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कन्या पोटाकेबिन चिंताकुंटा में लगी आग, 308 छात्राओं को कर्मचारियों ने बचाया

बीजापुर ,छत्तीसगढ़। उसूर ब्लाक के आवापल्ली से कुछ दूर कन्या आवासीय पोटाकेबिन में भीषण आग लगने से पोटाकेबिन पूरी तरह आग से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। आग लगने की घटना पर ड्युटी में तैनात अनुदेशकों व चौकीदारों ने तत्परतापूर्वक छात्रावास मे अध्ययनरत 308 छात्राओं को रेस्क्यू कर सकुशल सुरक्षित स्थान में पहुंचाया, वहीं बीजापुर के नगरसेना की टीम को सूचना मिलने पर अग्नि शमन के यंत्र के साथ त्वरित घटना स्थल पर पहुँच कर आग बुझाने का कार्य किया गया।

इस दौरान 4 वर्षीय मासूम बच्ची की आग में पूरी तरह जलने से मौत हो गई। कलेक्टर अनुराग पाण्डेय ने मृत बच्ची के माता-पिता से मिलकर संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हे ढांढस बंधाया और आरबीसी 6-4 के तहत तत्काल 4 लाख रूपए की मुआवजा राशि मौके पर स्वीकृत करते हुए उनके माता-पिता को शासन के नियमानुसार हर संभव मदद करने की बात कही। पोस्टमार्टम के बाद बच्ची का अंतिम संस्कार करने एवं सुख-दुख की घड़ी में जिला प्रशासन सदैव साथ है कहकर आश्वस्त किया। बच्ची के शव को उनके गांव तक पहुंचाने अंतिम संस्कार हेतु आवश्यक सहयोग राशि प्रदाय करने के लिए मौके पर उपस्थित एसडीएम को निर्देश दिए। उक्त बच्ची के माता-पिता ने बताया कि उनकी बुआ कक्षा आठवी में अध्ययनरत है जिनके साथ पोटाकेबिन में कुछ दिनों के लिए रहने आयी थी।

प्राकृतिक आपदा पीड़ित सभी छात्राओं को 5-5 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति के लिए 15 लाख 40 हजार रुपए मौके पर तत्काल स्वीकृत :

आगजनी की घटना में छात्राओं के कापी, पुस्तक, कपड़ा, स्कूल ड्रेस सहित अन्य दस्तावेज जलकर राख हो गए। कलेक्टर सुबह से दोपहर तक मौके पर उपस्थित होकर सभी छात्राओं एवं प्रत्यक्षदर्शियों से घटना की वास्तविक स्थिति का जायजा लेते हुए प्रथम दृष्टया शार्ट सर्किट से आगजनी होना पाया। सभी 308 छात्राओं को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में शिफ्ट किया गया है। प्रशासन ने सभी छात्राओं से मिलकर उनका मनोबल बढ़ाया छात्राओं ने बताया कि उनके सारे सामान जल गए कलेक्टर ने प्रत्येक छात्रा को 5 हजार रुपए क्षतिपूर्ति की राशि स्वीकृत कर कपड़े एवं अन्य दैनिक उपयोगी सामान लेने को कहा। इस हेतु तत्काल मौके पर 15 लाख 40 हजार रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई। वहीं इस दुखद दुर्घटना से उबरने के लिए जिनको माता-पिता घर ले जाना चाहते हैं उनको घर पहुंचाने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा और तत्काल ढाई-ढाई हजार रूपए प्रदाय करने के निर्देश दिए। ज्ञात हो कि पालकों ने घटना को सुनकर अपने बच्चों से मिलने आए हुए थे और कुछ दिनों के लिए अपने बच्चों को ले जाना चाह रहे थे।

मेडिकल टीम की ओर से सभी बच्चों का कराया गया स्वास्थ्य जांच- कलेक्टर के निर्देश पर बीएमओ की उपस्थिति में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के टीम द्वारा सभी बच्चों का स्वास्थ्य जांच कराया गया विशेषकर उन बच्चों का प्राथमिकता से स्वास्थ्य जांच कराने के निर्देश दिए गए जो कुछ दिनों के लिए अपने घर जा रहे हैं। स्वास्थ्य जांच के दौरान स्वस्थ पाए जाने के बाद ही आवश्यक नियमानुसार बच्चों को घर भेजा जाएगा।

परीक्षा की चिंता न करें स्थानीय परीक्षा की तिथि में होगी संशोधन :

बच्चों को कलेक्टर ने कहा कि स्थानीय स्तर पर आयोजित होने वाली 6वीं से 9वीं एवं 11वीं की परीक्षा की तिथि में संशोधन किया जाएगा और परीक्षा को लेकर किसी भी प्रकार का तनाव नही लें 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में जिन छात्राओं का प्रवेश पत्र जल गए उनको भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है विभाग के पास एक प्रति प्रवेश पत्र होता है उनके हिसाब से परीक्षा में बिठाया जाएगा। 10वीं, 12वीं के बच्चों को पुस्तक तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। वहीं इन छात्राओं को अलग कक्ष में रखने को कहा गया ताकि परीक्षा की तैयारी कर सकें।

दैनिक उपयोगी समानों का किया गया त्वरित प्रबंध :

कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में 160 छात्राएं वर्तमान में रह रही हैं और अभी पोटाकेबिन के 308 छात्राओं के आने से गद्दा, बेड शीट, बिस्तर, चादर एवं अन्य दैनिक उपयोगी समानों का प्रबंध अन्य आवासीय संस्थाओं से वैकल्पिक रूप से त्वरित किया गया। इसके अलावा बाल्टी, मग्गा, साबुन, तेल सहित समुचित शौचालय की व्यवस्था करने को कहा गया।

कन्या आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन में डयूटी के तैनात अनुदेशक रूकमणी झाड़ी, अनिता दुर्गम, कल्पना जुमार, कुमार अनसूर्या मारके, कुमारी सबरागिरी, ज्योति सहित भृत्य मल्ली ककेम, आदि तेलम, उइका तुलामी, रसोईया रतनी झाड़ी, स्वीपर मिच्चा तुलसी ने स्वयं का परवाह किए बगैर बच्चों का सकुशल रेस्क्यू का सरक्षित स्थान में पहुंचाने पर कलेक्टर उनके कार्यो की सराहना की। जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव ने घटना स्थल का बारीकी से अवलोकन कर थाना प्रभारी एवं अन्य सुरक्षाकर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान जगदलपुर की फोरेंसिक टीम सूक्ष्मता से जांच करने हेतु घटना स्थल पर पहुंची।

घटना स्थल पर विभागीय अधिकारियों की रही मौजूदगी :

घटना की जानकारी मिलने पर एसडीएम वायके नाग, तहसीलदार सूर्यकांत घरत, जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल, सहायक आयुक्त केएस मसराम, जिला परियोजना समन्वयक विजेन्द्र राठौर सहित शिक्षा, पुलिस, नगर सेना विभाग के मैदानी अमला सहित जनप्रतिनिधि घटना स्थल पर उपस्थित होकर महत्वपूर्ण योगदान दिए।(वीएनएस)

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