मॉरीशस के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से विदेशमंत्री जयशंकर ने की मुलाकात, `अति विशिष्ट` मुुद्दों पर की चर्चा
पोर्ट लुइस/नई दिल्ली । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन से मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने “अति विशिष्ट“ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। इसके अलावा, जयशंकर ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ से मुलाकात की और वहां के विदेश मंत्री एम अलन गनू के साथ भी वार्ता की जिस दौरान उन्होंने `उत्कृष्ट` द्विपक्षीय संबंधों और सफल विकास साझेदारी की समीक्षा की।
दो देशों के अपने दौरे के अंतिम चरण में मालदीव से रविवार रात हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसी देश मॉरीशस पहुंचे जयशंकर ने कहा कि मॉरीशस के आर्थिक सुधार और पुनरुद्धार के प्रयासों में भारत साझेदार के तौर पर तैयार रहेगा। जयशंकर ने ट्वीट किया, `मेरी अगवानी करने के लिए राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन का धन्यवाद। हमारे `अति विशिष्ट` रिश्ते पर बढ़िया चर्चा हुई। ` विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, `विदेश मंत्री एलन गनू से मुलाकात के साथ अपने मॉरीशस दौरे की शुरुआत से उत्साहित हूं। अपने उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंधों और सफल विकास साझेदारी की समीक्षा की।
बाद में जयशंकर ने भारतीय मूल के प्रधानमंत्री जगन्नाथ से मुलाकात की और उन्हें वाणिज्यिक रूप से उत्पादित भारत में निर्मित कोविड-19 रोधी टीकों की एक लाख से ज्यादा अतिरिक्त खुराक सौंपी। उन्होंने ट्वीट किया, `मदद के लिये भारत का हाथ हमेशा रहेगा। प्रतीकात्मक रूप से वाणिज्यिक रूप से उत्पादित भारत में निर्मित कोविड-19 रोधी टीके के एक लाख से ज्यादा अतिरिक्त खुराक सौंपी।` उन्होंने प्रधानमंत्री जगन्नाथ के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं भी व्यक्त कीं। जयशंकर ने ट्वीट किया, `उनके नेतृत्व में महामारी के प्रबंधन की सराहना की।`
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, `विभिन्न आधारभूत परियोजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति पर व्यापक चर्चा की। उन्हें आगे बढ़ाने में मॉरीशस पक्ष के प्रभावी होने की सराहना की।` मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने सोमवार को यहां विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मुलाकात के बाद कहा कि मॉरीशस और भारत सुरक्षित और समृद्ध हिंद महासागर की साझा महत्वाकांक्षा के साथ काम कर रहे हैं। इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और कानून के शासन के प्रति सम्मान स्थापित करने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।