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कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए आधी आबादी का योगदान, सात दिन में बनाए एक लाख मास्क

देश को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए आधी आबादी भी बड़ी जिम्मेदारी निभा रही हैं। कोरोना से इस जंग में अलग-अलग राज्यों में स्व-सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। पिछले साल से लेकर अब तक ग्रामीण इलाकों की महिलाएं लगातार मास्क और ग्लव्स और यहां तक की साबुन, सैनिटाइजर का निर्माण करने में लगी हुई हैं। इन महिलाओं के बनाए हुए मास्क देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच रहे हैं।

जिले के सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाए मास्क
इसी के तहत मध्य प्रदेश के गुना जिले के सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले मैदानी कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने एक लाख मास्क तैयार किए। घर बैठे बनाए गए मास्कों को उन्होंने जनपद पंचायतों, बैंक, बिजली कंपनी और 425 ग्राम पंचायतों में काम करने वाले अमले को आजीविका मिशन के माध्यम से भेजे।

सात दिन में बनाएं एक लाख
कर्मचारियों के लिए जिला पंचायत सीईओ नीलेश पारिख ने आजीविका मिशन के तहत ग्रामीणों और सरकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के लिए स्व-सहायता समूहों के माध्यम से मास्क तैयार कराए हैं।
न्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने सात दिन के भीतर एक लाख मास्क तैयार किए है, जिनको जनपद पंचायतों, बैंक, बिजली कंपनी सहित अन्य विभागों को दिए गए है।

आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं
लहरकोटा गांव की सोना खान, बमोरी की अनीता ओझा और ऊमरी की सुनीता प्रजापति ने दिन रात सात दिन में अपनी महिला साथियों के साथ मिलकर एक लाख मास्क तैयार किए। उन्होंने एक मास्क 10 रुपये की कीमत में जनपद पंचायतों सहित अन्य विभागों को दिया। जिसकी वजह से उनके मास्क 10 लाख रुपये की कीमत में बिके। आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को साकार करती इन महिलाओं को ने न सिर्फ मास्क तैयार किया बल्कि 60 महिलाओं ने घर बैठे एक लाख मास्क की बिक्री कर 10 लाख रुपये की आय प्राप्त की है। सबसे अहम बात तो यह है कि इन मास्क के वितरण से एक ओर उनकी खुद की आय हुई, तो वहीं जिला प्रशासन और ग्रामीणों को भी कोरोना संक्रमण के खतरे से बचाया।

आपदा काल में जहां लोग हुए बेरोजगार, वहीं नारी शक्ति ने लिखी नई इबारत

कोरोना संक्रमण काल में जहां निजी क्षेत्रों में लोगों की नौकरी गई, तो वहीं अनीता ओझा, सुनीता प्रजापति और सोना खान ने घर बैठे घरेलू महिलाओं को रोजगार दिया। साथ ही सात दिन में अपनी आय बढ़ाकर परिवार का भरण पोषण भी किया। अनीता का कहना है कि वह अभी भी सरकारी विभागों के कर्मचारियों के लिए मास्क तैयार कर रही हैं। जिससे वह कोरोना संक्रमण के खतरे से बच सकें।

दो लाख मास्क तैयार करने का ऑर्डर
वहीं जिला पंचायत प्रशासन का कहना है कि एक पखवाड़े के भीतर जिले के स्व-सहायता समूह दो लाख मास्क तैयार करेंगे, जिसको प्रत्येक विभाग में भेजा जाएगा। इससे स्व-सहायता समूहों को 20 लाख रुपये की आय तो होगी, साथ ही महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिल सकेगा।

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