
वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में गंदगी व शिवलिंग की आकृति पर बयान देने के मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर सोमवार को अपर जिला जज-नवम विनोद कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। निग्रणीकर्त हरिशंकर पांडे और उनके अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने अपना पक्ष रखा, साथ ही राज्य सरकार के तरफ से एडीजीवी अर्पणा पाठक ने पक्ष रखा। साथ ही बहस जारी रखते हुए 17 जून की तिथि नियत की गई। उधर विपक्षीगण के तरफ से अभी कोई उपस्थित नही हुआ है। पिछले तिथि पर विपक्षीगण को भी अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी की गई थी।
वादी अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने विगत वर्ष एसीजेएम-पंचम/एमपी-एमएलए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर शिकायत की थी कि ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है। दावा किया कि वह स्थान स्थान हमारे अराध्य देव शिव का है। यह भी कहा था कि शिवलिंग की आकृति को लेकर एआइएमआइएम के अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ नेताओं ने गलत बयानबाजी कर हिन्दूओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया था। इसलिए अखिलेश, ओवैसी व अंजुमन इंतजामिया कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
अदालत ने लम्बी सुनवाई के बाद अर्जी को खारिज कर दिया। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ वादी हरिशंकर पांडेय ने जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में निगरानी अर्जी दाखिल कर दी। जिला जज ने सुनवाई करते हुए पिछले दिनों केस को एडीजे नवम की अदालत में स्थानांतरित कर दिया है। एडीजे ने पिछली सुनवाई पर मामले में पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था। हालांकि सरकार के तरफ से एडीजी सी तो उपस्तिथि हुए मगर विपक्षिगण के तरफ से अभी कोई नही आया है।