उत्तर प्रदेश में रोजगार क्रांति: योगी सरकार की नीतियों से छोटे उद्योगों और युवाओं को नई उड़ान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश रोजगार और औद्योगिक वृद्धि का राष्ट्रीय केंद्र बन रहा है। सरल औद्योगिक नीतियों, निवेश मित्र पोर्टल, एमएसएमई प्रोत्साहन योजनाओं और मजबूत कानून व्यवस्था ने छोटे उद्योगों को नई रफ्तार दी है। प्रदेश में 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां सक्रिय हैं जो लाखों लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं। मिशन रोजगार के तहत 8.5 लाख से अधिक सरकारी नियुक्तियाँ दी गईं, जबकि रोजगार मेलों और स्टार्टअप योजनाओं से निजी क्षेत्र में भी अवसर बढ़े हैं। कौशल विकास मिशन के माध्यम से लाखों युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
- एमएसएमई क्षेत्र में रिकॉर्ड वृद्धि, 8.5 वर्षों में 8.5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां, कौशल विकास और स्टार्टअप योजनाओं से युवाओं को मिल रहे अवसर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में औद्योगिक एवं रोजगार परिदृश्य ने ऐतिहासिक परिवर्तन देखने को मिला है। एक समय उद्योगों और निवेश के मामले में पीछे माना जाने वाला प्रदेश आज छोटे उद्योगों (एमएसएमई) का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। मजबूत कानून व्यवस्था, निवेशक-हितैषी नीतियां, डिजिटल सुधार, सरल प्रक्रियाएं और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं ने उत्तर प्रदेश को भारत की आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में मजबूत आधार प्रदान किया है।
प्रदेश में वर्तमान समय में 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां संचालित हो रही हैं, जो लाखों लोगों के लिए रोज़गार का स्थायी स्रोत बनी हैं। औद्योगिक विकास की इसी तेज रफ्तार के साथ-साथ सरकार ने युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, सरकारी भर्ती और स्वरोजगार के क्षेत्र में भी व्यापक अवसर उपलब्ध कराए हैं। सरकार के अनुसार, विगत 8.5 वर्षों में 8.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में नियुक्ति दी गई है, जो उत्तर प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा भर्ती अभियान है।
औद्योगिक माहौल में क्रांतिकारी बदलाव
सरल नीतियों और सिंगल विंडो सिस्टम से उद्योग स्थापना बनी आसान
योगी सरकार के सामने वर्ष 2017 में सबसे बड़ी चुनौती अव्यवस्थित औद्योगिक प्रक्रियाएं, भ्रष्टाचार और निवेशकों का भरोसा कमजोर होना था। लेकिन सरकार ने समयबद्ध अनुमति प्रणाली, पारदर्शिता, और सिंगल विंडो पोर्टल (Nivesh Mitra) की स्थापना कर उद्योग लगाने की प्रक्रिया को अत्यंत सरल बनाया।
आज निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से 19 लाख से अधिक औद्योगिक लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। साथ ही एमएसएमई वन कनेक्ट पोर्टल ने लोन, प्रमाणन और सहायता योजनाओं तक पहुंच को सहज बनाया। वित्त वर्ष 2025 में एमएसएमई को लगभग 2.48 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए हैं, जिससे उद्योग विस्तार को गति मिली है।
मजबूत नीतियां – उद्योग और रोजगार दोनों को गति
यूपी एमएसएमई प्रमोशन पॉलिसी 2022 ने पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग स्थापना के लिए 10% से 25% तक की पूंजी सब्सिडी प्रदान की है। यह नीति महिला उद्यमियों, एससी/एसटी वर्ग और युवाओं को विशेष लाभ देती है। प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि एमएसएमई से 25% सरकारी खरीद अनिवार्य की जाएगी जिसमें महिलाओं के लिए 3% और एससी/एसटी के लिए 4% कोटा निर्धारित है।
महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष योजनाएं
- मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत अब तक 1200 करोड़ रुपये की ऋण सब्सिडी
- ओडीओपी (One District One Product) और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने पारंपरिक कारीगरों को वैश्विक पहचान दिलाई
