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इंडिया गठबंधन के घटक नहीं करेंगे विशेष सत्र का बहिष्कार: कांग्रेस

नयी दिल्ली : कांग्रेस तथा विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन केंद्र सरकार द्वारा 18 सितम्बर से बुलाए गये संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में हिस्सा लेगा और जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार से संसद में चर्चा कराने की मांग करेगा।कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस संसदीय दल की बैठक तथा इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक में इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई है और कहा कि भले ही सरकार मनमानी कर रही है और उसने विशेष सत्र के एजेंडे की जानकारी विपक्षी दलों को नहीं दी है, लेकिन कांग्रेस तथा गठबंधन के सभी घटक जनहित में संसद सत्र में हिस्सा लेंगे और जनता से जुड़े मुद्दे सदन में उठाकर उन पर चर्चा की मांग करेंगे।

उन्होंने कहा “कल शाम को कांग्रेस के संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने की। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के निवास पर इंडिया गठबंधन के सभी पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं की बैठक हुई। बैठक में तय हुआ है कि हम सदन का बहिष्कार नहीं करेंगे और जनता के जरूरी मुद्दे उठाएंगे।”कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि विशेष सत्र का एजेंडा नहीं दिया गया है इस पर कांग्रेस ने चिंता जताई है और इसी चिंता को व्यक्त करते हुए कांग्रेस संसदीय दल की नेता श्रीमती गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नौ मुद्दों का जिक्र करते हुए इन सभी पर सरकार से संसद में चर्चा कराने की मांग की है।

उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं उनमें महंगाई, बेरोजगारी और एमएसएमई, एमएसपी, अडानी मामले पर जेपीसी का गठन, जातीय जनगणना, संघीय ढांचों पर हो रहे हमले और गैर भाजपा शासित राज्यों को उनके अधिकारों से वंचित किए जाने, हिमाचल प्रदेश में आई बाढ़, लद्दाख और अरुणाचल की सीमा पर चीनी अतिक्रमण, हरियाणा तथा अन्य राज्यों में साम्प्रदायिक तनाव पर चर्चा कराने और मणिपुर हिंसा पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया गया है।श्री रमेश ने कहा “हम उम्मीद करते हैं कि यह विशेष सत्र सिर्फ सरकारी एजेंडा के आधार पर नहीं होगा।

अगर यह विशेष सत्र सरकारी एजेंडा के आधार पर है तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे, यह परम्परा के खिलाफ है। बुलेटिन के विशेष सत्र में पांचों दिन सरकारी बिजनेस की बात लिखी गई है जो नामुमकिन है। हमने ठाना है कि जो मुद्दे हम पिछली बार नहीं उठा पाए थे, इस बार उठाएंगे।” (वार्ता)

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