमई से प्रभावी होगी।विदेश सचिव ने कहा सीसीएस ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च निगरानी बनाए रखने का निर्देश दिया। इसने संकल्प लिया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा के हालिया प्रत्यर्पण के साथ, भारत उन लोगों की खोज को लेकर कटिबद्ध होगा जिन्होंने आतंक के कृत्य किए हैं, या साजिश में शामिल हैं।
मोदी ने सीसीएस बैठक में की जम्मू-कश्मीर से संबंधित परिदृश्य की समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में पहलगाम के जघन्य आतंकवादी हमले के कारण उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों एवं आगे की संभावित कार्रवाई की दृष्टि से समूचे परिदृश्य की बुधवार देर शाम यहां मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की एक महत्वपूर्ण बैठक में समीक्षा की।श्री मोदी पहलगाम हमले के कारण सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में समाप्त करके आज प्रातः राजधानी लौट आये थे और उन्होंने हवाई अड्डे पर ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ एक बैठक में स्थिति की जानकारी ली थी।सीसीएस की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और श्री जयशंकर, श्री डोभाल और कैबिनेट सचिव डा टी वी सोमनाथन ने भाग लिया। बैठक करीब दो घंटे चली।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने के लिए श्री डोभाल, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ दिन में एक बैठक की थी।सूत्रों के अनुसार बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। पहलगाम हमले के सभी पहलुओं की समीक्षा की गई, सुरक्षा एवं खुफिया सूचनाओं का विश्लेषण किया गया तथा आगे की रणनीति पर विचार किया गया।बताया गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने भी आतंकवादी हमले की जांच में जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहयोग के लिए हमला स्थल का दौरा किया। सुरक्षा बलों ने जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। समूचे केन्द्र शासित प्रदेश में सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
वेंस ने मोदी को अमेरिका की ओर से सभी प्रकार के सहयोग की पेशकश की
भारत की यात्रा पर आये अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से टेलीफोन पर बात की और पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले की भर्त्सना की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका की ओर से सभी प्रकार के सहयोग की पेशकश की।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां एक्स पर आधिकारिक हेंडल पर अपने संदेश में लिखा, “उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और जम्मू कश्मीर में हुए नृशंस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की।
उन्होंने जानमाल के नुकसान पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और दोहराया कि अमेरिका इस कठिन घड़ी में भारत के लोगों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई में सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।”प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने समर्थन और एकजुटता के संदेशों के लिए उपराष्ट्रपति वेंस और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।श्री वेंस 21 अप्रैल को भारत की यात्रा पर नयी दिल्ली पहुंचे थे। वह इस समय अपनी यात्रा के अंतिम चरण में आगरा पहुंच गये हैं और वह कल स्वदेश रवाना हो जाएंगे।(वार्ता)