
संयुक्त राष्ट्र में ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के साथ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की गूंज
न्यूयॉर्क । संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की धमक लगातार जारी है। अब स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामीजी महाराज की जन्मशती संयुक्त राष्ट्र में मनाई गयी। इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र में ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के साथ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की गूंज सुनाई दी।
भारतीय आध्यात्मिक संस्था बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था पूरी दुनिया में सक्रिय है। अक्षरधाम मंदिर का संचालन यही संस्था करती है। संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र संघ में विशेष समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारियों और दुनिया भर के राजनयिकों ने स्वामी जी महाराज के संदेश ‘एक दुनिया एक परिवार’ के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रमुख स्वामी जी महाराज दुनिया के सबसे महान आध्यात्मिक गुरुओं में से एक हैं। उनका जीवन, सेवा और करुणा के मूल्यों पर आधारित है। वक्ताओं ने समावेशी समाजों को विकसित करने के उद्देश्य से वैश्विक परियोजनाओं और सामाजिक-आर्थिक पहलों को प्रेरित किया। संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव मिगुएल मोराटिनोस ने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज ने पृथ्वी की सभी जरूरतों और कठिनाइयों को समझने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि स्वामी जी का जीवन सच्चे अर्थों में मानवता को एक संदेश है। यह एकता का संदेश है, अच्छाई का जश्न मनाने का संदेश है, शांति, सद्भाव और भाईचारे का संदेश है। वे भारत के सबसे महान आध्यात्मिक गुरुओं के रूप में सम्मानित हैं। कंबोज ने कहा कि स्वामी जी ने ‘विश्व एक परिवार है’ के सिद्धांत को जिया और दुनिया को सिखाया। ‘दुनिया को एक परिवार’ मानने का यह स्थायी दर्शन बाहरी दुनिया के साथ भारत के निरंतर संपर्क और विचारों के आदान-प्रदान का मार्गदर्शन करता है। भारत ‘जी 20’ का अध्यक्ष बना है और उसका केंद्रीय विषय ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है, जो प्राचीन भारतीय अवधारणा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ से जुड़ता है।(हि.स.)