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ब्रिटिश संसद में जेलेंस्की ने भरी हुंकार, ‘खून की आख़िरी बूंद तक लड़ेंगे’

मैकडॉनल्ड्स ने रूस में बंद किए अपने सभी रेस्टोरेंट्स, पुतिन पर कस रहा आर्थिक शिकंजा

युद्धग्रस्त यूक्रेन के युवा राष्ट्रपति वी जेलेंस्की ने ब्रिटिश संसद में हुंकार भरते हुए कहा कि आक्रांता रूस के विरुद्ध उनका हर देशवासी खून की आख़िरी बूंद तक लड़ने के लिए कटिबद्ध है।यूक्रेन स्थित अपने अधिकृत आफिस से जेलेंस्की ने वर्चुअली माध्यम से ब्रिटिश संसद को संबोधित किया। उन्होंने ब्रिटिश सांसदों को स्मरण कराया कि पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंसटन चर्चिल ने किस तरह सिंह गर्जना करते हुए कहा था कि वह जंगलों में, फ़ील्ड और समुद्र में शत्रु से लड़ेंगे। इस पर ब्रिटिश सांसदों ने खड़े होकर जेलेंस्की का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वह अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से मिल रही आर्थिक और सैन्य सहायता और रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों लगाने के लिए अभिभूत हैं। जेलेंस्की ने ज़ोर देकर आग्रह किया कि बस यूक्रेन के हवाई मार्ग को नो फ़्लाई ज़ोन घोषित कर दें, फिर उनकी विजय दूर नहीं है।

यूक्रेन डोनेट्स्क और लुगांस्क पर समझौते को तैयार

रूस के आक्रमण के 14वें दिन यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के तेवर कुछ नरम पड़े हैं। वह दोनों देशों के बीच जारी सामरिक मोर्चे की जड़ को खत्म करने के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा है कि वह डोनेट्स्क और लुगांस्क पर समझौता करने को तैयार हैं।
दुनिया से मदद की अपील कर चुके राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें नाटो का सदस्य नहीं बनना। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यूक्रेन अब नाटो की सदस्यता नहीं लेगा। वह रूस समर्थक दो क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुगांस्क की स्थिति पर ‘समझौता’ करने के लिए तैयार हैं।
जेलेंस्की की यह घोषणा बेहद अहम मानी जा रही है। बहुत हद तक संभव है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन बातचीत की मेज पर आने को राजी हो जाएं।उल्लेखनीय है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को आक्रमण शुरू करने से ठीक पहले इन दोनों को स्वतंत्र घोषित कर उन्हें मान्यता दी थी। यही वह मुद्दा है जिसे रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की जड़ माना जा रहा है।

रूस से लड़ने के लिए नाटो देशों के इनकार के बाद जेलेंस्की ने कहा- ‘नहीं चाहता नाटो की सदस्यता’

नाटो देशों के रूस से लड़ने से इनकार के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि वह नाटो की सदस्यता नहीं चाहते।जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के लिए नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) सदस्यता देने की मांग को लेकर अब वे जोर नहीं दे रहे हैं। राष्ट्रपति ने इसे संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कहा कि रूसी हमले का एक कारण यह भी है। रात एक इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा कि नाटो की ओर से यूक्रेन को स्वीकार करने में असहमति के संकेत मिलने के बाद मैंने इस मामले को पहले ही ठंडे बस्ते में डाल दिया।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हाउस आफ कामंस में ब्रिटिश सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेनी अपना देश नहीं खोना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह नाजियों के हमले के दौरान ब्रिटिश अपना देश नहीं खोना चाहते थे वैसे ही हम भी अपना देश नहीं खोना चाहते हैं। इससे पहले स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्लडालेना एंडरसन ने कहा था कि इस समय नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करने से यूरोप में वर्तमान सुरक्षा स्थिति अस्थिर हो सकती है। उन्होंने कहा कि यदि हम इस समय नाटो से जुड़ने के लिए आवेदन करते हैं, तो यह क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी अस्थिरता बढ़ाएगा और इससे चिंताओं में भी इजाफा होगा।

