दिल्ली में अतिक्रमण विरोधी अभियान के बीच दिखा नाटकीय अंदाज
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हाल ही में हुई हिंसा के बाद बढ़ते तनाव के बीच दिल्ली नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर दोनों पक्षों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और इसके साथ ही इस मुद्दे पर राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया भी आनी शुरु हो गयी।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता वृंदा करात ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) पर उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए यहां एक जेसीबी मशीन के सामने खड़ी होकर रास्ता रोक दी। उन्होंने कहा,“वे (एनडीएमसी) पूरी तरह से अदालत की अवमानना कर रहे हैं।”इसी बीच, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि जहांगीरपुरी में हुए दंगों के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हाथ है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है और यह अभियान भाजपा कार्यालय में चलाया जाना चाहिए।
श्री चड्ढा ने कहा,“अगर आप देश में सच में हिंसा को रोकना चाहते हैं, तो यह अतिक्रमण अभियान केंद्रीय गृह मंत्री के आवास पर चलाया जाना चाहिए क्योंकि देश में दंगा के पीछे वही (अमित शाह) जिम्मेदार हैं।”आप नेता ने कहा,“एमसीडी में पिछले 15 वर्षों से भाजपा का शासन है और उन भ्रष्ट अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने अतिक्रमण की अनुमति दी है।”अतिक्रमण विरोधी अभियान में नाटकीय मोड़ तब आया, जब शीर्ष न्यायालय के अभियान पर रोक के आदेश के बावजूद भी अभियान नहीं रुका। हालांकि करीब एक घंटे के लिए इस अभियान को रोक दिया गया था लेकिन फिर से इसे शुरु कर दिया गया और नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें शीर्ष अदालत के रोक के आदेश नहीं मिला है।इस अभियान को दोबारा शुरु करने के एक घंटे बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप एनडीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी गयी।न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने पर कड़ा रूख अपनाते हुए मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमन ने कहा,“अभियान को तुरंत रोकें।”शीर्ष अदालत ने कहा कि जहांगीरपुरी अतिक्रमण विरोधी अभियान पर गुरुवार को एक पीठ सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन हिंसा की घटना होने बाद यहां बुधवार और गुरुवार के दिन विशेष संयुक्त अतिक्रमण हटाने का कार्यक्रम तय किया गया था।मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले को गुरुवार को सूचीबद्ध करेंगे।राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी में करीब 1000 मीटर के दायरे में अवैध ढांचे को ढाह दिया गया। इस दौरान भारी पुलिस बल ने इलाकों में शांति बनाए रखी।दिल्ली पुलिस में विशेष पुलिस आयुक्त (सीपी) देवेंद्र पाठक, मेयर राजा इकबाल सिंह सहित नगर निगम के अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे।इससे पहले, कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका दायर की।इस दौरान, नगर निगम के अधिकारियों ने इस अभियान को अतिक्रमण विरोधी अभियान कहने से साफ इनकार कर दिया और उन्होंने कहा कि यह नियमित अतिक्रमण विरोधी अभ्यास है।इस अभियान से पहले, उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि क्षेत्र में अवैध निर्माण पर दो दिनों 20 और 21 अप्रैल को अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जाएगा।
गौरतलब है कि इलाके में 16 अप्रैल को सांप्रदायिक हिंसा के बाद जांच के दौरान सोमवार को अपराध शाखा के अधिकारियों को भी पथराव की स्थिति का सामना पड़ा। जिसके बाद भाजपा शासित नगर निगम ने दिल्ली पुलिस से कानून और व्यवस्था की स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए 400 की संख्या पुलिस बल देने का अनुरोध किया था।उल्लेखनीय है कि रामनवमी के अवसर पर कई राज्यों में हिंसा की घटना सामने आने के बाद ठीक इसी तरह की बुलडोजर कार्रवाई अन्य राज्यों में भी देखा जा रहा है।न्यूज़ सोर्स वार्ता