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बदलाव की कवायद का सामना कर रही है अर्थव्यवस्था : निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली : केन्द्रीय वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि मौजूदा महामारी के दौर में जब परिस्थितियां विकास के प्रतिकूल हैं, तब भी सुधारों की गति जारी रही है और भविष्य में भी जारी रहेगी। वे भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बहुराष्ट्रीय कंपनी (एमएनसी) सम्मेलन 2020 को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र के व्यवसायीकरण और विनिवेश पर जोर जैसे सुधारों की तीव्र गति को बनाए रखने के लिए कई उपाय किये गये हैं।

सभी उद्यम,बहुराष्ट्रीय कंपनियां और भारतीय इंक, बड़े, मध्यम और लघु उद्यम व्यवसाय में बदलाव की कवायद का सामना कर रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत को निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए नीतियां सही हों। वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के दायरे में सरकार द्वारा घोषित सुधारों ने नाभिकीय उर्जा और अंतरिक्ष जैसे विशिष्ट क्षेत्रों सहित कई सेक्टर विदेशी निवेशकों की भागीदारी के लिए खोल दिये हैं।

इसके अतिरिक्त यह ध्यान रखना होगा कि इस पैकेज के बुनियादी सिद्धांत का उद्देश्य विश्व से भारत को अलग करना नहीं बल्कि घरेलू प्रतिस्पर्धा को सुधार कर उसे वैश्विक मूल्य श्रृंखला का अभिन्न हिस्सा बनाना है। श्रीमती सीतारमण ने कहा है कि भारत से बाहर संचालित बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) के लिए सुविधापूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में भी सरकार सभी उपाय कर रही है।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) की चिंताओं के संबंध में स्वयं उनसे संवाद कर रहे हैं। सुधारों और करों की दरों में कमी से उत्साहित होकर कई सॉवरेन फंड ने सरकार से उसकी राष्ट्रीय अधोसंरचना पाइपलाइन में भागीदारी करने में दिलचस्पी जाहिर की है।

सुधारों के एजेन्डा को आगे ले जाते हुए सरकार छह प्रदेशों में औषधि क्षेत्र, मेडिकल उपकरणों और एपीआई के उत्पादन और विनिर्माण के लिए समर्पित विशेष विनिर्माण जोन स्थापित करना सुनिश्चित कर रही है। प्रभावी एकीकृत एकल खिड़की प्रणाली इन जोनों का हिस्सा हैं। वित्त मंत्री ने सम्बोधन समाप्त करते हुए कहा कि कोरोना संकट के दौरान भी प्रधानमंत्री ने बड़े सुधारों का मौका नहीं गंवाया और सुधारों की गति बनी रही और जारी रहेगी।

एमएनसी पर सीआईआई की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष सौमित्र भट्टाचार्य ने आरंभिक उद्बोधन में कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) ने तीव्र गति के सुधारों को स्वीकार किया है जो कि वर्तमान आर्थिक वातावरण की नियमित विशिष्टता बन गये हैं। कोविड के बाद की दुनिया में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में संरचनात्मक बदलावों को देखते हुए सुधारों को जारी रहना चाहिये जो कि अनेक विदेशी कंपनियों को अपनी इकाइयां भारत स्थानांतरित करने के लिए आकर्षित कर रहे हैं।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने इसके पहले स्वागत भाषण में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए सुदृढ़ और गतिवान माहौल निर्मित करने के लिए सरकार द्वारा अनेक सुधारों की शुरूआत को रेखांकित किया। उन्होंने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आकार के आधार पर स्लैब आधारित प्रोत्साहनों की पेशकश करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, सीआईआई भारत को विदेशी निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक गंतव्य बनाने में सरकार को पूरा समर्थन जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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