- लाखों परिवारों को स्वावलंबन मिला और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई
कृषि और टेक्नोलॉजी आधारित उद्योगों का विस्तार
उत्तर प्रदेश अब केवल पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं है, बल्कि आधुनिक तकनीक आधारित उद्योगों का नया केंद्र बन रहा है।
लखनऊ-कानपुर कॉरिडोर में ड्रोन टेक्नोलॉजी, एग्री-टेक, एआई आधारित खेती और इनोवेशन हब्स का विकसित होना कृषि को नई दिशा दे रहा है। UP Vision 2047 के तहत 33 सेक्टोरल नीतियां एमएसएमई और टेक उद्योगों को लक्षित करती हैं। इन प्रयासों का परिणाम है कि एमएसएमई क्षेत्र 1.2 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक आर्थिक योगदान दे रहा है।
मिशन रोजगार – सरकारी भर्तियों में ऐतिहासिक उपलब्धि
सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक) परीक्षा दिसंबर-जनवरी में
शिक्षा विभाग में पारदर्शी और नकलविहीन भर्ती सुनिश्चित करने हेतु सरकार दिसंबर और जनवरी माह में 7466 पदों के लिए सहायक अध्यापक परीक्षा आयोजित करेगी। इस भर्ती में 15 विषयों के लिए परीक्षा होगी और तैयारियां बेहद सख्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ की जा रही हैं।
सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए कदम
- बायोमेट्रिक सत्यापन और सख्त फ्रिस्किंग
- सभी केंद्रों पर हाई-टेक सीसीटीवी निगरानी
- एलआईयू और एसटीएफ की लगातार मॉनिटरिंग
- कलर कोड आधारित सुरक्षित प्रश्नपत्र प्रणाली
- परीक्षा प्रबंधन की निगरानी जिलाधिकारी स्तर पर
सभी परीक्षा केन्द्रों पर स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्रकाश और शांत वातावरण की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
कौशल विकास और स्टार्टअप इकोनॉमी – भविष्य के रोजगार की तैयारी
डिजिटल, एआई, ईवी और ग्रीन जॉब्स पर फोकस
योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को स्किल हब बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्किल इंडिया मिशन और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना के अंतर्गत अब तक 5.66 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार उपलब्ध हुआ है।
800 से अधिक इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज
जहां 2016 में यूपी में केवल 42 मेडिकल कॉलेज थे, आज संख्या बढ़कर 80 हो गई है। इंजीनियरिंग और तकनीकी कॉलेजों में भी सीटों और इन्क्यूबेशन सुविधाओं का व्यापक विस्तार किया गया है।
रोजगार मेलों का आयोजन – अवसरों की सीधी कड़ी
अगस्त 2025 में लखनऊ में आयोजित रोजगार महाकुंभ में
- 100 कंपनियों ने भागीदारी की
- 50,000 रोजगार अवसर प्रदान किए
इसमें SBI, HDFC, Mahindra, Amazon, Swiggy, Zomato जैसी कंपनियां शामिल रहीं ।
आने वाले महीनों में लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, वाराणसी और मुजफ्फरनगर में नए रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे जिनमें 15,000 से अधिक नियुक्तियों की संभावना है।
उत्तर प्रदेश – विकसित भारत का आर्थिक इंजन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि प्रदेश का लक्ष्य 2029–30 तक 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनना है और एमएसएमई, रोजगार, कौशल विकास तथा निजी निवेश इस मिशन के मुख्य स्तंभ हैं।
योगी सरकार की नीतियां केवल कागज पर नहीं बल्कि जमीन पर बदलती तस्वीर के रूप में दिखाई दे रही हैं। आज उत्तर प्रदेश-
- एमएसएमई में अग्रणी
- सरकारी रोजगार में शीर्ष स्तर पर
- कौशल विकास और स्टार्टअप में राष्ट्रीय नेतृत्व वाली स्थिति
- निवेशकों की पहली पसंद
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला उद्यमिता का सशक्त केंद्र
छोटे उद्योग और युवा उद्यमी अब उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति का मजबूत इंजन बन चुके हैं।
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