बता दें कि हाल में ही यूक्रेन में ‘नो फ्लाई जोन’ को लागू करने से नाटो ने इनकार कर दिया है, जिस पर जेलेंस्की भड़क गए। उन्होंने नाटो के इस फैसले की आलोचना की और कहा कि इससे अब रूस को यूक्रेन के शहरों और गांवों पर बम बरसाने की इजाजत मिल गई। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि नाटो इस बात से अवगत है कि रूस अभी और ज्यादा हमले करेगा फिर भी इसने जानबूझकर ऐसा फैसला ले लिया है।जेलेंस्की ने कहा कि नाटो के इस फैसले के बाद यूक्रेन नहीं बचेगा तो पूरा यूरोप भी तबाह हो जाएगा। बता दें कि अब यूक्रेन की राजधानी कीव समेत अनेक शहरों को रूसी सेना ने घेर लिया है।

जेलेंस्की की पत्नी ने कहा, पुतिन ने नरसंहार किया

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की पत्नी ओलेना जेलेंस्की देश पर रूस के आक्रमण से आहत हैं। उन्होंने मीडिया को खुला पत्र जारी कर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर नरसंहार का आरोप लगाया है। ओलेना ने अपने इस खुले पत्र को ‘यूक्रेन से गवाही’ नाम दिया है।प्रथम महिला ने कहा है- ‘यूक्रेन के लोग कभी हार नहीं मानेंगे। हथियार नहीं डालेंगे।’ ओलेना ने कहा है कि उनके देश के साथ जो हुआ है, उसपर यकीन करना असंभव है। खुले पत्र का शीर्षक है ‘आई टेस्टीफाय’। इसे मैसेजिंग सर्विस टेलीग्राम पर जारी किया गया है।पत्र में ओलेना ने लिखा कि क्रेमलिन स्थित प्रोपेगेंडा संस्थान (जो इसे ‘विशेष अभियान’ करार दे रहे हैं) के आश्वासन के बावजूद यूक्रेन के नागरिकों का नरसंहार किया गया। यूक्रेन की प्रथम महिला ने कहा है कि पुतिन ने यूक्रेन के लोगों को कमतर आंका है। हमारे नागरिक बेमिसाल एकता प्रदर्शित कर रहे हैं।

ओलेना ने पत्र में उन कुछ लोगों के नाम लिखे हैं, जो मर चुके हैं। उन्होंने लिखा कि कई दर्जन बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने अपने जीवन में शांति नहीं देखी। ओलेना ने पत्र लिखने की वजह भी बताई है। उन्होंने कहा है कि वह वैश्विक मीडिया के अनुरोध से अभिभूत हैं। ‘यूक्रेन से गवाही’ मीडिया के सवालों का जवाब है।ओलेना ने पत्र में लिखा है कि रूस के आक्रमण का सबसे भयानक और विनाशकारी अंजाम बच्चों की मौत है। आठ वर्षीय एलिस ओख्तिरका की सड़क पर उसके दादा के सामने मौत हो गई। कीव की पोलीना बमबारी में अपने माता-पिता के साथ मारी गई। 14 साल के आर्सेनी के सिर पर मलबा गिरा। उसे बचाया नहीं जा सका।ओलेना ने लिखा कि रूस कहता है कि वह नागरिकों के खिलाफ जंग नहीं कर रहा है तो उन्होंने उन कुछ बच्चों के नाम गिनाए हैं, जिनकी जान गयी है।

यूक्रेन की राजधानी कीव में मिसाइल हमले का खतरा, हवाई अलर्ट घोषित

युद्धग्रस्त यूक्रेन की राजधानी कीव और उसके आसपास मिसाइल हमले का खतरा है। इस संबंध में रूस के आक्रमण के 14वें दिन बुधवार सुबह हवाई अलर्ट घोषित किया गया। प्रशासन ने नागरिकों से फौरन सुरक्षित स्थानों में जाने का आग्रह किया है।कीव क्षेत्रीय प्रशासन के प्रमुख ओलेक्सी कुलेबा ने टेलीग्राम पर कहा है कि मिसाइल हमले का खतरा होने से कीव क्षेत्र में हवाई अलर्ट है। सभी लोग तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। इस बीच यूक्रेन के कुछ हिस्सों में रूस के सीज फायर के ऐलान के बावजूद रशियन सेना के हमले जारी हैं। इस हमले में खार्किव के गांव विनित्सिया में दो लोगों की मौत हो गई है। विनित्सिया में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को नीदरलैंड के अपने समकक्ष मार्क रूट से इस युद्ध से उपजी परिस्थितियों पर चर्चा की। दोनों ने इसकी वजह से यूक्रेन में उत्पन्न मानवीय संकट पर चिंता साझा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर दोनों देशों से संघर्ष रोककर वार्ता और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की अपील दोहराई।यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी 24 घंटे पहले ब्रितानी सांसदों से रूस को आतंकवादी देश घोषित करने के साथ और अधिक सख्त प्रतिबंध लागू करने की अपील की। जेलेंस्की ने मंगलवार को वीडियो लिंक के माध्यम से निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ को संबोधित किया। जेलेंस्की ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से कहा हम पश्चिमी देशों की सहायता के लिए आपकी मदद चाहते हैं। हम इस मदद के लिए आभारी हैं और बोरिस, मैं आपका आभारी हूं।

