National

कृतज्ञ राष्ट्र ने दी डॉ. भीमराव अंबेडकर को भावभीनी श्रद्धांजलि

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में शुक्रवार को कृतज्ञ राष्ट्र ने संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को उनकी 132 वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।मुख्य समारोह आज संसद भवन परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष आयोजित किया गया। श्रीमती मुर्मू ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों तथा गणमान्य व्यक्तियों ने भी संविधान निर्माता को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

संसद भवन परिसर में हजारों लोग भी डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे। इस अवसर पर प्रतिमा के समक्ष बौद्ध मंत्रोच्चार भी किया गया।इससे पहले श्रीमती मुर्मू ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हमारे संविधान के शिल्पकार बाबासाहब भीमराव रामजी आंबेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।”उन्हाेंने अपने संदेश में कहा कि समाज के वंचित समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए उनका ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो, और संघर्ष करो’- का मूलमंत्र समाज के लिए सदा उपयोगी रहेगा।

उन्होंने कहा, “कानून के शासन में उनकी अडिग आस्था और सामाजिक एवं आर्थिक समानता के लिए प्रतिबद्धता हमारे लोकतंत्र का संबल है। आइए, इस अवसर पर हम अम्बेडकर के आदर्शों और जीवन मूल्यों को अपनाने का संकल्प लें और एक समतावादी एवं समृद्ध राष्ट्र और समाज बनाने के लिए आगे बढ़ते रहें।”राष्ट्रपति ने डॉ. अंबेडकर को ज्ञान का प्रतीक और विलक्षण प्रतिभा का धनी बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी राष्ट्र के कल्याण के लिए कार्य किया और ज्ञान की अलख जगाई।श्री धनखड़ ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह बौद्धिक संपदा के धनी, विधिवेत्ता, समाज सुधारक और सच्चे राष्ट्रवादी थे।

उन्होंने विधि के शासन के लिए जीवन भर संघर्ष किया और समानता लाने के अथक प्रयास किए।श्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘समाज के वंचित और शोषित वर्ग के सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। जय भीम।”देश के विभिन्न हिस्सों में भी डॉ. अंबेडकर की जयंती मनाये जाने की रिपोर्ट मिली है।मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल, 1891 को जन्मे डॉ. अंबेडकर एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने देश में वंचित वर्गों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किए। वह महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता के भी प्रबल पक्षधर थे।

श्री अंबेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे। उन्होंने संविधान सभा की मसौदा समिति की अध्यक्षता भी की थी। उन्होंने संविधान निर्माण में योगदान के अलावा, देश में दलित तथा बौद्ध आंदोलनों को प्रेरित किया और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया।

मुर्मू ने आंबेडकर जयंती की देशवासियों को दी बधाई और शुभकामनाएं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को संविधान के निर्माता बाबासाहब भीमराव रामजी आंबेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे संविधान के शिल्पकार बाबासाहब भीमराव रामजी आंबेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।”

इस अवसर उन्होंने अपने संदेश में कहा कि ज्ञान और विलक्षणता के प्रतीक डॉ. आम्बेडकर ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी राष्ट्र के कल्याण के लिए कार्य किया और ज्ञान की अलख जगाई। समाज वंचित समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए उनका ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो, और सघर्ष करो’- का मूलमंत्र समाज के लिए सदा उपयोगी रहेगा। कानून के शासन में उनकी अडिग आस्था और सामाजिक और आर्थिक समानता के लिए प्रतिबद्धता हमारे लोकतंत्र का संबल है।आइए इस अवसर पर हम आम्बेडकर के आदर्शों और जीवन मूल्यों को अपनाने का संकल्प लें और एक समतावादी और समृद्ध राष्ट्र और समाज बनाने के लिए आगे बढ़ते रहें।

अंबेडकर के विचारों से संपूर्ण मानवता रहेगी प्रदीप्त : शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि उनके प्रखर विचारों से संपूर्ण मानवता के कल्याण का दीपक प्रदीप्त रहेगा।श्री चौहान ने अपने ट्वीट में कहा कि भारतीय संविधान के शिल्पी, सामाजिक क्रांति के संवाहक, भारत रत्न, बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर कोटि-कोटि नमन है।उनके प्रखर और ओजस्वी विचारों के तेजस्वी प्रकाश से सम्पूर्ण भारतवर्ष ही नहीं, सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का दीप युगों-युगों तक प्रदीप्त रहेगा।

अंबेडकर से जुड़े पंचतीर्थ तीर्थदर्शन योजना में, महू में जमीन के लिए मिली सेना से एनओसी : शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बताया कि डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़े पांचों तीर्थों को मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में जोड़ा जा रहा है, साथ ही उनकी जन्मस्थली इंदौर जिले के महू में डॉ अंबेडकर के अनुयायियों के लिए प्रस्तावित धर्मशाला निर्माण के लिए जमीन हेतु सेना से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त हो गया है।श्री चौहान ने डॉ अंबेडकर की जयंती के अवसर पर संवाददाताओं से कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा डॉ अंबेडकर से जुड़े पंचतीर्थ जन्मभूमि महू, शिक्षा भूमि लंदन, दीक्षा भूमि नागपुर, महापरिनिर्वाण भूमि दिल्ली और अंतिम संस्कार वाली भूमि मुंबई को मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में जोड़ा जा रहा है।उन्होंने कहा कि महू में बाबा साहब का स्मारक बनाने का सौभाग्य भाजपा सरकार को मिला।(वार्ता)

Related Articles

Back to top button