शीतकालीन सत्र में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार तैयारः संसदीय कार्यमंत्री
नई दिल्ली । बुधवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले मंगलवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं से सत्र को सुचारू ढंग से चलाने में सहयोग की अपील की। बैठक में सरकार ने स्पष्ट किया कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
संसद भवन परिसर में आयोजित सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत तमाम दलों के नेता शामिल हुए। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आज हुई सर्वदलीय बैठक में 47 में से 31 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। विपक्षी नेताओं ने कुछ सुझाव दिए हैं, जिसे नोट कर लिया गया है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के ईसाई समाज और क्रिसमस के त्यौहार की उपेक्षा करने के आरोप को खारिज करते हुए जोशी ने कहा, “मैं इस आरोप की निंदा करता हूं कि हम क्रिसमस की उपेक्षा कर रहे हैं। 24 और 25 दिसंबर को अवकाश रहेगा।” जोशी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है, विपक्ष की ओर से कुछ सुझाव आए हैं। उन पर स्पीकर और चेयरमैन की अनुमति के बाद चर्चा होगी।
दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वे सत्र को बंद करने या छोटा कर त्यौहर मनाने की बात नहीं कह रहे हैं, बल्कि सरकार को इसके बारे में सोचने के लिए कह रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने सरकार से कहा है कि जैसे हिंदू, मुस्लिम के त्यौहार होते हैं, वैसे ईसाई लोगों का भी त्यौहार होता है। यह बात ईसाई लोगों के त्यौहार के समय ध्यान रखना जरूरी है। उनकी जनसंख्या कम है, लेकिन यह बात हमें सोचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार 24-25 विषयों पर चर्चा कराना चाहती है, जिसके लिए समय नहीं, क्योंकि यह सत्र 17 दिन का है।
चौधरी ने कहा कि उन्होंने सर्वदलीय बैठक में कॉलेजियम प्रणाली पर केंद्र और न्यायपालिका के बीच टकराव, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, भारत-चीन सीमा की स्थिति, जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को होने वाले खतरों, हिंदी बहस, संघीय ढांचे जैसे मुद्दों को सामने रखा है। इन सभी मुद्दों पर सत्र के दौरान चर्चा कराए जाने की मांग की है।(हि.स.)