Politics

तेजस्वी यादव के विवादास्पद वादे पर निर्वाचन आयोग सख्त

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा किए गए “हर परिवार को एक सरकारी नौकरी” वाले वादे पर विवाद गहराता जा रहा है। भाजपा विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र के संयोजक एवं अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी। उन्होंने इस वादे को मतदाताओं को वित्तीय प्रलोभन देने और लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत बताया। आयोग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर लिया है और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शिकायत का रेफरेंस आईडी NGS24N101025627804 जारी किया गया है।

  • भाजपा विधि प्रकोष्ठ संयोजक शशांक शेखर त्रिपाठी की शिकायत पर आयोग ने लिया संज्ञान

बिहार : तेजस्वी यादव के विवादास्पद चुनावी वादे पर निर्वाचन आयोग ने संज्ञान लिया है। यह मामला भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ, काशी क्षेत्र के संयोजक एवं अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से संबंधित है। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा किए गए उस वादे पर आपत्ति जताई थी, जिसमें यादव ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनी तो बिहार के प्रत्येक परिवार को एक सरकारी नौकरी दी जाएगी।

अधिवक्ता त्रिपाठी ने इसे चुनाव आचार संहिता और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अंतर्गत भ्रष्ट चुनावी प्रथा बताया है। उनका कहना है कि इस तरह के वादे मतदाताओं को वित्तीय प्रलोभन देकर प्रभावित करने का प्रयास हैं और यह लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है।

इस संबंध में 9 अक्टूबर 2025 को शशांक शेखर त्रिपाठी ने निर्वाचन आयोग को एक विस्तृत प्रार्थना पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कई पूर्व निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे गैर-जिम्मेदार और अव्यावहारिक वादों से चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने आयोग से अनुरोध किया कि संसाधन-विहीन और अव्यावहारिक वादों पर रोक लगाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।

निर्वाचन आयोग ने इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए इसे एनजीएस पोर्टल पर दर्ज किया है। शिकायत का रेफरेंस आईडी NGS24N101025627804 जारी किया गया है, जिसे ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकता है। आयोग ने संबंधित अधिकारी को ईमेल के माध्यम से मामला अग्रेषित करते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश भी दिए हैं।

शशांक शेखर त्रिपाठी ने कहा कि इस तरह के वादे न केवल सार्वजनिक नीति के विरुद्ध हैं, बल्कि चुनाव की निष्पक्षता को भी प्रभावित करते हैं। उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की कि वह इस मामले में जांच कर दोषी को आचार संहिता का पालन करने के लिए बाध्य करे और मतदाताओं को भ्रामक घोषणाओं से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए।

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय लोकतंत्र में पारदर्शिता, निष्पक्षता और जिम्मेदार राजनीति की रक्षा निर्वाचन आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई कर ही लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।

विरोधियों को निशाना बनाने से पहले दिशानिर्देशों पर ध्यान दें राजनीतिक दल : आयोग

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button