ब्रिटेन के आसमान पर रूसी विमानों का प्रवेश अपराध घोषित

ब्रिटेन के परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा कि ब्रिटेन के हवाई क्षेत्र में अब किसी भी रूसी विमान का प्रवेश अपराध माना जाएगा।शाप्स ने इस संबंध में ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है-,’मैंने किसी भी रूसी विमान के लिए ब्रिटेन के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करना एक अपराध बना दिया है। अब एचएमजी इन जेट विमानों को रोक सकता है।

रूस के खिलाफ लड़ने को सामने आए दुनिया के 16000 नागरिक

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के 14वें दिन भी आसमान पर विमान गरज रहे हैं। जमीन पर दोनों देशों की सेना आमने-सामने संघर्ष कर रही है। इस बीच यूक्रेन के दूतावासों में दुनिया भर से करीब 16,000 लोगों ने वालंटियर के तौर पर लड़ने के लिए आवेदन किया है। यह भी सामने आया है कि इस लड़ाई में एक भारतीय छात्र भी हथियार उठा चुका है।ऐसा कहा जा रहा है कि रूस के खिलाफ लड़ाई के लिए आवेदन करने वालों में भारतीय नौसेना के दो पूर्व अधिकारी भी शामिल हैं। तमिलनाडु मूल का एक भारतीय छात्र पहले ही यूक्रेन में रूस के खिलाफ लड़ने के लिए हथियार उठा चुका है। तमिलनाडु के 21 साल के सैनिकेशन रविचंद्रन ने जॉजियाई नेशनल लीजन (टुकड़ी) ज्वाइन की है। इस टुकड़ी का काम यूक्रेन के लिए अर्द्धसैनिक बल के तौर पर रूस से युद्ध लड़ना है।

मैकडॉनल्ड्स ने रूस में बंद किए अपने सभी रेस्टोरेंट्स, पुतिन पर कस रहा आर्थिक शिकंजा

यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस पर अमेरिकी और यूरोपीय देशों द्वारा एक के बाद एक आर्थिक प्रतिबंध लगाने का दौर जारी है। कंपनियां लगातार रूस छोड़ रही हैं या वहां से अपना व्यापार समेट रही है। ताजा घटनाक्रम में मैकडॉनल्ड्स ने रूस से अपने सभी रेस्टोरेंट बंद करने का ऐलान कर दिया है। रूस की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने के लिए शिकंजा कसता जा रहा है। यूक्रेन पर हमले को लेकर अब मैकडॉनल्ड्स ने बड़ा कदम उठाते हुए रूस में अपने सभी रेस्टोरेंट को बंद करने का फैसला किया है। रूस में अमेरिकी कंपनी मैकडॉनल्ड्स के 800 से अधिक रेस्टोरेंट चल रहे थे जिसको अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा।

मैकडॉनल्ड्स ने यह फैसला उस समय आया है जब रूस यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले करते जा रहा है और भारी नुकसान पहुंचा रहा है। यूक्रेन पर अटैक करने को लेकर अमेरिका समते कई देश रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन पर रूस के हमले के जवाब में उसकी अर्थव्यवस्था को और कमजोर करने के इरादे से मंगलवार को घोषणा की कि अमेरिका, रूस से सभी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाएगा, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि इससे अमेरिकियों, विशेष रूप से गैस पंप पर लागत बढ़ जाएगी।

यह कार्रवाई यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की ओर से अमेरिका और पश्चिमी देशों के अधिकारियों से आयात में कटौती करने की अपील करने के बाद हुई है। रूस के वित्तीय क्षेत्र पर गंभीर प्रतिबंधों के बावजूद तेल निर्यात ने वहां कैश फ्लो को स्थिर बनाए रखा है।बाइडेन ने घोषणा की कि हम पुतिन के युद्ध को ‘सब्सिडी’ देने का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने नई कार्रवाई को जारी युद्ध के लिए रूस को धन जुटाने के खिलाफ एक जोरदार झटका बताया।(हि. सं.)

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